Jamui Junction: डबल हादसा, झाझा-किऊल ट्रैक पर बिछी दो लाशें, ट्रेन की चपेट में आए दो लोग, मलयपुर रेलवे लाइन पर मचा कोहराम
जमुई रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार सुबह दो अलग-अलग रेल हादसों में दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। झाझा-किऊल रेलखंड पर आधे किलोमीटर के दायरे में हुई इन खौफनाक घटनाओं और मृतकों की शिनाख्त से जुड़ी पूरी हकीकत यहाँ दी गई है वरना आप भी रेलवे ट्रैक पार करने की इस जानलेवा लापरवाही के परिणामों से अनजान रह जाएंगे।
जमुई, 26 दिसंबर 2025 – बिहार के जमुई जिले से शुक्रवार की सुबह दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। झाझा-किऊल रेलखंड पर जमुई रेलवे स्टेशन के पश्चिमी आउटर सिग्नल के पास दो अलग-अलग ट्रेन हादसों में दो लोगों की जान चली गई। ये दोनों घटनाएं महज आधे किलोमीटर के अंतराल पर हुईं, जिससे पूरे रेलखंड पर हड़कंप मच गया। सुबह-सुबह हुई इस त्रासदी के बाद घटनास्थल पर ग्रामीणों और रेल यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई। तेज रफ्तार ट्रेनों की चपेट में आने से दोनों ही मामलों में मौत इतनी तत्काल हुई कि किसी को संभलने या बचाने का मौका तक नहीं मिला।
हादसे का मंजर: आधे किलोमीटर के दायरे में दो मौतें
शुक्रवार की सुबह जमुई के लिए काली सुबह साबित हुई। रेलवे ट्रैक पर एक साथ दो शवों के मिलने से पुलिस और स्थानीय प्रशासन भी हैरान रह गया।
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पहली घटना: मलयपुर थाना क्षेत्र के ठाकुरी माटी निवासी पाली सिंह रेलवे लाइन पार कर रहे थे। इसी दौरान एक तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पाली सिंह ट्रैक की दूसरी तरफ जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ट्रेन की गति का अंदाजा नहीं लगा सके।
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दूसरी घटना: पहली घटना स्थल से करीब आधा किलोमीटर दूर एक और व्यक्ति ट्रेन की चपेट में आ गया। मृतक की उम्र लगभग 55 वर्ष बताई जा रही है। टक्कर इतनी जोरदार थी कि उसकी पहचान करना मुश्किल हो गया है।
शिनाख्त की चुनौती: कौन है वह अज्ञात व्यक्ति?
जहाँ पाली सिंह की पहचान उनके परिजनों ने कर ली है, वहीं दूसरी घटना में मारे गए व्यक्ति की पहचान पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है।
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पुलिस की जांच: मलयपुर जीआरपी (GRP) थाना पुलिस ने मौके पर पहुँचकर शव को कब्जे में ले लिया है।
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पूछताछ जारी: आसपास के गांवों और स्टेशन पर मौजूद यात्रियों से पूछताछ की जा रही है ताकि अज्ञात मृतक के परिजनों का पता लगाया जा सके।
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पोस्टमार्टम: पुलिस ने दोनों शवों को कागजी कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम के लिए जमुई सदर अस्पताल भेज दिया है।
रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा और लापरवाही (Quick Facts)
| स्थान | रेलखंड | दूरी | मृतकों की संख्या |
| जमुई आउटर सिग्नल | झाझा-किऊल | 500 मीटर का अंतर | 02 |
| मृतक 1 | पाली सिंह (ठाकुरी माटी) | घटनास्थल पर मौत | शिनाख्त पूर्ण |
| मृतक 2 | अज्ञात (करीब 55 वर्ष) | घटनास्थल पर मौत | शिनाख्त शेष |
झाझा-किऊल रेलखंड: क्यों बढ़ रहे हैं हादसे?
इस रेलखंड पर ट्रेनों की रफ्तार और लगातार बढ़ते दबाव के कारण अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं। जमुई रेलवे स्टेशन के पास आउटर सिग्नल पर लोग अक्सर पटरी पार कर शॉर्टकट रास्ता अपनाते हैं, जो जानलेवा साबित होता है।
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अंधेरा और कोहरा: सुबह के समय कोहरे के कारण दृश्यता (Visibility) कम होना भी इन हादसों की एक बड़ी वजह मानी जा रही है।
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रेलवे की चेतावनी: जीआरपी ने एक बार फिर लोगों से अपील की है कि वे पटरियों को पैदल पार न करें और हमेशा ओवरब्रिज का इस्तेमाल करें।
मातम में डूबा मलयपुर
पाली सिंह की मौत के बाद ठाकुरी माटी गांव में मातम पसरा हुआ है। वहीं, दूसरे अज्ञात व्यक्ति की लाश मिलने से इलाके में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। जमुई पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या ये केवल दुर्घटनाएं हैं या इनके पीछे कोई और कारण भी हो सकता है। फिलहाल, झाझा-किऊल रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन सामान्य है, लेकिन ट्रैक के किनारे रहने वाले लोगों के मन में इस 'डबल हादसे' के बाद दहशत बनी हुई है।
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