BHILAI Celebration: सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को दी श्रद्धांजलि, गानों ने किया माहौल मंत्रमुग्ध
भिलाई में लता मंगेशकर के जन्मदिन पर आयोजित संगीत महफ़िल में कलाकारों ने उनके गीतों की प्रस्तुति दी, दर्शकों ने आनंद लिया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
भिलाई : विगत दिवस सांगीतिक संस्था "सुर संगीत संगम" और मेलोडी मेकर्स भिलाई ने लता मंगेशकर के जन्मदिन के अवसर पर रशियन काम्प्लेक्स, सेक्टर 7 में एक भव्य संगीतमय आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल लता जी की याद में उनकी संगीत धरोहर को प्रस्तुत करना ही नहीं था, बल्कि संगीत प्रेमियों को उनके गानों की मधुरता में खो जाने का अवसर भी प्रदान करना था।
कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियाँ
कार्यक्रम में अंचल और प्रदेश की सुप्रसिद्ध गायिकाओं ने भाग लिया। इसमें शामिल थीं:
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अलका शर्मा
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शिप्रा मंडल
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मंजीता भारद्वाज
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प्रनोती गजभिए
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माया बैनर्जी
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सुनीता मलिक
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रेखा ब्राहमने
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मुनमुन सेनगुप्ता
इन कलाकारों ने लता मंगेशकर के लोकप्रिय गीतों की प्रस्तुतियाँ दीं और दर्शकों के मन को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके सुरों ने जैसे पूरे हॉल को संगीत की लहरों से भर दिया।
कार्यक्रम का संचालन मशहूर गायिका और उद्घोषिका माया बैनर्जी ने किया, जिन्होंने अपने अनोखे अंदाज से सभी का मन मोह लिया।
संगीत के माध्यम से श्रद्धांजलि
संगीत आयोजन का मुख्य उद्देश्य था लता मंगेशकर को उनके जन्मदिन पर श्रद्धांजलि अर्पित करना। आयोजकों महेश कुमार विनोदिया और शांताराम वानखेडे ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम का फेसबुक लाइव प्रसारण भी किया गया, जिससे देशभर के लोग इस सांगीतिक महफ़िल का हिस्सा बन सके।
विशेष रूप से कार्यक्रम में उपस्थित थे:
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डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव
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जितेन्द्र टांडी
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ऋषभ राज
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मधु विनोदिया
इन व्यक्तियों की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और भी प्रतिष्ठित बना दिया।
लता मंगेशकर की धरोहर
लता मंगेशकर, जिन्हें सुर साम्राज्ञी कहा जाता है, का योगदान भारतीय संगीत और फिल्म जगत में अमूल्य है। उनके गाने केवल संगीत प्रेमियों के लिए ही नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं, जिसने जीवन में संघर्ष और सफलता का अनुभव किया। उनके स्वर आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में अमिट स्थान रखते हैं।
कार्यक्रम में प्रस्तुत गीतों में पुराने दौर के क्लासिक हिट्स के साथ-साथ कुछ दुर्लभ गीतों की प्रस्तुति भी की गई, जिससे श्रोताओं को लता जी के संगीत के विविध आयाम देखने को मिले।
संगीत और भावनाओं का संगम
कार्यक्रम के दौरान दर्शक भावनाओं से ओत-प्रोत हो गए। कई श्रोता तो कुछ गीतों पर आंसू रोक नहीं पाए, क्योंकि लता जी के गीतों में भावनाओं की गहराई ऐसी है कि वह सीधे दिल को छू जाती हैं।
इस महफ़िल ने यह साबित किया कि संगीत सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह लोगों को जोड़ने, भावनाओं को व्यक्त करने और संस्कृति को जीवित रखने का भी एक शक्तिशाली तरीका है।
भिलाई में आयोजित यह संगीत महफ़िल न केवल लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देने का अवसर थी, बल्कि एक सांगीतिक यात्रा थी, जिसने श्रोताओं के दिलों को संगीत के जादू में बाँध लिया। कलाकारों की प्रतिभा, संचालन की खूबसूरती और कार्यक्रम का जीवंत माहौल इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बना गया।
इस आयोजन ने दर्शाया कि भारतीय संगीत की धरोहर, चाहे पुराना हो या नया, हमेशा लोगों के दिलों में जीवन्त रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
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