Jamshedpur Jail: ओडिशा के राउरकेला में 40-50 लाख की चोरी की गुत्थी सुलझी, गोलमुरी पुलिस के सहयोग से चोर गिरफ्तार!
ओडिशा के राउरकेला सेक्टर-19 में हुई 40-50 लाख रुपये की चोरी के मामले में जमशेदपुर के टुइलाडुंगरी निवासी शंभू सिंह को गोलमुरी पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया गया है। पिछले 25 दिनों में हुई पांच चोरियों का खुलासा हुआ है। पुलिस चोरी के माल की बरामदगी के लिए पूछताछ कर रही है।
अपराध और अपराधी अक्सर राज्यों की सरहदों को नहीं मानते, लेकिन जब पुलिस दोनों राज्यों की सरहदों के पार सहयोग करती है, तो बड़े से बड़े अपराध की गुत्थी भी सुलझ जाती है। झारखंड और ओडिशा की पुलिस ने हाल ही में एक ऐसे ही बड़े अंतरराज्यीय चोरी के मामले का पर्दाफाश किया है, जिसमें चोरी करने वाला ओडिशा से भागकर जमशेदपुर के टुइलाडुंगरी में छिपा बैठा था।
यह मामला ओडिशा के राउरकेला सेक्टर-19 थाना क्षेत्र का है, जहां विगत 25 दिनों के भीतर पांच अलग-अलग घरों में चोरी की बड़ी घटनाएं हुई थीं। चोरी की यह राशि करीब 40-50 लाख रुपये के आसपास बताई जा रही है। ओडिशा पुलिस ने झारखंड के जमशेदपुर पुलिस के सहयोग से इस चोरी के मुख्य आरोपी शंभू सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
लाखों की चोरी: टुइलाडुंगरी से कैसे जुड़ी कड़ियां?
राउरकेला के इन इलाकों में एक के बाद एक हुई चोरी की घटनाओं ने ओडिशा पुलिस की नींद उड़ा दी थी। जब जांच की कड़ियां जुड़नी शुरू हुईं, तो पुलिस को पता चला कि इस चोरी का मुख्य आरोपी जमशेदपुर के गोलमुरी थाना क्षेत्र के टुइलाडुंगरी का रहने वाला शंभू सिंह है। यह खुलासा जमशेदपुर पुलिस ने किया।
पुलिस के अनुसार, शंभू सिंह ने राउरकेला सेक्टर-19 के विभिन्न इलाकों में घुसकर लगातार लाखों रुपये के सामानों पर हाथ साफ किया था। सवाल यह है कि क्या शंभू सिंह अकेले ही इस चोरी को अंजाम देता था, या उसके पीछे कोई बड़ा और संगठित अंतरराज्यीय गैंग सक्रिय है? चूंकि चोरी की राशि बहुत बड़ी है, इसलिए गैंग होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
बरामदगी की चुनौती: पुलिस के लिए अगला कदम क्या?
जमशेदपुर पुलिस के सहयोग से शंभू सिंह को गिरफ्तार तो कर लिया गया है, लेकिन अभी तक पुलिस ने चोरी का कोई भी सामान बरामद नहीं किया है। गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह शंभू सिंह से पूछताछ करके लाखों रुपये के चोरी के माल की बरामदगी करे। चोरी का माल बरामद होने पर ही इस मामले में पुलिस को पूरी सफलता मिल पाएगी।
इस संबंध में ओडिशा पुलिस ने सार्वजनिक रूप से झारखंड पुलिस के सहयोग की सराहना की है। ओडिशा पुलिस का कहना है कि झारखंड पुलिस का सहयोग काफी अहम रहा और आगे भी इसी तरह का सहयोग मिलता रहेगा। यह मामला दिखाता है कि अंतरराज्यीय अपराधों से निपटने के लिए राज्यों की पुलिस का सहयोग कितना आवश्यक है। शंभू सिंह से चल रही पूछताछ के बाद जल्द ही इस मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
आपकी राय में, अंतरराज्यीय चोरी के ऐसे मामलों में, जहां लाखों का माल बरामद नहीं हुआ है, अपराधियों के गैंग और चोरी के माल का पता लगाने के लिए पुलिस को कौन से दो सबसे नवीन और तकनीकी कदम उठाने चाहिए?
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