Gorakhpur Murder: 'बंगालिन' ताने की खौफनाक कीमत! दादी के बोल बने मौत की वजह, नातिन ने गड़ासी से काटकर दी दर्दनाक मौत, मां-बेटी ने शव को बोरे में भरकर साइकिल से फेंका, पीपीगंज थाना क्षेत्र के हत्याकांड का पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा!
गोरखपुर के पीपीगंज थाना क्षेत्र में हुई बुजुर्ग महिला की हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। दादी के लगातार तानों से नाराज नातिन खुशी कुमारी ने गड़ासी से वार कर उनकी हत्या कर दी। मां उत्तरा देवी ने शव को छिपाने में मदद की। दोनों मां-बेटी गिरफ्तार, गड़ासी और साइकिल बरामद।
पारिवारिक रिश्तों में छिपी द्वेष और घृणा जब चरम पर पहुंचती है, तो अक्सर वह खूनी और खौफनाक अंजाम लेती है। जनपद गोरखपुर के पीपीगंज थाना क्षेत्र में एक बुजुर्ग महिला की हत्या के मामले का पुलिस ने आज जो खुलासा किया है, वह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि परिवार के अंदर पल रहे मानसिक उत्पीड़न और नफरत की एक दर्दनाक कहानी है। दादी के लगातार ताने और बुरा व्यवहार एक नातिन के गुस्से को इस कदर बढ़ा गया कि उसने गड़ासी से वार करके अपनी दादी को ही मौत के घाट उतार दिया।
भारतीय समाज में पारिवारिक संरचना को हमेशा पवित्र माना गया है, लेकिन हाल के वर्षों में घरेलू झगड़ों के चलते होने वाले अपराधों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ी है। यह मामला विशेष रूप से संवेदनशील है क्योंकि अपराध के पीछे का कारण "बंगालिन" जैसे क्षेत्रीय ताने और नौकरानी जैसा व्यवहार बताया जा रहा है, जो सामाजिक सहिष्णुता पर भी गहरे सवाल खड़े करता है।
बहू की तहरीर पर दर्ज हुआ था मुकदमा
पुलिस अधीक्षक उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता करके इस सनसनीखेज खुलासे की जानकारी दी। 26 सितंबर 2025 को पीपीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में बुजुर्ग महिला का शव मिलने के बाद, शुरुआत में मृतका की बहू उत्तरा देवी ने ही अज्ञात के विरुद्ध हत्या की तहरीर दी थी।
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शक की सुई: जांच के दौरान, पुलिस को मृतका के परिवार पर ही शक हुआ। पुलिस की गहन पूछताछ के सामने बहू उत्तरा देवी और नातिन खुशी कुमारी टूट गईं और उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
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गिरफ्तार अभियुक्ताएं: उत्तरा देवी पत्नी परदेशी उर्फ राजेश और खुशी कुमारी पुत्री परदेशी उर्फ राजेश, निवासी ग्राम भुईधरपुर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
'बंगालिन' ताना बना हत्या की वजह
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि उत्तरा देवी की यह दूसरी शादी थी और उसकी बेटी खुशी कुमारी पहली शादी से थी। मृतका, जो खुशी की दादी थी, वह उन्हें अक्सर "बंगालिन" कहकर ताने मारती थी और घर में नौकरानी जैसा व्यवहार करती थी।
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गुस्से में हत्या: नातिन खुशी कुमारी ने बताया कि दादी की लगातार प्रताड़ना से वह मानसिक रूप से परेशान थी। घटना वाले दिन जब उसकी मां घर से बाहर गई थी, तो उसने गुस्से में मढ़ई में सो रही दादी के सिर पर गड़ासी से वार कर उनकी हत्या कर दी।
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शव को छिपाना: मां के लौटने पर, दोनों ने मिलकर रात के अंधेरे में शव को एक बोरे में भरा और साइकिल से गांव के बाहर फेंक दिया ताकि हत्या एक अज्ञात वारदात लगे।
पुलिस ने अभियुक्ताओं की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त गड़ासी, जिसे गोबर में छिपाया गया था, और इस्तेमाल की गई साइकिल बरामद कर ली है। दोनों मां-बेटी को जेल भेज दिया गया है और आगे की विधिक कार्रवाई जारी है।
आपकी राय में, पारिवारिक तानों और मानसिक प्रताड़ना को हत्या जैसे खौफनाक अंजाम तक पहुंचने से रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर कौन से दो सबसे प्रभावी सामुदायिक और कानूनी उपाय किए जाने चाहिए?
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