India Insurance : भारतीय बीमा क्षेत्र 2032 तक दुनिया की 6वीं सबसे बड़ी मार्केट बनने की राह पर, Bima Sugam होगा गेम-चेंजर

स्विस रे रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का बीमा क्षेत्र 2024-2032 में ऐतिहासिक छलांग लगाएगा। जानें कैसे Bima Sugam प्लेटफॉर्म, आर्थिक विकास और InsurTech क्रांति 9% सालाना ग्रोथ का कारण बनेंगे और भारत को जर्मनी-कनाडा जैसे देशों से आगे ले जाएंगे।

Oct 22, 2025 - 09:12
Oct 22, 2025 - 00:29
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India Insurance : भारतीय बीमा क्षेत्र 2032 तक दुनिया की 6वीं सबसे बड़ी मार्केट बनने की राह पर, Bima Sugam होगा गेम-चेंजर
India Insurance : भारतीय बीमा क्षेत्र 2032 तक दुनिया की 6वीं सबसे बड़ी मार्केट बनने की राह पर, Bima Sugam होगा गेम-चेंजर

नई दिल्ली: भारतीय बीमा उद्योग अगले एक दशक में एक ऐतिहासिक परिवर्तन का गवाह बनने जा रहा है। वर्तमान में दुनिया का 10वां सबसे बड़ा बीमा बाजार होने के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स इस बात की पुष्टि कर रही हैं कि भारत 2032 तक दुनिया की छठी सबसे बड़ी बीमा मार्केट बन जाएगा। इस दौरान वह जर्मनी, कनाडा, इटली और दक्षिण कोरिया जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ देगा।

यह शानदार विकास देश के मजबूत आर्थिक आधार, सुधारवादी नीतियों और डिजिटल इनोवेशन की बदौलत संभव हो पा रहा है।

ग्रोथ के चार मुख्य स्तंभ

विशेषज्ञों के मुताबिक, भारतीय बीमा क्षेत्र की इस यात्रा के पीछे चार प्रमुख कारण हैं:

  1. तेज आर्थिक विकास: 7% से अधिक की जीडीपी ग्रोथ का मतलब है लोगों की आय बढ़ना और वित्तीय सुरक्षा के प्रति जागरूकता में इजाफा होना।

  2. नियामकीय सुधार: इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) 'बीमा सभी के लिए' के विजन को साकार करने के लिए ग्राहक-केंद्रित नीतियां लागू कर रही है।

  3. कोविड के बाद की सोच: महामारी ने लोगों में स्वास्थ्य और जोखिम बचाव की अहमियत को गहराई से समझाया है, जिससे हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंक की मांग में भारी उछाल आया है।

  4. डिजिटल क्रांति: इंश्योरटेक स्टार्टअप्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने बीमा खरीदने और क्लेम करने की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बना दिया है।

बीमा पैठ (Penetration): सबसे बड़ा अवसर

भारत में बीमा पैठ (बीमा प्रीमियम का जीडीपी में प्रतिशत) अभी भी वैश्विक औसत से काफी कम है। नॉन-लाइफ इंश्योरेंस की पैठ मात्र ~1% है, जबकि वैश्विक औसत 3.9% है। लाइफ इंश्योरेंस में भी विकास की अपार संभावनाएं हैं। यह "प्रोटेक्शन गैप" ही इस क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा अवसर बन गया है।

गेम-चेंजर: 'बीमा सुगम' - बीमा का 'अमेजॉन'

इस विकास यात्रा में सबसे क्रांतिकारी कदम है Bima Sugam प्लेटफॉर्म का आना। IRDAI की इस पहल को बीमा क्षेत्र का 'अमेजॉन' करार दिया जा रहा है।

क्या है Bima Sugam?
यह एक यूनिफाइड डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर है, जो बीमा इकोसिस्टम के सभी हितधारकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ेगा।

Bima Sugam के फायदे:

  • वन-स्टॉप शॉप: लाइफ, हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस (मोटर, ट्रैवल आदि) सभी एक जगह उपलब्ध।

  • एंड-टू-एंड सर्विस: पॉलिसी खरीद, पोर्टफोलियो प्रबंधन और क्लेम सेटलमेंट सभी काम एक ही प्लेटफॉर्म पर।

  • पारदर्शिता: यह प्लेटफॉर्म ग्राहकों के लिए पूरी प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बना देगा।

इस प्लेटफॉर्म के आने से बीमा की पहुंच आम आदमी तक और व्यापक होने की उम्मीद है।

वैश्विक मान्यता: स्विस रे रिपोर्ट की भविष्यवाणी

ग्लोबल रीइंश्योरेंस कंपनी स्विस रे की सिग्मा 2022 रिपोर्ट भारत के बीमा क्षेत्र के लिए बेहद आशावादी है। रिपोर्ट के मुताबिक:

  • अगले एक दशक में भारत में बीमा प्रीमियम में 9% सालाना की औसत वृद्धि होगी।

  • हेल्थ इंश्योरेंस (आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के कारण) और मोटर इंश्योरेंस इस विकास की मुख्य धुरी होंगे।

  • एफडीआई लिमिट 74% (और संभावित रूप से 100%) तक बढ़ने से वैश्विक पूंजी और एक्सपर्टीज को भारत आने का रास्ता साफ हुआ है।

निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि भारत का बीमा क्षेत्र अगले दशक की एक 'सनराइज इंडस्ट्री' (सूर्योदय उद्योग) है। आर्थिक विकास, नियामकीय सुधार, Bima Sugam जैसी तकनीक और वैश्विक निवेश का शक्तिशाली मेल इसे ऐतिहासिक विकास की राह पर ले जा रहा है। यह सफर न केवल "सभी के लिए बीमा" का सपना साकार करेगा, बल्कि रोजगार सृजन और हर हितधारक के लिए अवसरों का स्रोत बनेगा, जिससे भारत एक वैश्विक बीमा शक्ति के रूप में उभरेगा।

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