Deoghar Protest: महिला कांग्रेस का हंगामा, गैस-डीजल की महंगाई पर केंद्र सरकार को घेरा
देवघर में महिला कांग्रेस ने गैस, डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ जोरदार धरना प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार पर गरीबों को लूटने का आरोप लगाया।

देवघर: बढ़ती महंगाई के बीच झारखंड के देवघर जिले में एक बार फिर जनता की आवाज़ गूंज उठी। जसीडीह संथाली मोहल्ला के वार्ड नंबर 1 में महिला कांग्रेस की ओर से गैस, डीजल और पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों के खिलाफ एक दिवसीय धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन ने इलाके में राजनीतिक हलचल मचा दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला महिला कांग्रेस की प्रमुख श्रीमती प्रमिला देवी ने की, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर देवघर जिला इंटक अध्यक्ष अनंत मिश्रा और झारखंड प्रदेश इंटक के सचिव अजय कुमार शामिल हुए। इस धरने में महिला कांग्रेस की दर्जनों सक्रिय कार्यकर्ताओं के साथ कई ग्रामीण महिलाएं भी शामिल हुईं, जिनकी उपस्थिति ने इस प्रदर्शन को और भी असरदार बना दिया।
आखिर क्यों उबल रहा है जनाक्रोश?
धरना स्थल पर मौजूद महिलाओं की आंखों में गुस्सा और उम्मीद दोनों नजर आ रही थी। आज से कुछ साल पहले तक जो गैस सिलेंडर गरीबों की रसोई तक पहुंचाया गया था, आज वही उनके बजट को हिला कर रख रहा है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
अजय कुमार, जो झारखंड प्रदेश इंटक के सचिव हैं, ने कहा, “जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत गिर रही है, तो भारत में पेट्रोल-डीजल क्यों महंगे हो रहे हैं? इसका सीधा मतलब है कि सरकार गरीबों की जेब पर सीधा हमला कर रही है।”
उन्होंने आगे जोड़ा, “मोदी सरकार को गरीबों और मध्यम वर्ग की परेशानियों से कोई मतलब नहीं। ये महंगाई आम जनता को आर्थिक गुलामी की ओर धकेल रही है।”
महिला कांग्रेस का सीधा हमला
श्रीमती प्रमिला देवी ने धरना को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे घर की रसोई से पहले गैस गायब हो रही है, अब बारी पेट्रोल और डीजल की है। सरकार आम जनता के आंसुओं से अनजान बनी बैठी है।”
उन्होंने केंद्र सरकार से अविलंब गैस, डीजल और पेट्रोल की कीमतों को घटाने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया तो यह आंदोलन राज्यभर में फैल जाएगा।
धरने में कौन-कौन रहा शामिल?
धरना स्थल पर कांग्रेस की सक्रिय महिला कार्यकर्ताओं की लंबी कतार दिखाई दी। इनमें शामिल थीं - मनोहर विश्वकर्मा, रोजी खातून, रूबी खातून, नजमा खातून, लाडली देवी, खुशबू देवी, आशा देवी, सीमा देवी, काजल देवी, उर्मिला देवी, माही देवी, सुषमा देवी, आरती देवी, नीलम देवी, लक्ष्मी देवी और पुष्पा देवी समेत दर्जनों महिलाएं।
इन सभी ने एक स्वर में केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया और गरीबों के पक्ष में आवाज उठाई।
इतिहास में भी ऐसे उठे हैं सवाल
भारत में ईंधन की कीमतें लंबे समय से राजनीतिक बहस का हिस्सा रही हैं। साल 2012 में जब यूपीए सरकार के समय में पेट्रोल की कीमत 70 रुपए के आसपास पहुंची थी, तब आज की सत्तारूढ़ पार्टी ने सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया था। आज वही कीमतें 100 के पार हैं, लेकिन विरोध करने वालों की आवाज़ अब सत्ता के गलियारों में दब गई है।
आगे क्या होगा?
इस धरने के जरिए महिला कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर महंगाई पर लगाम नहीं लगी, तो आंदोलन तेज़ किया जाएगा। झारखंड में महिला शक्ति की यह पहल आने वाले चुनावों में भी असर डाल सकती है।
धरना समाप्त होने से पहले सभी कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि वे तब तक चुप नहीं बैठेंगी, जब तक आम आदमी को राहत नहीं मिलती।
देवघर में हुआ यह विरोध प्रदर्शन केवल एक धरना नहीं, बल्कि एक संदेश था—सरकार को, व्यवस्था को और उन नीतियों को जो आम आदमी को कुचलने पर आमादा हैं। महिला कांग्रेस ने यह दिखा दिया कि अब देश की महिलाएं चुप नहीं रहेंगी, और महंगाई के खिलाफ उनका आंदोलन सिर्फ शुरुआत है।
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