Jamshedpur Attack: तड़के सड़क पर चापड़ से हमला, लहूलुहान हुए दो युवक
जमशेदपुर के साकची में मंगलवार सुबह दो युवकों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया गया। आयुष और साहिल गंभीर रूप से घायल हुए। जानें कैसे मामूली विवाद ने खून-खराबे का रूप ले लिया।

जमशेदपुर, जिसे औद्योगिक नगरी कहा जाता है, मंगलवार की सुबह खून से सनी एक खौफनाक वारदात का गवाह बना। साकची के कालीमाटी रोड पर तड़के लगभग 4:30 बजे दो युवकों पर धारदार हथियार चपड़ से ताबड़तोड़ हमला कर दिया गया। देखते ही देखते सन्नाटा पसरा इलाका चीख-पुकार और अफरा-तफरी से गूंज उठा।
विवाद से शुरू होकर खून तक पहुंची घटना
हमले में गंभीर रूप से घायल युवकों की पहचान भालूबासा निवासी आयुष शर्मा और साहिल शर्मा के रूप में हुई है। चश्मदीदों के अनुसार, इस वारदात से पहले आयुष और साहिल का कुछ अन्य युवकों से झगड़ा हुआ था। मामूली विवाद इतनी तेजी से बढ़ा कि बात हाथापाई से निकलकर हथियार तक जा पहुंची। तभी एक युवक ने जेब से चपड़ निकाली और दोनों भाइयों पर अंधाधुंध वार कर दिया।
हमले की रफ्तार और नृशंसता इतनी भयावह थी कि आयुष और साहिल मौके पर ही लहूलुहान होकर गिर पड़े।
स्थानीय लोगों की सूझबूझ ने बचाई जान
सुबह-सुबह की शांति अचानक टूटने से आसपास के लोग घरों से बाहर निकल आए। स्थानीय निवासियों ने तुरंत घायलों को उठाकर टाटा मुख्य अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल दोनों की हालत नाजुक बताई जा रही है और डॉक्टरों की एक टीम उनकी जान बचाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है।
पुलिस की सक्रियता और जांच
घटना की जानकारी मिलते ही साकची थाना पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने वहां से खून के धब्बे, चप्पल और कुछ अन्य सुराग जब्त किए हैं। साथ ही आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि हमलावर की पहचान हो सके।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि हमलावर की पहचान लगभग हो चुकी है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
शहर में दहशत और लोगों की मांग
इस वारदात ने पूरे इलाके को दहशत से भर दिया है। सुबह के समय हुए इस हमले ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर अपराधियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो ऐसी घटनाएं दोबारा भी हो सकती हैं। लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि शहर में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया जाए।
अपराध का इतिहास और बढ़ते घटनाक्रम
जमशेदपुर भले ही औद्योगिक शहर हो, लेकिन अपराध की घटनाओं से यह अछूता नहीं रहा है। इतिहास पर नजर डालें तो पिछले एक दशक में साकची, बारीडीह और मानगो इलाकों में झगड़ों से जुड़े कई हमले सामने आ चुके हैं।
2018 में भी साकची में एक युवक की चाकूबाजी में मौत हो गई थी, जिसने उस वक्त पूरे शहर को दहला दिया था। इस बार का मामला भी उसी सिलसिले की कड़ी माना जा रहा है।
अस्पताल में तनाव और परिवार का दर्द
अस्पताल में आयुष और साहिल के परिजनों की चीख-पुकार गूंज रही है। परिजनों का कहना है कि उनके बेटे किसी दुश्मनी में शामिल नहीं थे और यह हमला पूरी तरह सोची-समझी साजिश लगती है। वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि दोनों युवकों के शरीर पर गहरे जख्म हैं और ऑपरेशन थिएटर में उन्हें लगातार ब्लड सपोर्ट दिया जा रहा है।
पुलिस की चुनौती
पुलिस के लिए यह घटना न केवल अपराधियों की गिरफ्तारी बल्कि शहर की कानून व्यवस्था बनाए रखने की भी बड़ी चुनौती है। झारखंड में हाल के वर्षों में छोटे विवादों के बड़े अपराधों में बदलने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।
जमशेदपुर की यह घटना केवल एक अपराध नहीं, बल्कि इस बात का प्रतीक है कि समाज में गुस्से और आक्रोश की आग कितनी तेजी से भड़क सकती है। एक मामूली विवाद ने दो मासूम युवकों को अस्पताल की चारदीवारी में पहुंचा दिया और पूरे शहर को खौफ के साए में डाल दिया।
अब सबकी नजरें पुलिस पर टिकी हैं कि आखिर कब अपराधी गिरफ्त में आएंगे और सच्चाई सामने आएगी।
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