Jamshedpur Kidnapping: बकाया पैसे के लिए अपहरण! बिष्टुपुर से मासूम आरिश गद्दी को अगवा करने की साजिश का खुलासा, पिता के भाई से बदला लेने के लिए रची गई रंजिश, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, पुलिस की त्वरित कार्रवाई
जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाना क्षेत्र के रामदास भट्ठा ग्वाला बस्ती से 6 वर्षीय मासूम आरिश गद्दी के अपहरण मामले का खुलासा हो गया है। सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने बताया कि अपहरण का कारण आरिश के चाचा द्वारा मजदूरी का बकाया पैसा न देना था। पुलिस ने मुख्य आरोपी शेख इशादुल हक (55) को गिरफ्तार कर लिया है और बच्चे को सुरक्षित बरामद किया गया है।
जमशेदपुर शहर के बिष्टुपुर थाना क्षेत्र के रामदास भट्ठा ग्वाला बस्ती से अपहृत 6 वर्षीय मासूम आरिश गद्दी के मामले में पुलिस ने न केवल बच्चे को सुरक्षित बरामद किया है, बल्कि इस अपहरण के पीछे की चौंकाने वाली साजिश का भी पर्दाफाश कर दिया है। यह मामला दिखाता है कि कैसे पैसे के मामूली लेनदेन और आपसी रंजिश की आग मासूम बच्चों की जिंदगी को खतरे में डाल सकती है।
भारतीय दंड संहिता और कानूनी इतिहास में अपहरण के कई मामले सामने आए हैं, लेकिन अक्सर छोटी सी रंजिश के लिए अपराधियों का मासूमों को निशाना बनाना, समाज के नैतिक पतन को दर्शाता है। झारखंड जैसे क्षेत्रों में, मजदूरों के बकाया पैसे का विवाद कई बार हिंसक रूप ले चुका है, लेकिन इस बार अपहरण तक पहुंचना गंभीर चिंता का विषय है।
बकाया मजदूरी के लिए मासूम का अपहरण
सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में पूरे मामले का खुलासा किया और बताया कि अपहरण के पीछे एक वर्ष पुराने बकाया मजदूरी का विवाद था।
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रंजिश की जड़: आरिश के पिता फिरदौष गद्दी के भाई के यहां तीन लोग काम करते थे। इन तीनों का कुछ मजदूरी का पैसा बकाया था, जिसे आरिश के चाचा नहीं चुका रहे थे।
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बदले की साजिश: इसी आर्थिक विवाद के चलते तीनों आरोपियों ने फिरदौष गद्दी के भाई से बदला लेने की षड्यंत्र रची और मासूम आरिश गद्दी का अपहरण कर लिया।
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मुख्य आरोपी गिरफ्तार: पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले के मुख्य आरोपी शेख इशादुल हक (55) को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, साजिश में शामिल तीन अन्य आरोपियों की तलाश अभी भी जारी है।
एसपी की मॉनिटरिंग और पुलिस की सक्रियता
इस मामले में पुलिस की कार्रवाई सराहनीय रही है। सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने स्वयं घटना की मॉनिटरिंग की और बिष्टुपुर थाना प्रभारी की भूमिका भी अहम रही।
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सुरक्षित बरामदगी: पुलिस टीम ने पूरी सक्रियता दिखाते हुए अपहृत बच्चे को जल्द ही सुरक्षित बरामद कर लिया, जिससे बच्चे और उसके परिवार ने राहत की सांस ली।
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सख्त चेतावनी: सिटी एसपी ने स्पष्ट किया कि अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों पर कड़ी निगरानी रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
यह मामला एक बार फिर जमीनी स्तर पर चलने वाले वित्तीय विवादों की गंभीरता को उजागर करता है, जो अक्सर मासूम लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल देता है।
आपकी राय में, मजदूरों के बकाया भुगतान संबंधी विवादों को अपहरण जैसे अपराध में बदलने से रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन और श्रमिक विभाग को कौन से दो कड़े नियम बनाने और लागू करने चाहिए?
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