Adityapur Puja Pandal Collapse : दुर्गा पूजा पंडाल का तोरण द्वार उद्घाटन के 24 घंटे बाद गिरा, अफरा-तफरी मच गई

Adityapur में दुर्गा पूजा पंडाल के तोरण द्वार के गिरने से मचा हड़कंप, उद्घाटन के 24 घंटे में ही बड़ा हादसा – आयोजनकर्ताओं की व्यवस्था, कारीगरों की जिम्मेदारी और सुरक्षा पर उठे सवाल।

Sep 26, 2025 - 14:34
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Adityapur Puja Pandal Collapse : दुर्गा पूजा पंडाल का तोरण द्वार उद्घाटन के 24 घंटे बाद गिरा, अफरा-तफरी मच गई
Adityapur Puja Pandal Collapse : दुर्गा पूजा पंडाल का तोरण द्वार उद्घाटन के 24 घंटे बाद गिरा, अफरा-तफरी मच गई

जमशेदपुर से सटे सरायकेला जिले के आदित्यपुर स्थित Singhbhum Boys Club S Type Durga Puja Committee की तैयारियों को शुक्रवार दोपहर जोरदार झटका लगा। शुक्रवार, 26 सितंबर 2025 को बारिश के बीच, भव्य पूजा पंडाल का तोरण द्वार (मुख्य प्रवेश द्वार) अचानक भरभरा कर गिर पड़ा। Rain-सप्ताह में श्रद्धालुओं और आयोजनकर्ताओं के होश उड़ गए। हालांकि, गनीमत रही कि इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ। पर एक बड़ा हादसा टल गया, वहीं आयोजकों की नाकामी उजागर हो गई

Panic Se झटका: उद्घाटन के 24 घंटे में कैसे टूटा द्वार?

गुरुवार शाम को ही पंडाल का भव्य उद्घाटन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और इचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया था। उद्घाटन के महज 24 घंटे भी पूरे नहीं हुए थे कि आंधी-बारिश की वजह से अर्धनिर्मित Toरण अचानक गिर गया। हादसे के समय सड़क पर बजट या रुकावट थी, जिससे कई लोग बाल-बाल बच गए।

Curiosity: पंडाल की तैयारी, कारीगरों की जिम्मेदारी या लापरवाही?

स्थानीय लोगों में चर्चा शुरू है – क्या ये हादसा कारीगरों की लापरवाही या जल्दबाजी का नतीजा था? कमेटी का कहना है कि ‘युद्धस्तर’ पर मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है। लेकिन बार-बार होने वाली ऐसी घटनाएं संकेत देती हैं कि पंडाल निर्माण में सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीरता की जरूरत है। कुछ लोग इसे दुर्भाग्य मान रहे हैं तो कुछ आयोजनकर्ताओं की व्यवस्थागत नाकामी और असावधानी।

Singhbhum Boys Club: इतिहास और प्रतिष्ठा पर सवाल

भारतीय पूजा परंपरा में पंडाल और उसके तोरण द्वार की धार्मिक व सामाजिक अहमियत है। सिंहभूम बॉयज क्लब का पंडाल हर साल अपनी थीम, भव्यता और सुरक्षा में श्रेष्ठता के दावे के साथ शहर का आकर्षण रहता है। लेकिन इस साल ऐसा हादसा कार्यशैली और व्यवस्थापन पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा गया है। आयोजन समिति अब हर हाल में समय रहते मरम्मत का भरोसा दे रही है।

Social Media Buzz: श्रद्धालु और स्थानीय को क्या कहते हैं?

घटना के बाद सोशल मीडिया पर चिंता, मीम और बहस तेज हो चुकी है। श्रद्धालुओं में डर और नाराजगी है कि कहीं यह पूजा पर ‘अनिष्ट’ का संकेत तो नहीं? वहीं कुछ श्रद्धालु खतरनाक घटनाओं को सतर्कता और प्रयत्न का संकेत मान रहे हैं।

Curiosity: क्या सीखा जाए?

  • क्या बारिश के मौसम में पंडाल-तोरण निर्माण में नए सुरक्षा उपाय जरूरी हैं?

  • क्या आयोजनों में समयसीमा से ज्यादा गुणवत्तापरक कार्य पर बल देना चाहिए?

  • क्या संबंधित विभागों को सालाना जांच मानक बनानी चाहिए?

संवाद का अंत: वक्त है संभलने का

Singhbhum Boys Club Committee अब युद्धस्तर पर तोरण द्वार की मरम्मत में जुटी है। सवाल ये भी है कि क्या श्रद्धालुओं के भरोसे और आयोजन की प्रतिष्ठा की मरम्मत संभव है?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।