PF Rules India : नौकरी बदलते ही PF ट्रांसफर नहीं किया तो हो जाएगा बड़ा नुकसान, सरकार ने दी कड़ी चेतावनी
अगर आपने नौकरी बदलने के बाद अपने PF अकाउंट को ट्रांसफर नहीं किया है, तो यह गलती आपको भारी पड़ सकती है। जानिए EPF से जुड़ी हर जरूरी जानकारी और बचाव के उपाय।

नई नौकरी, नया माहौल... लेकिन क्या आपका PF भी साथ आया है?
भारत में लाखों लोग हर साल नौकरी बदलते हैं, लेकिन उनमें से कई अपने पुराने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते को नई कंपनी के साथ लिंक नहीं करते। यह छोटी सी चूक आगे चलकर बहुत बड़ी समस्या बन सकती है।
क्या है EPF और क्यों है ये इतना जरूरी?
कर्मचारी भविष्य निधि यानी EPF (Employees’ Provident Fund) एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जिसे केंद्र सरकार चलाती है। साल 1952 में इसे EPF and Miscellaneous Provisions Act के तहत शुरू किया गया था ताकि प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को एक सुरक्षित भविष्य मिल सके।
EPF में कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% हिस्सा हर महीने काटा जाता है, और उतनी ही राशि कंपनी भी जमा करती है। इसमें से 8.33% EPS (पेंशन स्कीम) में चला जाता है। इसका मुख्य मकसद है कि रिटायरमेंट के समय आपके पास एक मोटी रकम हो जो आपको आर्थिक सहारा दे सके।
PF ट्रांसफर क्यों है जरूरी?
अगर आपने हाल ही में नौकरी बदली है और अपना पुराना PF अकाउंट नई कंपनी में ट्रांसफर नहीं किया है, तो आपको कई तरह के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं:
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ब्याज मिलना बंद: EPFO के नियमों के अनुसार, अगर 36 महीने तक EPF अकाउंट में कोई योगदान नहीं हुआ है, तो उस पर ब्याज मिलना बंद हो जाता है। इसका मतलब है कि आपका पैसा वहीं पड़ा रहेगा लेकिन बढ़ेगा नहीं।
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टैक्स का खतरा: बिना एक्टिव PF अकाउंट पर ब्याज मिलने पर आपको टैक्स भी देना पड़ सकता है। एक्टिव अकाउंट पर ब्याज टैक्स फ्री होता है, लेकिन इनएक्टिव अकाउंट पर नहीं।
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भविष्य में पैसा निकालने में दिक्कत: जब आप पैसा निकालना चाहेंगे, तो एक साथ कई अकाउंट होने की वजह से प्रोसेस लंबा और जटिल हो सकता है।
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पेंशन की गड़बड़ी: EPS यानी पेंशन स्कीम में भी नियमित योगदान जरूरी है। ट्रांसफर न करने पर EPS में भी योगदान रुक जाता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन पर असर पड़ता है।
कैसे करें PF ट्रांसफर?
EPFO ने इसके लिए Unified Member Portal लॉन्च किया है।
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सबसे पहले www.epfindia.gov.in पर जाएं
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अपने UAN और पासवर्ड से लॉगिन करें
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Online Services > One Member – One EPF Account (Transfer Request) पर क्लिक करें
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अपनी पुरानी और नई कंपनी की डिटेल भरें
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OTP के माध्यम से वेरिफिकेशन करें और सबमिट करें
इतिहास से सबक लें
पहले के समय में PF ट्रांसफर एक जटिल और पेपरवर्क से भरा हुआ काम था। लेकिन 2017 के बाद EPFO ने डिजिटल प्रणाली लागू की, जिससे अब यह काम चंद मिनटों में पूरा हो सकता है।
क्या करें और क्या न करें
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PF ट्रांसफर को टालें नहीं: यह प्राथमिकता में रखें
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हर नई नौकरी में UAN नंबर अपडेट करें
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EPF पासबुक समय-समय पर चेक करें
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अगर कोई गड़बड़ी लगे, तुरंत शिकायत दर्ज करें
नौकरी बदलना आम बात है, लेकिन PF को साथ लेकर चलना जरूरी है। यह सिर्फ एक फॉर्म भरने का काम नहीं, बल्कि आपके रिटायरमेंट के भविष्य की नींव है। अगर आपने अभी तक अपना PF ट्रांसफर नहीं किया है, तो देर मत कीजिए।
क्योंकि बचत की असली ताकत तभी दिखती है जब वो समय पर और सही जगह हो।
क्या आप जानना चाहेंगे कि EPF में कितना ब्याज मिल रहा है इस साल?
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