Nawada Protest: भेंडिंग जोन को लेकर जमीन मालिकों का हंगामा, जानें पूरा मामला
बिहार के नवादा में भेंडिंग जोन निर्माण को लेकर जमीन मालिकों का विरोध तेज। जानें इस विवाद की पूरी कहानी, कानूनी स्थिति और प्रशासन की भूमिका।
बिहार के नवादा जिले में टाउन थाना के सामने भेंडिंग जोन निर्माण की योजना को लेकर जमीन मालिकों ने जमकर प्रदर्शन किया। यह मामला कचहरी रोड से गांधी हाई स्कूल तक की 31 डिसमिल भूमि का है, जहां प्रशासन द्वारा जाम से राहत के लिए भेंडिंग जोन बनाने की योजना बनाई गई है।
हालांकि, जमीन मालिक इस योजना का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह भूमि कानूनी विवाद में उलझी हुई है और प्रशासन का यह कदम उनके साथ अन्याय है।
क्या है पूरा मामला?
कचहरी रोड से गांधी हाई स्कूल तक की यह भूमि खाता नंबर 166 और प्लॉट नंबर 3312 में दर्ज है। यह भूमि पहले नकट दुसाध, पिता फगु दुसाध, के नाम पर थी। लेकिन नए खतियान में इसे प्रदीप अग्रवाल समेत 10 अन्य लोगों के नाम पर दर्ज किया गया।
वर्तमान में यह मामला नवादा के न्यायालय में टाइटिल सूट TS-224/24 के तहत लंबित है, जो सब जज-7 के न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बावजूद, प्रशासन ने यहां भेंडिंग जोन बनाने की योजना बनाई है, जिससे जमीन मालिक नाराज हैं।
जमीन मालिकों का क्या कहना है?
जमीन मालिकों का कहना है,
"यह भूमि हमारी है, और इस पर भेंडिंग जोन बनाना सरासर अन्याय है। जब मामला अदालत में लंबित है, तो प्रशासन को ऐसा कदम उठाने का अधिकार नहीं है। हम इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।"
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने बिना उनकी सहमति के इस योजना को आगे बढ़ाने का फैसला लिया, जो पूरी तरह गलत है।
प्रदर्शन ने पकड़ी तेजी
जैसे ही जमीन मालिकों को भेंडिंग जोन निर्माण की जानकारी मिली, वे दर्जनों की संख्या में टाउन थाना के सामने इकट्ठा हो गए। उन्होंने न केवल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की बल्कि मीडिया से बात करते हुए अपनी आपत्तियां भी दर्ज कराईं।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह भूमि हमारी आजीविका का स्रोत है। इसे भेंडिंग जोन में तब्दील करने से हमारी रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा।
भेंडिंग जोन: प्रशासन का क्या कहना है?
प्रशासन का तर्क है कि नवादा शहर में जाम की समस्या गंभीर होती जा रही है। इसे कम करने के लिए सार्वजनिक स्थानों का व्यवस्थित उपयोग करना अनिवार्य है। भेंडिंग जोन के निर्माण से न केवल सड़क पर अतिक्रमण रुकेगा, बल्कि जाम से भी राहत मिलेगी।
हालांकि, प्रशासन ने जमीन मालिकों के विरोध पर कोई सीधा बयान नहीं दिया है।
ऐतिहासिक संदर्भ: नवादा में भूमि विवादों का सिलसिला
नवादा में भूमि विवाद कोई नया मुद्दा नहीं है। यह जिला लंबे समय से भूमि विवादों और कब्जों को लेकर चर्चा में रहा है। चाहे बात भूमि सुधार की हो या अतिक्रमण हटाने की, नवादा हमेशा से विवादों का केंद्र रहा है।
क्या होगा अगला कदम?
जमीन मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है। अगर यह मामला उच्च न्यायालय में पहुंचता है, तो यह प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
नवादा में भेंडिंग जोन निर्माण को लेकर जमीन मालिकों और प्रशासन के बीच टकराव ने एक बार फिर भूमि विवादों को उजागर किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत इस मामले में क्या रुख अपनाती है और प्रशासन इसे कैसे सुलझाता है।
आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? क्या प्रशासन का कदम सही है या जमीन मालिकों का विरोध जायज है? अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं।
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