Kapali Student: दिल दहलाने वाली वारदात, कपाली में दो दिन से लापता छात्र की मिली लाश
जमशेदपुर के कपाली में दो दिन से लापता 14 वर्षीय छात्र एमडी समिर का शव मिलने से पूरे इस्लामनगर में सनसनी फैल गई है। पुलिस की कथित ढिलाई और एक होनहार छात्र की मौत के पीछे छिपी इस खौफनाक हकीकत को यहाँ विस्तार से जानें वरना आप भी इलाके में बढ़ते इस सुरक्षा संकट की पूरी सच्चाई से अनजान रह जाएंगे।
जमशेदपुर/कपाली, 27 दिसंबर 2025 – जमशेदपुर से सटे कपाली क्षेत्र के इस्लामनगर (वार्ड संख्या 13) में शनिवार की सुबह खुशियों और उम्मीदों का कत्ल हो गया। बीते 25 दिसंबर से रहस्यमय तरीके से लापता 14 वर्षीय छात्र एमडी समिर का शव बरामद होने के बाद पूरे इलाके में कोहराम मच गया है। बावनगोड़ा स्थित कबीरिया स्कूल के आठवीं कक्षा के इस छात्र की मौत ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया है, बल्कि कपाली पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवालिया निशान लगा दिए हैं। रोते-बिलखते माता-पिता अब इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं, जबकि स्थानीय लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
क्रिसमस के दिन से लापता: क्या हुई थी अनहोनी?
एमडी समिर 25 दिसंबर को घर से निकला था, लेकिन वह वापस नहीं लौटा। परिजनों ने अपनी ओर से काफी खोजबीन की, लेकिन जब उसका कुछ पता नहीं चला, तो 26 दिसंबर को पुलिस के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई गई।
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पुलिस पर गंभीर आरोप: मृतक के पिता का आरोप है कि शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने शुरुआती घंटों में कोई सक्रियता नहीं दिखाई। यदि पुलिस ने तत्परता दिखाई होती, तो शायद समिर आज जिंदा होता।
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अचानक मिली सूचना: शनिवार को जब समिर का शव मिला, तो परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई। मां बेसुध है और पिता के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।
"हमें न्याय चाहिए": एक पिता का दर्द
मृतक के पिता एमडी समिर (सीनियर) ने सिसकियों के बीच बताया कि उनकी किसी से कोई निजी दुश्मनी नहीं थी। वे पति-पत्नी मेहनत-मजदूरी कर अपने इकलौते बेटे का भविष्य संवारने का सपना देख रहे थे। कबीरिया स्कूल का यह होनहार छात्र अब केवल यादों में शेष रह गया है। परिजनों का सवाल है कि आखिर एक मासूम बच्चे के साथ किसी की क्या दुश्मनी हो सकती है? क्या यह सोची-समझी हत्या है या फिर इसके पीछे कोई और बड़ी साजिश?
कपाली छात्र कांड: मुख्य विवरण (Case Tracking Snapshot)
| विवरण | जानकारी |
| मृतक का नाम | एमडी समिर (14 वर्ष) |
| स्कूल / कक्षा | कबीरिया स्कूल (8वीं कक्षा) |
| लापता होने की तिथि | 25 दिसंबर 2025 |
| शव मिलने का स्थान | वार्ड 13, इस्लामनगर (कपाली) |
| मुख्य आरोप | पुलिस की ढिलाई और लापरवाही |
| वर्तमान स्थिति | शव पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम भेजा गया |
ऐतिहासिक संदर्भ: कपाली क्षेत्र और बढ़ता अपराध
कपाली और सरायकेला का यह सीमावर्ती क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में तेजी से घनी आबादी वाला इलाका बना है। लेकिन जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ यहाँ पुलिसिंग और सुरक्षा व्यवस्था में भारी कमी महसूस की जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लापता होने के मामलों को पुलिस अक्सर 'बच्चा खुद भाग गया होगा' कहकर टाल देती है, जिसका खामियाजा आज समिर जैसे मासूमों को अपनी जान देकर भुगतना पड़ रहा है।
पुलिस की सफाई और जांच के बिंदु
जनाक्रोश को देखते हुए कपाली पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम अस्पताल भेज दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे हर पहलू की जांच कर रहे हैं:
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मौत का कारण: क्या मौत डूबने से हुई, गला घोंटने से या किसी चोट के कारण? यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही साफ होगा।
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सीसीटीवी स्कैन: पुलिस इलाके के एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स के सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है ताकि यह पता चले कि 25 दिसंबर को समिर किसके साथ देखा गया था।
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कॉल रिकॉर्ड्स: समिर के दोस्तों और आसपास के संदिग्धों के मोबाइल लोकेशन की भी जांच की जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था पर गहराता अविश्वास
इस्लामनगर की इस घटना ने एक बार फिर जमशेदपुर और कपाली के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा के दावों की पोल खोल दी है। एक 14 साल का बच्चा लापता होता है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है—यह लापरवाही अक्षम्य है। जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर गाज नहीं गिरती, तब तक लोगों का आक्रोश शांत होना मुश्किल है।
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