Jharkhand Alert: बारिश, वज्रपात और तेज़ हवाओं से सहमें लोग – मौसम विभाग की चेतावनी ने बढ़ाई टेंशन!
झारखंड के 20 जिलों में 2 मई को तेज़ बारिश, वज्रपात और 50 km/h की रफ्तार से चलेंगी हवाएं; मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 2 मई को झारखंड के 20 जिलों में तेज़ बारिश, वज्रपात और 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक की हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है। हालाँकि उत्तर-पश्चिमी झारखंड के कुछ ज़िले इस तूफानी अलर्ट से बचे रहेंगे, लेकिन बाकी पूरे राज्य में मौसम का मिज़ाज बिगड़ने वाला है।
अब सवाल यह उठता है कि अचानक ये तेज़ बारिश और गरज-चमक क्यों? क्या यह महज़ एक मौसमी बदलाव है या इसके पीछे कोई बड़ी प्रणाली सक्रिय है?
रांची में भी बादल देंगे दस्तक
राजधानी रांची के लोगों को शुक्रवार को हल्की राहत और थोड़ी चिंता दोनों मिल सकती हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि रांची में आंशिक बादल छाए रहेंगे और गरज के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम 20 डिग्री सेंटीग्रेड रहेगा।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तापमान में दो दिन तक कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन इसके बाद अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है। यानी बारिश के बाद फिर से गर्मी की वापसी तय मानी जा रही है।
20 जिलों में बारिश तय – कहां-कहां होंगे बादल मेहरबान?
2 मई को झारखंड के इन जिलों में बारिश की संभावना जताई गई है:
गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, खूंटी, रांची, रामगढ़, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद, देवघर, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज और पाकुड़।
इन जिलों में गरज के साथ वज्रपात और तेज़ हवाएं चलने की भी संभावना है। यह हवा 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी, जिससे पेड़ गिरने और बिजली संबंधी दिक्कतें भी हो सकती हैं।
बारिश के पीछे की वजह: कहां से आया ये तूफानी सिस्टम?
इस बार बारिश और वज्रपात का कारण है एक खास ट्रफ जो राजस्थान से लेकर केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक होते हुए दक्षिण भारत तक फैला हुआ है। इसके साथ ही, बांग्लादेश के पास एक चक्रवाती संरचना भी सक्रिय है, जो पूर्वी भारत, खासकर झारखंड के मौसम पर सीधा असर डाल रही है।
ऐसे सिस्टम आमतौर पर प्री-मानसून काल में सक्रिय होते हैं, और इनके चलते तेज़ हवाओं और बिजली गिरने जैसी घटनाएं सामान्य होती हैं। लेकिन इसका खतरा तब बढ़ जाता है जब लोग इसकी गंभीरता को नजरअंदाज कर देते हैं।
इतिहास कहता है – झारखंड में मई की बारिश आम नहीं होती
झारखंड में आमतौर पर मई का महीना सूखा और गर्म होता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में प्री-मानसून एक्टिविटी के कारण मई में बारिश बढ़ी है। 2022 और 2023 में भी मई के पहले सप्ताह में अचानक तेज़ बारिश और वज्रपात ने कई जानें ली थीं।
इस बार भी IMD ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है, खासकर खुले इलाकों में ना जाएं, बिजली गिरने के समय मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग ना करें और सुरक्षित जगहों पर शरण लें।
कहां-कितनी हुई अब तक बारिश?
IMD के आंकड़ों के मुताबिक झारखंड के कुछ इलाकों में बारिश पहले ही दर्ज हो चुकी है:
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रांची: 12.6 मिमी
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जमशेदपुर: 07.8 मिमी
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बोकारो: 24.4 मिमी
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देवघर: 09.0 मिमी
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हजारीबाग: 24.5 मिमी
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खूंटी: 08.5 मिमी
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सिमडेगा: 03.0 मिमी
इन आंकड़ों से साफ है कि पूर्वी और मध्य झारखंड इस समय ज्यादा प्रभावित हैं।
झारखंड के लोगों के लिए यह समय सतर्कता का है। तेज़ हवाएं, गरज और वज्रपात खतरनाक हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लिया जाए।
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