Kumhari Murder Mystery: गांव के ही युवक ने रची खौफनाक साजिश, चाकू से उतारा मौत के घाट!
कुम्हारी में अधेड़ की हत्या के रहस्य से पुलिस ने चौंकाने वाला पर्दा उठाया। गांव के ही युवक ने गुस्से में आकर की खून की वारदात, जानिए पूरी घटना की इनसाइड डिटेल।

भिलाई के कुम्हारी थाना क्षेत्र में बीते 17 अप्रैल की रात एक ऐसी वारदात हुई, जिसने पूरे गांव को दहशत में डाल दिया। अधेड़ उम्र के भागवत मारकण्डे की चाकू से निर्मम हत्या कर दी गई और हैरानी की बात ये रही कि आरोपी कोई बाहरी नहीं, बल्कि गांव का ही एक युवक निकला। लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक शांत दिखने वाला युवक, जयदीप साहू, अचानक खूनी बन बैठा?
पुलिस की तत्परता और तेज़ कार्रवाई ने इस केस को महज़ 24 घंटे में सुलझा लिया। लेकिन इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है – क्या गांवों में भी अब गुस्सा और असहिष्णुता जानलेवा होती जा रही है?
कैसे हुआ हत्या का खुलासा?
कुम्हारी थाना प्रभारी डीएल साहू और एसीसीयू की संयुक्त टीम ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया। 17-18 अप्रैल की रात को जब एपेक्स हॉस्पिटल से मृतक की ब्राड डेथ और शरीर पर चोट के निशान की सूचना मिली, तभी से पुलिस ने इसे हत्या मानते हुए धारा 103 बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया।
इसके बाद जांच टीम ने घटनास्थल और आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इन फुटेज में रात 11:45 से 12:40 के बीच एक युवक चाकू हाथ में लिए दौड़ता दिखाई दिया। शक की सूई गांव के ही जयदीप साहू पर जा टिकी, जिसकी पहचान बाद में ग्रामीणों से पूछताछ में पक्की हो गई।
क्या था हत्या की रात का असली कारण?
पुलिस हिरासत में जब जयदीप से कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उसने सारी सच्चाई उगल दी। जयदीप ने बताया कि वह घटना की रात खाना खाकर टहलने निकला था। तभी पड़ोस में रहने वाला भागवत मारकण्डे उसे देखकर शराब के नशे में मां-बहन की गालियां देने लगा। पहले तो जयदीप ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन जब अपशब्द और बढ़े, तो उसका गुस्सा फूट पड़ा।
वो अपने घर गया, चुपचाप चाकू उठाया और भागवत के कमरे में घुसकर उस पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। गला और पीठ पर लगे घातक हमलों ने भागवत की मौके पर ही जान ले ली। जयदीप उसे मरा हुआ छोड़कर वहां से फरार हो गया।
24 घंटे में कैसे सुलझी मर्डर मिस्ट्री?
इस पूरे मामले में पुलिस की सतर्कता और टीमवर्क सराहनीय रही। खुर्सीपार निरीक्षक अम्बर सिंह भारद्वाज, उप निरीक्षक डीएल साहू, सउनि सुभाष बोरकर और आरक्षक जी. किरण जैसे अधिकारियों ने मिलकर जमीनी स्तर पर पड़ताल की। एसीसीयू टीम की मदद से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और उसकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू भी बरामद कर लिया गया।
कुम्हारी जैसे कस्बों में बढ़ती हिंसा – एक चिंता का विषय?
इतिहास गवाह है कि छोटे गांव और कस्बे हमेशा से शांति और आपसी भाईचारे के लिए जाने जाते रहे हैं। लेकिन अब ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या चिंता का कारण बन रही है। कुम्हारी की ये घटना बताती है कि नशा, गुस्सा और सहनशीलता की कमी किस तरह एक छोटी सी बात को खूनखराबे में बदल सकती है।
पुलिस का संदेश – "गुस्सा जिंदगी ले सकता है"
इस केस ने न सिर्फ एक अधेड़ की जान ले ली, बल्कि एक युवक की जिंदगी को भी जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। पुलिस ने स्पष्ट संदेश दिया है कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। अगर जयदीप गुस्से को काबू में रखता, तो शायद आज दोनों की ज़िंदगी अलग होती।
आप क्या सोचते हैं – क्या गांवों में बढ़ती मानसिक अस्थिरता और नशे की लत ऐसे अपराधों की जड़ है?
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