Panchayat Corruption : प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का खेल: खतनई पंचायत में मुखिया और उनके रिश्तेदारों पर गंभीर आरोप
खतनई पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना और अबुआ आवास योजना के तहत भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप। मुखिया राखी शेखर और सरकारी शिक्षक राजीव मंडल पर लाभार्थियों से वसूली और पात्र लोगों को योजना से वंचित करने का आरोप।
गोड्डा, खतनई पंचायत: प्रधानमंत्री आवास योजना और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी अबुआ आवास योजना के नाम पर गरीबों के अधिकारों पर डाका डालने का आरोप खतनई पंचायत के मुखिया राखी शेखर और उनके परिवार पर लगाया जा रहा है। आरोप है कि पंचायत में जिन लोगों के पास पहले से पक्का मकान है, उनके नाम पर योजनाओं का लाभ लिया गया। इस घोटाले में मुखिया के पति और सरकारी शिक्षक राजीव कुमार मंडल की संलिप्तता की बात भी सामने आई है।
कैसे खेला गया आवास योजना का खेल?
खतनई पंचायत में आवास योजना के तहत लाभार्थियों का चयन करते समय उन लोगों को शामिल किया गया जिनके पास पहले से पक्के मकान थे। आरोप है कि यह सब मुखिया राखी शेखर, उनके पति, और उनके भैसूर राजीव कुमार मंडल की मिलीभगत से हुआ। राजीव कुमार मंडल, जो रुपयामा पंचायत के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं, पर यह भी आरोप है कि वे दिनभर पंचायत में अवैध वसूली का काम करते हैं।
गरीबों के हक पर डाका
पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि जिनके नाम प्रधानमंत्री आवास योजना और अबुआ आवास योजना में रजिस्ट्रेशन हुआ, वे पहले से संपन्न लोग हैं। गरीब और असहाय परिवार, जिनका इन योजनाओं पर वास्तविक हक था, उनके नाम सूची से हटा दिए गए। यह भी आरोप है कि लाभार्थियों से योजना का लाभ दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूली गई।
मुखिया के पति और शिक्षक पर लगे गंभीर आरोप
- राजीव कुमार मंडल: राजीव मंडल, जो सरकारी शिक्षक हैं और पंचायत में सक्रिय भूमिका निभाते हैं, पर दिनभर पंचायत में वसूली का काम करने का आरोप है।
- मुखिया राखी शेखर: पंचायत की मुखिया होने के बावजूद, राखी शेखर पर योजनाओं में पारदर्शिता लाने के बजाय भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप है।
- परिवार का प्रभाव: मुखिया के पति और रिश्तेदारों ने पंचायत में अपनी मजबूत पकड़ का फायदा उठाकर योजनाओं का दुरुपयोग किया।
ग्रामीणों का गुस्सा और प्रशासन से मांग
पंचायत के लोगों ने इस भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे जिला मुख्यालय पर धरना देंगे।
प्रशासन और सरकार पर सवाल
- क्या सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक गरीबों तक पहुंच पा रहा है?
- पंचायत स्तर पर ऐसी भ्रष्ट गतिविधियों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
- क्या सरकारी शिक्षक जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति से ऐसी हरकतें स्वीकार्य हैं?
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