Global Conflict: ट्रेड वॉर तेज! ट्रंप ने चीन को दी बड़ी चेतावनी, बोले- सोयाबीन नहीं खरीदा तो कुकिंग ऑयल समेत अन्य व्यापार भी बंद, चीन का 'दरार डालने वाला एजेंडा' टारगेट, चीन ने अमेरिकी जहाजों पर नया टैरिफ लगाकर दिया जवाब, क्या यह तनाव दुनिया को एक नए आर्थिक संकट की ओर धकेल रहा है?
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव चरम पर पहुंच गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर चीन ने अमेरिकी सोयाबीन खरीदना बंद रखा, तो अमेरिका कुकिंग ऑयल सहित अन्य व्यापारिक गतिविधियों को रोक सकता है। चीन ने भी अमेरिकी जहाजों पर नया टैरिफ लगाया है और रेयर अर्थ मिनरल के निर्यात पर नियंत्रण की घोषणा की है।
विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता व्यापारिक तनाव एक नए और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को स्पष्ट और कड़ी चेतावनी दी है कि अगर बीजिंग ने अमेरिकी सोयाबीन खरीदना बंद रखा, तो बदले में वॉशिंगटन कुकिंग ऑयल और अन्य महत्वपूर्ण व्यापारिक गतिविधियों को रोक सकता है। ट्रंप के इस बयान ने दुनिया भर के शेयर बाजारों और कमोडिटी ट्रेडर्स के बीच हलचल मचा दी है, जिससे वैश्विक आर्थिक अस्थिरता का खतरा और गहरा गया है।
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से चले आ रहे खुले वैश्विक व्यापार व्यवस्था को इस तरह के व्यापारिक युद्ध से बतरा खतरा उत्पन्न हो गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ सोयाबीन या तेल का मामला नहीं है, बल्कि यह आर्थिक क्षेत्र में वैश्विक महाशक्ति बनने की होड़ है, जहां दोनों देश एक-दूसरे को झुकाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
चीन का 'दरार डालने वाला' एजेंडा टारगेट
ट्रंप ने यह चेतावनी वॉशिंगटन में अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ मुलाकात के बाद दी। ट्रंप ने चीन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चीन जानबूझकर अमेरिका और अर्जेंटीना के व्यापारिक रिश्तों में दरार डालने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि "चीन को दरार डालना पसंद है।"
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आर्थिक शत्रुता: ट्रंप ने चीन द्वारा अमेरिकी सोयाबीन न खरीदने को "आर्थिक रूप से शत्रुतापूर्ण" बताया। उन्होंने साफ कहा कि यह सीधा अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचाने का जानबूझकर किया गया एक कदम है।
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ट्रुथ सोशल पर धमकी: ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर भी पोस्ट कर इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका इसकी काट के तौर पर कुकिंग ऑयल सहित अन्य व्यापारिक समझौतों को खत्म करने पर विचार कर रहा है।
चीन का पलटवार: टैरिफ और दुर्लभ खनिज
ट्रंप की चेतावनी से पहले ही चीन ने अमेरिका के खिलाफ बड़े कदम उठाने शुरू कर दिए थे, जो व्यापार युद्ध की आग में घी डालने का काम कर रहे हैं।
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अमेरिकी जहाजों पर शुल्क: 14 अक्टूबर से चीन ने अपने बंदरगाहों पर आने वाले अमेरिकी जहाजों पर नया शुल्क लगाना शुरू कर दिया है। यह शुल्क शुरुआत में 400 युआन (करीब 56 डॉलर) प्रति शुद्ध टन से शुरू हुआ है और अगले तीन वर्षों तक हर साल बढ़ता जाएगा। चीन ने इसे अमेरिका द्वारा चीनी जहाजों पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क का जवाब बताया।
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रेयर अर्थ मिनरल पर नियंत्रण: चीन ने इसी बीच यह भी ऐलान किया है कि वह अपने रेयर अर्थ मटेरियल (दुर्लभ खनिजों) के निर्यात पर कड़ा नियंत्रण लगाएगा। इन खनिजों का उपयोग उच्च प्रौद्योगिकी उत्पादों और सैन्य उपकरणों में होता है, और इस कदम से अमेरिकी तकनीकी उद्योग को बड़ा झटका लग सकता है।
ट्रंप ने इसके जवाब में 1 नवंबर से चीन पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और अन्य कड़े प्रतिबंध लागू करने की भी धमकी दी है। इस सबके बीच चीन ने अमेरिका से अपील की है कि वह अपनी गलतियों को सुधारे और व्यापारिक वार्ता में ईमानदारी दिखाए, लेकिन यह अपील बढ़ते तनाव के सामने फीकी पड़ती दिखाई दे रही है।
आपकी राय में, इस व्यापार युद्ध में रेयर अर्थ मिनरल (दुर्लभ खनिज) के निर्यात पर चीन का नियंत्रण लगाने का फैसला अमेरिका के किस दो सबसे प्रमुख उद्योगों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा सकता है और क्यों?
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