Adityapur Pride: NDA में झारखंड की पहली बेटी बनीं आद्या सिंह, देशभक्ति की मिसाल बनी ये होनहार
एनडीए में झारखंड की पहली बेटी बनने का गौरव हासिल करने वाली आद्या सिंह का आदित्यपुर में भव्य सम्मान, देशभक्ति और प्रेरणा से भरी उनकी कहानी हर युवती के लिए मिसाल है।
आदित्यपुर की गलियों में बीते दिनों कुछ अलग ही जोश और गर्व का माहौल था। वजह थी – आद्या सिंह, जिनका चयन नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में हुआ है। खास बात ये है कि आद्या सिंह, झारखंड की पहली लड़की बनी हैं जिन्हें एनडीए में प्रवेश का मौका मिला है। यह न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।
कल्पनापुरी की बेटी, अब देश की बेटी
आदित्यपुर के कल्पनापुरी इलाके से ताल्लुक रखने वाली आद्या सिंह के लिए एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। आयोजन में सैन्य मातृशक्ति महानगर और राष्ट्र चेतना जैसे संगठनों ने मिलकर उन्हें भव्य सम्मान दिया। आद्या के चयन को झारखंड के लिए मील का पत्थर बताया गया और कहा गया कि इससे राज्य की बेटियों को डिफेंस सेक्टर में आगे बढ़ने की नई दिशा मिलेगी।
एनडीए में झारखंड की बेटियों की शुरुआत
नेशनल डिफेंस एकेडमी की बात करें तो 2022 से पहले इसमें महिलाओं के लिए प्रवेश नहीं था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महिलाओं के लिए दरवाज़ा खुला और अब तक 126 महिला कैडेट इसमें शामिल हो चुकी हैं। लेकिन झारखंड की किसी भी लड़की को अब तक यह अवसर नहीं मिला था — जब तक कि आद्या सिंह ने इतिहास नहीं रच दिया।
आद्या सिंह अब झारखंड की पहली प्रतिनिधि हैं जो एनडीए के जरिए भारतीय सेना का हिस्सा बनने जा रही हैं। यह उपलब्धि उन सभी लड़कियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है जो डिफेंस सेक्टर में करियर बनाने का सपना देखती हैं।
मामा की प्रेरणा और मां की मेहनत से मिली सफलता
आद्या की इस उपलब्धि के पीछे सिर्फ उनकी मेहनत ही नहीं, बल्कि परिवार का भरपूर सहयोग भी रहा। उन्होंने बताया कि उनके मामा ने हमेशा डिफेंस क्षेत्र में जाने के लिए प्रेरित किया, जबकि उनकी मां ने घर पर पढ़ाई का पूरा वातावरण बनाया।
आद्या खुद एक राष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुकी हैं और कई पुरस्कार भी जीत चुकी हैं। उनका अनुशासन, खेल भावना और देश के लिए कुछ कर गुजरने की चाह ने उन्हें एनडीए तक पहुँचाया।
लड़कियों को चाहिए डिफेंस में भागीदारी
सम्मान समारोह के दौरान आद्या ने कहा, "लड़कियों को डिफेंस सेक्टर में आगे आना चाहिए। ये केवल लड़कों का क्षेत्र नहीं है। अगर मन में देशभक्ति हो और दृढ़ संकल्प के साथ मेहनत की जाए, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं है।"
उन्होंने छात्राओं को संदेश देते हुए कहा कि अनुशासन, पढ़ाई में एकाग्रता और आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी हैं।
कौन-कौन रहा शामिल?
इस ऐतिहासिक मौके पर कई प्रतिष्ठित चेहरे उपस्थित रहे:
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पूनम (संयोजक, मातृशक्ति झारखंड)
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श्रीमती मंजुला (अध्यक्ष, मातृशक्ति झारखंड)
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रूबी सिंह (अध्यक्ष, मातृशक्ति)
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विनीता सिंह (महामंत्री, मातृशक्ति)
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भावना, अंजू, प्रकाश मेहता, सुरेंद्र कुमार सिंह, डीएन सिंह, वरुण कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति
आद्या से सीखे झारखंड की बेटियां
आद्या सिंह की ये उपलब्धि झारखंड के लिए गर्व का विषय है, लेकिन इसके साथ ही ये एक बड़ा संदेश भी देती है — बेटियां अब सिर्फ सीमित दायरे में नहीं, बल्कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए भी खड़ी हो रही हैं।
क्या आने वाले दिनों में झारखंड से और भी बेटियां एनडीए में प्रवेश करेंगी?
अगर आद्या की तरह हर बेटी को परिवार का समर्थन, शिक्षक का मार्गदर्शन और खुद पर भरोसा मिले — तो बिल्कुल हां!
आपको क्या लगता है, क्या झारखंड की ये शुरुआत आने वाले बदलाव की बुनियाद है?
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