Amit Shah 60th Birthday : रणनीति के चाणक्य का 60वां जन्मदिन! गृहमंत्री अमित शाह को पीएम मोदी ने दी बधाई, क्यों कहा- हर भारतीय को सुरक्षित जीवन देने का प्रयास सराहनीय है?
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज 22 अक्टूबर को अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए उनके अथक समर्पण की सराहना की। गुजरात के गृहमंत्री से भाजपा अध्यक्ष बनने और 2014 में उत्तर प्रदेश में पार्टी को 73 सीटों की ऐतिहासिक जीत दिलाने तक का उनका सफर राजनीतिक सूझबूझ का उत्कृष्ट उदाहरण है।
भारतीय राजनीति के पटल पर अपने अमिट छाप छोड़ने वाले और संगठन के हर पेंच को जानने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज अपनी जिंदगी के 60वें दशक में प्रवेश कर रहे हैं। 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में जन्म लेने वाले शाह को जन्मदिन के इस खास मौके पर देश और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से बधाइयाँ मिल रही हैं। इन बधाइयों में सबसे खास है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना, जिसमें उन्होंने शाह के उस योगदान को रेखांकित किया है, जिसका संबंध सीधे हर भारतीय की सुरक्षा से है।
पीएम मोदी की बधाई: सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन
सोशल मीडिया मंच X पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमित शाह को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए उनकी मेहनत और जनसेवा के प्रति समर्पण को बड़ा कारण बताया है। हालांकि, पीएम मोदी ने विशेष रूप से गृहमंत्री के रूप में शाह के अथक कार्यों की ओर इशारा किया।
पीएम मोदी ने लिखा, “उन्होंने भारत के आंतरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने का काम किया है और प्रत्येक भारतीय सुरक्षित एवं सम्मानजनक जीवन जिए, यह सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने सराहनीय प्रयास किए हैं। मैं उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।”
यह सराहना दर्शाती है कि आंतरिक सुरक्षा, जिसमें आतंकवाद, नक्सलवाद और सीमाई सुरक्षा शामिल है, जैसे गंभीर मुद्दों पर शाह की रणनीति कितनी सफल रही है। उनकी मजबूत पकड़ और फैसले लेने की अक्षमता ने उन्हें मौजूदा सरकार के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक बना दिया है।
मानसा के नगर सेठ की विरासत और राजनीतिक उत्कर्ष
अमित शाह का पृष्ठभूमि भी उनकी दृढ़ता को दर्शाती है। उनके दादा गायकवाड़ के बड़ौदा राज्य की छोटी सी रियासत मानसा में एक धनी व्यापारी **(नगर सेठ) हुआ करते थे। एक व्यापारी पृष्ठभूमि से निकलकर उन्होंने गुजरात के गृहमंत्री से लेकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फिर देश के गृहमंत्री तक का सफर तय किया। 2019 के लोकसभा चुनावों में वह गांधी नगर से लोकसभा सांसद चुने गए।
लेकिन उनकी रणनीतिक कुशलता ने उन्हें अमर तब बना दिया जब 2014 के चुनावों में उन्हें उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया। यह एक ऐसी चुनौती थी जिसका सामना भाजपा के किसी भी नेता ने पहले नहीं किया था। शाह के नेतृत्व में पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 80 में से ऐतिहासिक 73 सीटें जीतीं, जिससे पार्टी का वोट प्रतिशत 42% तक पहुंच गया। यह जीत सिर्फ चुनाव नहीं थी, बल्कि राजनीति विज्ञान के छात्रों के लिए एक मास्टरक्लास थी जो शाह की संगठनात्मक पकड़ और रणनीतिक गहनता को दर्शाती है।
आज, जब वह अपने जीवन का यह महत्वपूर्ण मुकाम हासिल कर रहे हैं, तो यह स्पष्ट है कि उनकी अगली रणनीति क्या होगी और वह भारत की आंतरिक सुरक्षा और राजनीतिक दिशा को किस ओर ले जाएंगे।
आपकी राय में, अमित शाह की राजनीतिक और संगठनात्मक सफलता में उनके व्यापारी परिवार की पृष्ठभूमि और गुजरात के गृहमंत्री के रूप में उनके अनुभव ने कौन से दो सबसे महत्वपूर्ण कौशल या गुण विकसित किए हैं?
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