Bokaro River: बोकारो में नदी में तैरता शव मिला, गुमशुदगी के बाद सनसनी मच गई!
बोकारो थर्मल के राजा बाजार के 32 वर्षीय सगीर अंसारी का शव कोनार नदी में तैरता हुआ मिला। 3-4 दिन से लापता थे सगीर। जानें पूरी घटना की कहानी और पोस्टमार्टम से इनकार क्यों किया गया।

बोकारो जिले के बोकारो थर्मल के राजा बाजार से 3-4 दिन पहले लापता हुए 32 वर्षीय सगीर अंसारी का शव आज सुबह कोनार नदी में तैरता हुआ मिला। यह घटना उस समय सामने आई जब महिलाओं ने नदी में नहाते समय शव देखा और सूचना देने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। यह घटना ना केवल एक रहस्यमय मोड़ ले चुकी है, बल्कि मृतक के परिवार द्वारा पोस्टमार्टम से इंकार करने के बाद भी सवाल उठते हैं कि आखिरकार सगीर की मौत कैसे हुई।
क्या हुआ था उस दर्दनाक सुबह?
आज सोमवार की सुबह करीब 10 बजे बोकारो थर्मल के कोनार नदी में कुछ महिलाएं नहा रही थीं। तभी उनकी नज़र पानी में तैरते हुए एक शव पर पड़ी। शव देखकर महिलाओं के होश उड़ गए, और उन्होंने तुरंत इस बारे में खीरू यादव, जो गांव के समाजसेवी हैं, को सूचना दी। खीरू यादव मौके पर पहुंचे और शव को बाहर निकाला। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी, और यह घटना इलाके में आग की तरह फैल गई।
मृतक की पहचान और परिवार का बयान
मृतक की पहचान बोकारो थर्मल के राजा बाजार निवासी 32 वर्षीय सगीर अंसारी के रूप में हुई। वह पिछले 3-4 दिनों से लापता था, और उसके परिवार ने इस संबंध में स्थानीय थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी। सगीर की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, और वह अक्सर मानसिक परेशानी का सामना कर रहा था। इसके चलते उसके लापता होने की कोई खास वजह सामने नहीं आई थी।
क्या हुआ था पोस्टमार्टम के समय?
घटना की सूचना मिलते ही बोकारो थर्मल पुलिस और आसपास के क्षेत्रों के लोग मौके पर पहुंचे। इस दौरान जिप सदस्य प्रतिनिधि मंजूर आलम ने बताया कि परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर परिजनों को किसी भी अप्रिय घटना का शक नहीं है, तो स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा पंचनामा लिखा जाएगा और उसके बाद शव को मृतक के परिवार को सौंप दिया जाएगा। पंचायत प्रतिनिधि इस पर सहमत हुए और इसके बाद शव को सगीर के परिवार के हवाले कर दिया गया।
क्या हुआ था सगीर के साथ?
यह घटना एक रहस्यमय मोड़ पर पहुंच चुकी है, क्योंकि सगीर की लापता होने की खबर के बाद कोई सुराग नहीं मिला था। अब शव के मिलने से कई सवाल उठ रहे हैं। क्या सगीर ने आत्महत्या की थी? या फिर कोई और घटना इसके पीछे थी? परिवार का कहना है कि उन्हें किसी पर शक नहीं है, लेकिन पुलिस को इस मामले में गहन जांच करने की जरूरत है। नदी में शव मिलने के बाद यह सवाल भी उठता है कि क्या सगीर ने अपनी जान लेने के लिए नदी में कूदने का प्रयास किया, या फिर कुछ और कारण था?
स्थानीय लोगों का शोक और चिंता
इस घटना के बाद बोकारो थर्मल में शोक की लहर दौड़ गई है। इलाके के लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अगर सगीर की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, तो क्या उसके परिवार और स्थानीय प्रशासन ने पहले इस पर ध्यान नहीं दिया? क्या स्थानीय समाजसेवी और प्रशासन उस समय बेहतर तरीके से मदद कर सकते थे? यह सवाल अब भी स्थानीय लोगों के मन में गूंज रहा है।
क्या हम सब कुछ बेहतर कर सकते थे?
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम ऐसे मानसिक रूप से परेशान व्यक्तियों को और बेहतर सहायता दे सकते थे? क्या प्रशासन और समाज को मानसिक स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए? यदि सही समय पर मदद मिलती, तो शायद यह दर्दनाक हादसा टल सकता था।
नदी में शव मिलने के बाद की स्थिति
इस घटना ने केवल सगीर के परिवार को ही नहीं, बल्कि पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। स्थानीय प्रशासन को अब इस मामले की गहरी जांच करनी होगी और यह समझना होगा कि नदी में शव कैसे पहुंचा। क्या यह एक दुर्घटना थी, या फिर सगीर की मानसिक स्थिति ने उसे इस हालत में पहुंचाया?
समाप्ति में, यह घटना ना केवल एक दुखद हादसा है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर ध्यान देना बहुत जरूरी है, ताकि ऐसे हादसे भविष्य में रोके जा सकें।
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