Raipur Chhollywood: रजत जयंती, छत्तीसगढ़ी सिनेमा का स्वर्णिम सफर, CM साय ने कलाकारों को किया सलाम
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ राज्य की रजत जयंती पर 'छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सफर' का आगाज करते हुए छालीवुड को प्रदेश की अस्मिता का जीवंत दस्तावेज बताया है। फिल्म सिटी के लिए 150 करोड़ की मंजूरी और दिग्गज कलाकारों के सम्मान के साथ शुरू हुए इस नए युग की पूरी रोमांचक जानकारी यहाँ दी गई है वरना आप भी छत्तीसगढ़ी सिनेमा के इस ऐतिहासिक बदलाव को जानने से चूक जाएंगे।
रायपुर, 22 दिसंबर 2025 – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का साइंस कॉलेज परिसर रविवार को एक ऐतिहासिक गवाह बना। अवसर था छत्तीसगढ़ राज्य की रजत जयंती और विषय था 'छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर'। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस भव्य कार्यक्रम में शिरकत करते हुए छत्तीसगढ़ी सिनेमा (छालीवुड) को केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि प्रदेश की लोकसंस्कृति और अस्मिता का सबसे सशक्त दस्तावेज करार दिया। मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि उनकी सरकार छत्तीसगढ़ी सिनेमा के संरक्षण और इसे वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए पूरी तरह संकल्पित है।
इतिहास: 'कहि देबे संदेस' से 'भूलन द मेज' तक का गौरवशाली सफर
छत्तीसगढ़ी सिनेमा की जड़ें बहुत गहरी और संघर्षमयी रही हैं। 1957 में जब पहली बार छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माण की नींव रखी गई, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह उद्योग एक दिन राष्ट्रीय पुरस्कारों तक पहुँचेगा। 1965 में आई पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म 'कहि देबे संदेस' ने सामाजिक सरोकारों की जो अलख जगाई थी, उसे बाद के वर्षों में सतीश जैन की 'मोर छइंहा भुइंया' ने एक व्यावसायिक पहचान दी। हाल के वर्षों में 'भूलन द मेज' जैसी फिल्मों ने राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीतकर यह साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ी माटी की कहानियों में अंतरराष्ट्रीय अपील है। 25 वर्षों के इस सफर में छालीवुड ने अपनी भाषा और संस्कृति को सहेजने का अद्भुत काम किया है।
मुख्यमंत्री का बड़ा ऐलान: 150 करोड़ की 'चित्रोत्पला फिल्म सिटी'
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
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फिल्म सिटी का निर्माण: प्रदेश में फिल्म निर्माण को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं देने के लिए 'चित्रोत्पला फिल्म सिटी' का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए सरकार ने 150 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि स्वीकृत की है।
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कलाकारों का सम्मान: मुख्यमंत्री ने छालीवुड के दिग्गज निर्माताओं और कलाकारों—मोहन सुंदरानी, सतीश जैन, संतोष जैन, मनोज वर्मा, अनुज शर्मा और प्रेम चंद्राकर को सम्मानित कर उनकी दशकों की तपस्या को सराहा।
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मोना सेन का नेतृत्व: छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष मोना सेन के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए CM ने कहा कि एक अनुभवी कलाकार के हाथ में कमान होने से छालीवुड का भविष्य स्वर्णिम होगा।
छालीवुड का नया दौर: राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के योगदान को भी याद किया, जिन्होंने फिल्म विकास निगम की नींव रखी थी। अब CM साय की सरकार इसे 'नेक्स्ट लेवल' पर ले जा रही है।
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सांस्कृतिक अस्मिता: मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी फिल्में हमारी लोककथाओं और सामाजिक ताने-बाने का आईना हैं।
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रोजगार के अवसर: नई फिल्म सिटी और सब्सिडी योजनाओं से स्थानीय युवाओं को अभिनय, संपादन और तकनीकी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा।
छत्तीसगढ़ी सिनेमा उत्सव: मुख्य आकर्षण (Event Highlights)
| विवरण | जानकारी |
| मुख्य अतिथि | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय |
| बजट आवंटन | 150 करोड़ रुपये (फिल्म सिटी हेतु) |
| सम्मानित व्यक्तित्व | सतीश जैन, अनुज शर्मा, मनोज वर्मा एवं अन्य |
| आयोजक | छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम |
| थीम | छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर - रजत जयंती |
सितारों की मौजूदगी में गूंजा 'जय जोहार'
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक अनुज शर्मा, सुनील सोनी और पुरंदर मिश्रा सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। मोना सेन ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 'मोर छइंहा भुइंया' जैसी फिल्मों ने जो राह दिखाई थी, अब उस पर चलकर छत्तीसगढ़ को भारत का नया फिल्म हब बनाना हमारा लक्ष्य है।
स्वर्णिम भविष्य की ओर छालीवुड
रजत जयंती के इस अवसर पर रायपुर में उमड़ी कलाकारों की भीड़ यह बताने के लिए काफी है कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा अब एक नई करवट ले रहा है। मुख्यमंत्री के विजन और 150 करोड़ के निवेश से यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ी फिल्में केवल रायपुर या दुर्ग तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि ऑस्कर और कान जैसे मंचों पर भी दस्तक देंगी।
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