Online Safety: क्रिसमस-न्यू ईयर शॉपिंग पर साइबर सेंधमारी, खाली हो सकता है आपका बैंक खाता
साल के आखिरी दिनों में जश्न और खरीदारी के बीच स्कैमर्स ने ठगी का ऐसा जाल बुना है जिससे बचना नामुमकिन लग रहा है। मैकेफी की नई रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं कि कैसे आपके पुराने दोस्त और डिलीवरी मैसेज बनकर जालसाज आपके जीवन भर की कमाई उड़ा सकते हैं। सुरक्षित रहने के लिए ये अचूक तरीके तुरंत जान लें।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर 2025 – दिसंबर का महीना खुशियों, उपहारों और उत्सवों का होता है। क्रिसमस और नए साल की दस्तक के साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग और डिस्काउंट की बाढ़ आ गई है। लेकिन इसी चमक-धमक के पीछे डिजिटल दुनिया के 'शातिर शिकारी' भी सक्रिय हो गए हैं। मशहूर साइबर सिक्योरिटी फर्म मैकेफी (McAfee) की ताज़ा रिपोर्ट ने नींद उड़ा देने वाला खुलासा किया है। स्कैमर्स अब केवल फर्जी लिंक नहीं भेज रहे, बल्कि वे आपके जज्बातों और एआई (AI) तकनीक का इस्तेमाल कर आपको लूटने की तैयारी में हैं।
ठगी का इतिहास: पुराने तरीके, नया कलेवर
ऑनलाइन धोखाधड़ी का इतिहास उतना ही पुराना है जितना कि इंटरनेट बैंकिंग। शुरुआती दिनों में 'नाइजीरियाई प्रिंस' वाले ईमेल के जरिए ठगी होती थी, लेकिन समय के साथ अपराधी और स्मार्ट हो गए हैं। 2020 के बाद से जब पूरी दुनिया ऑनलाइन शॉपिंग की ओर मुड़ी, तब से 'फेस्टिव स्कैम' में 300\% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आज का स्कैमर अब आपकी तकनीकी कमजोरी नहीं, बल्कि आपकी जल्दबाजी और भरोसे का फायदा उठाता है।
सावधान! इन 5 तरीकों से आपको घेरा जा रहा है
त्योहारों के इस सीजन में स्कैमर्स ने अपनी रणनीति बदल ली है। सुरक्षा विशेषज्ञों ने इन प्रमुख खतरों से बचने की सलाह दी है:
1. डिलीवरी और रिफंड का झांसा (Text Scam):
आजकल लोगों को ऐसे मैसेज मिल रहे हैं जिनमें 'पैकेज ट्रैकिंग कोड' या 'रिफंड पेंडिंग' की बात कही जाती है। अगर आपने कोई शॉपिंग नहीं भी की है, तो भी जिज्ञासावश लिंक पर क्लिक करना आपको भारी पड़ सकता है। हमेशा याद रखें कि शिपिंग कंपनियाँ कभी भी ओटीपी (OTP) के जरिए रिफंड नहीं देतीं।
2. एआई डीपफेक और 'पुराना दोस्त' स्कैम:
यह सबसे खतरनाक है। स्कैमर्स एआई (AI) के जरिए आपके किसी पुराने दोस्त या रिश्तेदार की आवाज या चेहरा बनाकर आपसे मदद मांग सकते हैं। इसे 'अकाउंट वेरिफिकेशन स्कैम' भी कहा जा रहा है। किसी को भी पैसे भेजने से पहले उस व्यक्ति को दूसरे माध्यम से कॉल कर पुष्टि जरूर करें।
3. जल्दबाजी में शॉपिंग करना बंद करें:
एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्कैमर्स आपके 'ध्यान भटकने' का इंतजार करते हैं। जब आप ऑफिस के काम या उत्सव की तैयारी के बीच जल्दबाजी में शॉपिंग करते हैं, तो आप वेबसाइट की विश्वसनीयता चेक करना भूल जाते हैं। शॉपिंग के लिए अपना एक शांत समय तय करें।
4. भारी डिस्काउंट का मायाजाल:
अगर कोई वेबसाइट आपको iPhone 16 या ब्रांडेड जूते 90\% डिस्काउंट पर दे रही है, तो समझ लीजिए कि वह 100\% फर्जी है। कीमतों की तुलना हमेशा आधिकारिक वेबसाइट से करें। इसके लिए आप 'स्कैम डिटेक्टर' सॉफ्टवेयर का सहारा ले सकते हैं।
5. क्रेडिट कार्ड बनाम डेबिट कार्ड:
सुरक्षा के लिहाज से क्रेडिट कार्ड (Credit Card) हमेशा डेबिट कार्ड से बेहतर है। अगर आपका क्रेडिट कार्ड नंबर चोरी हो भी जाए, तो आपके पास पेमेंट रोकने और बैंक से क्लेम करने का विकल्प होता है। डेबिट कार्ड सीधे आपके बैंक खाते से जुड़ा होता है, जहाँ से पैसा निकलते ही वापस पाना मुश्किल होता है।
सुरक्षा चेकलिस्ट (फेस्टिव सीजन के लिए)
| स्कैम का प्रकार | क्या न करें | सही तरीका |
| SMS लिंक | अनजाने लिंक पर क्लिक | आधिकारिक ऐप/वेबसाइट चेक करें |
| बड़ा डिस्काउंट | तुरंत भुगतान | स्कैम डिटेक्टर से यूआरएल जांचें |
| दोस्त की कॉल | तुरंत पैसे भेजना | सवाल पूछकर पहचान सुनिश्चित करें |
| पेमेंट गेटवे | डेबिट कार्ड/UPI | क्रेडिट कार्ड का उपयोग करें |
विशेषज्ञों की राय: नोटिफिकेशन ऑफ रखें
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की एक अनोखी सलाह यह भी है कि त्योहारों के दौरान अनावश्यक शॉपिंग ऐप्स के नोटिफिकेशन बंद रखें। ये नोटिफिकेशन आपको 'फोमो' (FOMO - कुछ छूट जाने का डर) का शिकार बनाते हैं और आप अनजाने में किसी फर्जी डील पर क्लिक कर देते हैं।
निष्कर्ष: आपकी सतर्कता ही आपकी सुरक्षा है
क्रिसमस और नए साल का आनंद जरूर लें, लेकिन डिजिटल लेन-देन में अपनी आंखें और कान खुले रखें। स्कैमर्स हर साल नए तरीके लाते हैं, लेकिन उनसे बचने का केवल एक ही तरीका है—संदेह करना और पुष्टि करना। अपनी व्यक्तिगत जानकारी और बैंक विवरण कभी भी किसी संदिग्ध वेबसाइट पर साझा न करें।
डिजिटल इंडिया के इस युग में आपका पैसा आपकी जिम्मेदारी है। सुरक्षित रहें और खुशियां मनाएं।
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