Gorakhpur Empowerment: कंधे पर जिम्मेदारी! गोरखपुर के शाहपुर थाने की एक दिन की 'थाना प्रभारी' बनीं छात्रा अनुष्का यादव, मिशन शक्ति के तहत जनता की शिकायतें सुनीं और निस्तारण के निर्देश दिए, बोलीं- 'पुलिस का काम प्रेरणादायक', नेतृत्व और आत्मविश्वास बढ़ाने की अनोखी पहल!
गोरखपुर में 'मिशन शक्ति फेज-5.0' अभियान के तहत थाना शाहपुर पर कक्षा 12वीं की छात्रा अनुष्का यादव को एक दिन का थाना प्रभारी बनाया गया। अनुष्का ने जन शिकायतों को सुना और पुलिस कार्यप्रणाली, रजिस्टर लेखा आदि की बारीकियां सीखीं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बालिकाओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व की भावना को बढ़ावा देना है।
उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में योगी सरकार द्वारा चलाया जा रहा 'मिशन शक्ति' अभियान अब अपने फेज-5.0 में अनोखी पहल कर रहा है। इसी कड़ी में आज जनपद गोरखपुर के थाना शाहपुर पर एक ऐसी ऐतिहासिक घटना हुई, जिसने न सिर्फ वहां की व्यवस्था को बदला, बल्कि युवा छात्राओं को सीधे सत्ता के करीब लाया। सर्वहितकारी कन्या इंटर कॉलेज, बिछिया की कक्षा 12वीं की एक मेधावी छात्रा अनुष्का यादव को एक दिन के लिए थाना प्रभारी (थानेदार) की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई।
भारत के इतिहास में ब्रिटिश काल से चली आ रही पुलिस व्यवस्था को करीब से समझना किसी भी युवा नागरिक के लिए एक बड़ा अनुभव होता है। जब कानून व्यवस्था जैसे संवेदनशील पद पर एक छात्रा को बिठाया जाता है, तो इसका उद्देश्य केवल प्रतीकात्मक नहीं होता, बल्कि यह युवाओं को नेतृत्व और जवाबदेही के लिए प्रेरित करता है।
अनुष्का ने सुनी जन शिकायतें और दिए निर्देश
पदभार संभालने के बाद, 'थाना प्रभारी' अनुष्का यादव ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी गंभीरता से किया।
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जन सुनवाई: अनुष्का ने थाना परिसर में आने वाली जन शिकायतों को ध्यानपूर्वक सुना और उनके निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए।
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कार्यप्रणाली की बारीकियां: इस दौरान उन्होंने पुलिस की विस्तृत कार्यप्रणाली को समझा। इसमें रजिस्टर लेखा, मालखाना प्रबंधन, जनरल डायरी (जीडी) प्रविष्टि और थाने के अन्य दस्तावेजी कार्यों की जानकारी शामिल थी।
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प्रेरणादायक अनुभव: अपने अनुभव को साझा करते हुए, थाना प्रभारी बनीं छात्रा ने कहा कि यह उनके लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहा है और उन्होंने जाना कि पुलिस किस प्रकार लगातार जनता की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयासरत रहती है।
छात्राओं को कराया थाने का भ्रमण
अनुष्का यादव के साथ-साथ, अन्य छात्राओं को भी इस अभियान का हिस्सा बनाया गया।
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पुलिस व्यवस्था की शिक्षा: इन छात्राओं को पूरे थाने का भ्रमण कराया गया। उन्हें कानून व्यवस्था बनाए रखने के तरीकों, विभिन्न पुलिस विभागों के काम और शिकायत दर्ज करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
इस कार्यक्रम में मिशन शक्ति टीम के सदस्यगण, थाना शाहपुर के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
आत्मविश्वास और नेतृत्व का प्रोत्साहन
इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्पष्ट है—बालिकाओं में आत्मविश्वास, सुरक्षा और नेतृत्व की भावना को प्रोत्साहित करना। यह अभियान युवा पीढ़ी को यह सीखने का मौका देता है कि कानून के रखवाले बनना कितना चुनौतीपूर्ण और सम्मानजनक होता है। जब युवा लड़कियां इस तरह के पदों की जिम्मेदारी संभालती हैं, तो वे न सिर्फ समाज में एक सशक्त भूमिका निभाने के लिए प्रेरित होती हैं, बल्कि अन्य छात्राओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनती हैं।
'मिशन शक्ति' का यह चरण सिर्फ सरकारी योजना नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक परिवर्तन का आह्वान है जो बालिकाओं को यह भरोसा दिलाता है कि वे न सिर्फ देश का भविष्य हैं, बल्कि वर्तमान में भी नेतृत्व करने में सक्षम हैं।
आपकी राय में, 'मिशन शक्ति' के तहत इस तरह के कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए पुलिस प्रशासन को छात्राओं को और कौन से दो व्यावहारिक अनुभव (जैसे पेट्रोलिंग या एफआईआर दर्ज करना) प्रदान करने चाहिए?
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