Aligarh Accident : अलीगढ़ में कार-केंटर भिड़ंत से लगी आग, 4 लोग जिंदा जले, राहगीर बना फरिश्ता
अलीगढ़ के अकराबाद थाना क्षेत्र में कार और केंटर की आमने-सामने भिड़ंत के बाद भीषण आग लग गई। हादसे में 4 लोग जिंदा जलकर मरे, जबकि एक राहगीर ने जान जोखिम में डालकर एक शख्स की जिंदगी बचाई।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से मंगलवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। थाना अकराबाद क्षेत्र के नेशनल हाईवे स्थित गोपी गांव फ्लाईओवर पर एक कार और केंटर गाड़ी की आमने-सामने भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि देखते ही देखते दोनों वाहनों में आग लग गई और हादसा चंद मिनटों में दर्दनाक त्रासदी में बदल गया।
चंद सेकंड में मौत का मंजर
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भिड़ंत के बाद कार और केंटर दोनों ही वाहनों में अचानक आग भड़क उठी। तेज लपटों ने देखते ही देखते दोनों गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। कार में सवार महिला और बच्चा समेत तीन लोगों तथा केंटर में मौजूद एक व्यक्ति की मौके पर ही जलकर मौत हो गई। हादसे का दृश्य इतना भयावह था कि वहां मौजूद लोगों के रोंगटे खड़े हो गए।
राहगीर बना फरिश्ता
इस हादसे के बीच एक राहगीर सत्यवान सिंह ने अपनी जान की परवाह किए बिना इंसानियत की मिसाल पेश की। वह रोजाना की तरह सुबह दौड़ने के लिए हाईवे पर निकले थे। तभी उनकी नजर दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों पर पड़ी। उन्होंने देखा कि कार की खिड़की से एक शख्स बाहर लटक रहा है और आग की लपटों से घिरा हुआ है।
सत्यवान सिंह ने तुरंत हिम्मत जुटाई और खिड़की तोड़कर उस व्यक्ति को बाहर निकाल लिया। इस तरह उन्होंने उसकी जिंदगी बचाई। हालांकि, कार में मौजूद महिला और बच्चा समेत अन्य तीन लोगों को वह नहीं बचा पाए। उनकी यह बहादुरी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।
मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड
घटना की सूचना मिलते ही अकराबाद थाना पुलिस, उच्चाधिकारी और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। अग्निशमन दल ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया और शवों को वाहनों से बाहर निकाला।
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक मयंक पाठक ने बताया कि हादसे में चार लोगों की मौत हो चुकी है जबकि एक घायल को गंभीर अवस्था में ट्रॉमा सेंटर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
पुलिस की जांच और शिनाख्त की कोशिश
पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अभी तक मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मृतकों की शिनाख्त के लिए वाहन के चेचिस नंबर और टोल प्लाजा रिकॉर्ड की मदद ले रही है।
अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही मृतकों की पहचान कर परिजनों को सूचित किया जाएगा। साथ ही हादसे की तफ्तीश की जा रही है ताकि टक्कर के पीछे की असली वजह सामने आ सके।
अलीगढ़ में सड़क हादसों का इतिहास
अलीगढ़-आगरा हाईवे पर इस तरह की दुर्घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। तेज रफ्तार और ओवरलोडिंग इन हादसों की बड़ी वजह मानी जाती है। 2019 और 2022 में भी इसी इलाके में भीषण सड़क हादसे हुए थे, जिनमें कई लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।
यूपी पुलिस और परिवहन विभाग ने समय-समय पर रोड सेफ्टी कैंपेन चलाए हैं, लेकिन हादसों का सिलसिला थम नहीं रहा। इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय ग्रामीणों ने हादसे को बेहद दर्दनाक बताया। कई लोगों ने कहा कि अगर हाईवे पर समय रहते पेट्रोलिंग और सुरक्षा इंतज़ाम होते तो शायद नुकसान इतना बड़ा नहीं होता। वहीं लोग राहगीर सत्यवान सिंह की बहादुरी की सराहना कर रहे हैं और उन्हें “फरिश्ता” कहकर पुकार रहे हैं।
अलीगढ़ का यह हादसा न सिर्फ सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि एक आम इंसान की हिम्मत और इंसानियत कैसे जिंदगियां बचा सकती है। चार लोगों की मौत से जहां इलाके में मातम पसरा है, वहीं एक राहगीर का साहस इस त्रासदी के बीच उम्मीद की किरण बनकर उभरा है।
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