काव्य स्पर्धा 2024

आदमी - नौशाद अहमद सिद्दीकी  | काव्य स्पर्धा 2024

सुधरा है न सुधरेगा कभी यार आदमी,  क्या करिए अपनी आदतों से है लाचार आदमी। ..

मेरी बेटी तूने ,क्यों कर लिया डिसाइड - एन. के.सिक्केवाल...

यह कविता सत्य घटना पर आधारित मेरी स्वरचित और मौलिक रचना है। कक्षा दसवीं की छात्र...

जीवन पथ  - शिवनाथ सिंह 'शिव'

जीवन की दुर्गम राहों पर, राही तुझ को चलना होगा । सर्दी, गर्मी, वर्षा आतप मौसम...

बाल पंचपदी - टी. आदि लक्ष्मी, अनंतपुरम , आंध्र प्रदेश ...

मां का पहला रूप शैलपुत्री है दुर्गा मां के रूप में श्री गायत्री है सफेद चीजों ...

कृष्ण अर्जुन संवाद - ब्रजेश कुमार त्रिपाठी, कुशीनगर | क...

भाई भाई का काल बने जो धनुष बाण संधान न चाहिए। हे केशव मुझे छोड़ अकेला ऐसा मुझक...

भारत देश हमारा - डॉ एन एल शर्मा "निर्भय" राजस्थान | काव...

वतन हमारा चमन जहां में,  है तन मन धन से प्यारा। हम जान लुटाते हैं इस पर, सारे...

ज्योतिषी बुलाता तोता राम - पोरंकी नागराजु ,कामवरपुकोटा ...

पेड़  उसका आवास डाली में उसका निवास मित्रों के साथ सहवास देखने में सुंदर एहसा...

माता पिता क्यों बने बोझ  - डाॅ0 यमुना तिवारी व्यथित | क...

माता पिता क्यों  बने बोझ  असहाय हुए अति क्यों लाचार, निज सुअन दिए क्यों बिसार ...

ग़ज़ल - रियाज खान गौहर भिलाई | काव्य स्पर्धा 2024

आप कुछ भी कहें वो बजा है जनाब  और हम कुछ कहें तो खता है जनाब .....

पिता का प्यार - धर्मबीर सिंह, जमशेदपुर, झारखंड

पिता का दिल सागर से गहरा, हर खुशी में बस उनका पहरा। चुपके से वो थामे हाथ हमारा...