India E-Rupees : eRupee का डिजिटल तूफान! बिना इंटरनेट अब चलेगा पैसा, RBI ने लॉन्च किया ऑफलाइन डिजिटल रुपया - जानें पूरी डिटेल
क्या बिना इंटरनेट के पेमेंट करना संभव है? भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने eRupee डिजिटल करेंसी के ऑफलाइन वर्जन से इस सवाल का जवाब दे दिया है। जानें यह UPI से कैसे अलग है और कैसे करेंगे इस्तेमाल।
मुंबई: भारत की डिजिटल पेमेंट्स व्यवस्था में एक ऐतिहासिक क्रांति हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के मौके पर ऑफलाइन डिजिटल रुपया (e₹) लॉन्च कर दिया है। इस लॉन्च के साथ ही, अब देश के लाखों नागरिक बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी डिजिटल तरीके से पैसे का लेन-देन कर सकेंगे। यह कदम भारत को डिजिटल पेमेंट्स के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाला है।
आरबीआई के इस फैसले ने 'कैशलेस इकोनॉमी' की परिभाषा को ही बदल कर रख दिया है। अब तक डिजिटल पेमेंट के लिए इंटरनेट या मोबाइल नेटवर्क का होना अनिवार्य था, लेकिन eRupee के आने के बाद यह बाधा खत्म हो गई है। यह डिजिटल करेंसी ठीक उसी तरह काम करेगी, जैसे आप अपने बटुए से नकद निकालकर दुकानदार को भुगतान करते हैं।
क्या है डिजिटल रुपया (e₹)? समझें इसकी पूरी कॉन्सेप्ट
डिजिटल रुपया या e₹ वास्तव में भारतीय रुपये का ही एक डिजिटल रूप है, जिसे सीधे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जारी करता है। इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) की श्रेणी में रखा गया है। इसका मतलब है कि इसे वही विश्वसनीयता और कानूनी दर्जा हासिल है, जो भौतिक नकदी को प्राप्त है। इसे दिसंबर 2022 में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था और अब ऑफलाइन फीचर के साथ इसे और व्यापक बना दिया गया है।
आसान शब्दों में कहें तो, eRupee आपके डिजिटल वॉलेट में रखी हुई 'डिजिटल नकदी' है। आप इसे किसी को तुरंत भेज सकते हैं, दुकान पर भुगतान कर सकते हैं या किसी से प्राप्त कर सकते हैं, बिना अपने बैंक खाते को हर बार इसमें शामिल किए।
यूपीआई (UPI) और eRupee में है यह बड़ा अंतर
बहुत से लोग डिजिटल रुपया और UPI को एक ही समझने की भूल कर रहे हैं, जबकि दोनों में बुनियादी अंतर है।
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UPI: UPI एक ऐसी सिस्टम है जो आपके बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर करती है। हर लेन-देन में बैंक की मध्यस्थता जरूरी होती है।
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eRupee (e₹): यह बिल्कुल नकद की तरह है। जैसे आप नोटों का आदान-प्रदान सीधे करते हैं, वैसे ही eRupee का लेन-देन सीधे एक डिजिटल वॉलेट से दूसरे डिजिटल वॉलेट में होता है। इसमें बैंक केवल वॉलेट प्रदाता की भूमिका में होता है, ट्रांजैक्शन की मध्यस्थता में नहीं। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं पड़ती, हालांकि टेलीकॉम नेटवर्क का होना जरूरी है।
कौन-कौन से बैंक दे रहे हैं eRupee वॉलेट?
फिलहाल, 15 प्रमुख बैंक रिटेल CBDC पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं और अपने ग्राहकों के लिए eRupee वॉलेट की सुविधा दे रहे हैं। इन बैंकों की लिस�ी कुछ इस प्रकार है:
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
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एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)
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आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
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एक्सिस बैंक (Axis Bank)
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पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
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यस बैंक (Yes Bank)
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बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda)
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कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank)
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केनरा बैंक (Canara Bank)
इन बैंकों के ग्राहक Google Play Store या Apple App Store से अपने बैंक का ऑफिशियल eRupee ऐप डाउनलोड करके इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
UPI QR कोड से भी कर सकेंगे पेमेंट
डिजिटल रुपया को अपनाना और भी आसान बनाने के लिए RBI ने इसे UPI सिस्टम के साथ इंटीग्रेट किया है। इसका मतलब यह है कि अब आप किसी भी दुकानदार के UPI QR कोड को अपने eRupee वॉलेट के QR स्कैनर से स्कैन करके सीधे डिजिटल रुपये में भुगतान कर सकते हैं। इस एकीकरण से यूजर्स के लिए दो अलग-अलग ऐप इस्तेमाल करने की जरूरत खत्म हो जाएगी।
फोन खो जाने पर भी सुरक्षित रहेगा आपका पैसा
सुरक्षा को लेकर आरबीआई ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। अगर किसी का स्मार्टफोन खो भी जाता है, तो उसका eRupee वॉलेट दोबारा रिकवर किया जा सकता है। हालांकि, जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा, लेकिन यह एक पूरी तरह से सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल करेंसी साबित होगी।
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