HIV Infected Blood Chaibasa : थैलेसीमिया बच्चों को चढ़ाया गया एचआईवी संक्रमित खून, हेमंत सोरेन ने अधिकारी को दिया आदेश, जानें पूरा मामला
क्या आप जानते हैं चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून कैसे चढ़ाया गया? हेमंत सोरेन ने किसे निलंबित किया और पीड़ितों को क्या मिलेगा मुआवजा? पूरी खबर पढ़ें!
Chaibasa : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाए जाने की गंभीर घटना पर कड़ी कार्रवाई करते हुए पश्चिमी सिंहभूम के सिविल सर्जन समेत अन्य संबंधित पदाधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही पीड़ित बच्चों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की गई है।
"स्वास्थ्य प्रक्रिया में लचर व्यवस्था बर्दाश्त नहीं" - हेमंत सरकार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना को "अत्यंत पीड़ादायक" बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य प्रक्रिया में लचर व्यवस्था किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को राज्य के सभी ब्लड बैंक का ऑडिट कराकर पांच दिनों में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का संक्रमित होना अत्यंत पीड़ादायक है।
राज्य में स्थित सभी ब्लड बैंक का ऑडिट कराकर पांच दिनों में रिपोर्ट सौंपने का काम करे स्वास्थ्य विभाग। स्वास्थ्य प्रक्रिया में लचर व्यवस्था किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्री… — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) October 26, 2025
क्या आप जानते हैं पीड़ितों को क्या मिलेगा?
राज्य सरकार ने पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं:
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आर्थिक सहायता: प्रत्येक पीड़ित परिवार को 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि
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पूर्ण इलाज: संक्रमित बच्चों का पूरा इलाज राज्य सरकार द्वारा कराया जाएगा
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कड़ी कार्रवाई: जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन
क्या है पूरा मामला?
चाईबासा में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों का इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान उन्हें ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता पड़ी। लेकिन हैरानी की बात यह है कि उन्हें एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया। इस गंभीर लापरवाही का पता चलने के बाद मामला सामने आया और मुख्यमंत्री तक पहुंचा।
किन अधिकारियों पर गिर सकती है गाज?
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है:
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पश्चिमी सिंहभूम सिविल सर्जन
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ब्लड बैंक प्रभारी
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संबंधित डॉक्टर्स
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हेल्थ डिपार्टमेंट के अन्य अधिकारी
चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का संक्रमित होना अत्यंत पीड़ादायक है।
राज्य में स्थित सभी ब्लड बैंक का ऑडिट कराकर पांच दिनों में रिपोर्ट सौंपने का काम करे स्वास्थ्य विभाग। स्वास्थ्य प्रक्रिया में लचर व्यवस्था किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्री… — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) October 26, 2025
क्या होगा अगले 5 दिनों में?
हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग को 5 दिनों के भीतर राज्य के सभी ब्लड बैंक की ऑडिट रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। इस ऑडिट में:
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सभी ब्लड बैंक की गुणवत्ता की जांच होगी
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ब्लड स्क्रीनिंग प्रक्रिया की समीक्षा होगी
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कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय होगी
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भविष्य के लिए गाइडलाइन्स बनेंगी
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह घटना गंभीर चिकित्सकीय लापरवाही का मामला है। थैलेसीमिया के मरीजों को नियमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है, और उन्हें संक्रमित खून मिलना जानलेवा साबित हो सकता है।
क्या आप सुरक्षित हैं?
यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि क्या झारखंड के अस्पतालों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन सुरक्षित है? क्या आपको या आपके परिवार को कभी ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता पड़ी है? क्या आपने कभी ब्लड की गुणवत्ता की जांच करवाई?
हेमंत सोरेन की यह कार्रवाई संदेश देती है कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कार्रवाई भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोक पाएगी? क्या झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार आ पाएगा?
हमारे साथ बने रहिए इस मामले की हर नई अपडेट के लिए! कमेंट में जरूर बताएं कि आप इस घटना के बारे में क्या सोचते हैं? क्या स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत है?
याद रखिए, अगर आपने यह खबर नहीं पढ़ी, तो हो सकता है आप झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था की इस गंभीर समस्या से अनजान रह जाएं! क्या आप वाकई यह जोखिम उठाना चाहेंगे?
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