Bollywood Secret Funeral: बॉलीवुड के 'जेलर' असरानी का सदमादेह अंत! मौत से पहले पत्नी मंजू को दिया था यह 'आखिरी वसीयतनामा' - जानें क्यों चुपचाप हुआ अंतिम संस्कार
मुंबई, 21 अक्टूबर 2025: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और कॉमेडी के बादशाह गोवर्धन असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे। दिग्गज कलाकार ने 20 अक्टूबर 2025 को 84 साल की उम्र में मुंबई के जुहू स्थित आरोग्य निधि अस्पताल में शाम करीब 4 बजे आखिरी सांस ली। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि उनके निधन की खबर तब सामने आई जब उनका अंतिम संस्कार हो चुका था। क्यों चुपचाप हुआ असरानी का अंतिम संस्कार? असरानी का अंतिम संस्कार 20 अक्टूबर 2025 की शाम को ही सांताक्रुज स्थित शास्त्री नगर श्मशान भूमि में किया गया। इस दौरान सिर्फ परिवार के करीबी सदस्य ही मौजूद थे। दरअसल, एक्टर के चुपचाप अंतिम संस्कार के पीछे की वजह उनकी आखिरी ख्वाहिश थी, जिसका खुलासा उनकी पत्नी मंजू असरानी ने किया। क्या थी असरानी की आखिरी ख्वाहिश? मंजू असरानी ने बताया कि असरानी लंबे समय से फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों से परेशान थे। वह पिछले पांच दिनों से अस्पताल में भर्ती थे, लेकिन उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनके निधन के बाद कोई शोर या हलचल न मचे। मंजू असरानी ने भावुक होते हुए कहा, "उन्होंने मौत से पहले ही मुझे कह दिया था कि उनकी मृत्यु की खबर किसी को न दी जाए। वह चाहते थे कि उनकी आखिरी यात्रा बिल्कुल शांत और सादगी के साथ निकले। यही कारण रहा कि हमने बिना किसी औपचारिक घोषणा या भीड़ के चुपचाप उन्हें अंतिम विदाई दी।" 'जेलर' ने हर पीढ़ी का जीता था दिल गोवर्धन असरानी सिर्फ एक कॉमेडियन नहीं थे, बल्कि एक बहुमुखी अभिनेता थे। उन्होंने अपने लंबे करियर में सैकड़ों फिल्मों में काम किया और अपनी अनूठी कॉमिक टाइमिंग से हर पीढ़ी के दर्शकों का दिल जीता। 'शोले' में उनका 'अंग्रेजों के जमाने के जेलर' का किरदार आज भी याद किया जाता है 'चुपके चुपके' और 'हेरा फेरी' जैसी फिल्मों में उनके यादगार रोल 'अभिमान' और 'मौसम' जैसी गंभीर फिल्मों में उनका अभिनय बॉलीवुड ने खोया एक हंसमुख सितारा असरानी के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके सहयोगी और प्रशंसक सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। एक्टर रिशी कपूर ने ट्वीट कर कहा, "असरानी जी ने हमेशा हंसाने का काम किया। आज वह खुद हमें छोड़कर चले गए, लेकिन उनकी हंसी हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगी।" विरासत को सलाम असरानी ने न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि टेलीविजन और थिएटर में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी। उनकी इस विरासत को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी। उनका जाना हिंदी सिनेमा के लिए एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई मुश्किल है। असरानी की यह आखिरी इच्छा उनके विनम्र और सादगी भरे व्यक्तित्व को दर्शाती है। वह चाहते तो एक भव्य अंतिम संस्कार की इच्छा रख सकते थे, लेकिन उन्होंने शांति और सादगी को चुना - जैसा कि उनका पूरा जीवन रहा।
मुंबई, 21 अक्टूबर 2025: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और कॉमेडी के बादशाह गोवर्धन असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे। दिग्गज कलाकार ने 20 अक्टूबर 2025 को 84 साल की उम्र में मुंबई के जुहू स्थित आरोग्य निधि अस्पताल में शाम करीब 4 बजे आखिरी सांस ली। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि उनके निधन की खबर तब सामने आई जब उनका अंतिम संस्कार हो चुका था।
क्यों चुपचाप हुआ असरानी का अंतिम संस्कार?
असरानी का अंतिम संस्कार 20 अक्टूबर 2025 की शाम को ही सांताक्रुज स्थित शास्त्री नगर श्मशान भूमि में किया गया। इस दौरान सिर्फ परिवार के करीबी सदस्य ही मौजूद थे। दरअसल, एक्टर के चुपचाप अंतिम संस्कार के पीछे की वजह उनकी आखिरी ख्वाहिश थी, जिसका खुलासा उनकी पत्नी मंजू असरानी ने किया।
क्या थी असरानी की आखिरी ख्वाहिश?
मंजू असरानी ने बताया कि असरानी लंबे समय से फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों से परेशान थे। वह पिछले पांच दिनों से अस्पताल में भर्ती थे, लेकिन उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनके निधन के बाद कोई शोर या हलचल न मचे।
मंजू असरानी ने भावुक होते हुए कहा, "उन्होंने मौत से पहले ही मुझे कह दिया था कि उनकी मृत्यु की खबर किसी को न दी जाए। वह चाहते थे कि उनकी आखिरी यात्रा बिल्कुल शांत और सादगी के साथ निकले। यही कारण रहा कि हमने बिना किसी औपचारिक घोषणा या भीड़ के चुपचाप उन्हें अंतिम विदाई दी।"
'जेलर' ने हर पीढ़ी का जीता था दिल
गोवर्धन असरानी सिर्फ एक कॉमेडियन नहीं थे, बल्कि एक बहुमुखी अभिनेता थे। उन्होंने अपने लंबे करियर में सैकड़ों फिल्मों में काम किया और अपनी अनूठी कॉमिक टाइमिंग से हर पीढ़ी के दर्शकों का दिल जीता।
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'शोले' में उनका 'अंग्रेजों के जमाने के जेलर' का किरदार आज भी याद किया जाता है
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'चुपके चुपके' और 'हेरा फेरी' जैसी फिल्मों में उनके यादगार रोल
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'अभिमान' और 'मौसम' जैसी गंभीर फिल्मों में उनका अभिनय
बॉलीवुड ने खोया एक हंसमुख सितारा
असरानी के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके सहयोगी और प्रशंसक सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। एक्टर रिशी कपूर ने ट्वीट कर कहा, "असरानी जी ने हमेशा हंसाने का काम किया। आज वह खुद हमें छोड़कर चले गए, लेकिन उनकी हंसी हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगी।"
विरासत को सलाम
असरानी ने न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि टेलीविजन और थिएटर में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी। उनकी इस विरासत को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी। उनका जाना हिंदी सिनेमा के लिए एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई मुश्किल है।
असरानी की यह आखिरी इच्छा उनके विनम्र और सादगी भरे व्यक्तित्व को दर्शाती है। वह चाहते तो एक भव्य अंतिम संस्कार की इच्छा रख सकते थे, लेकिन उन्होंने शांति और सादगी को चुना - जैसा कि उनका पूरा जीवन रहा।
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