Jugsalai Demand: क्या महाकालेश्वर छठ घाट पर बनेगा T.O.P? बढ़ते अपराध के बीच बस्तीवालों ने फिर उठाई आवाज
जुगसलाई महाकालेश्वर छठ घाट के पास T.O.P की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। बस्तीवालों ने सांसद और उपायुक्त से सुरक्षा व्यवस्था के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है।
झारखंड का जमशेदपुर शहर, खासकर जुगसलाई इलाका, इन दिनों अपराधियों की खुली आवाजाही और सुरक्षा व्यवस्था की लापरवाही को लेकर सुर्खियों में है। खासतौर पर महाकालेश्वर छठ घाट, जो एक धार्मिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है, अब अपराधियों के लिए एक गुप्त रास्ता बनता जा रहा है।
क्यों उठी फिर से T.O.P की मांग?
जुगसलाई एम.ई स्कूल रोड और उसके आसपास रहने वाले नागरिकों ने एक बार फिर स्थायी पुलिस चौकी (T.O.P) की मांग उठाई है। उनका कहना है कि छठ घाट के पास और खड़काई नदी के किनारे आए दिन छिनतई, मारपीट, और नशे के कारोबार जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। इन घटनाओं ने स्थानीय निवासियों को भयभीत कर दिया है।
इतिहास गवाह है: मांग पुरानी, सुनवाई नहीं
यह पहली बार नहीं है जब बस्तीवासियों ने सुरक्षा व्यवस्था की मांग उठाई है। पिछले कुछ वर्षों में कई बार पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन हर बार जवाब में सिर्फ आश्वासन ही मिला। नतीजा ये कि महाकालेश्वर घाट और उसके आस-पास के इलाकों में असामाजिक तत्वों का बोलबाला आज भी बना हुआ है।
खड़काई नदी बन चुकी है क्रॉसिंग पॉइंट
महाकालेश्वर घाट से होकर बहने वाली खड़काई नदी अब सुरक्षा के लिए खतरा बन चुकी है। पानी का स्तर बहुत कम होने की वजह से यह इलाका गाड़ियों, साइकिल और पैदल यात्रियों के लिए खुला रास्ता बन गया है।
सूत्रों के मुताबिक, आदित्यपुर, सरायकेला और खरसावां से आने वाले असामाजिक तत्व इसी रास्ते से जमशेदपुर में घुसते हैं। वहीं, जमशेदपुर के अपराधी इसी रास्ते से दूसरे जिलों की ओर निकल जाते हैं। नतीजा—पुलिस के लिए भी निगरानी रखना मुश्किल हो गया है।
नशे का अड्डा बन रहा घाट?
स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि घाट के रास्ते से ब्राउन शुगर जैसे मादक पदार्थों की तस्करी हो रही है। रात के अंधेरे में यहां असामाजिक तत्वों की गतिविधियाँ, छिपकर मिलना-जुलना और अवैध लेन-देन अब आम बात हो गई है।
किसने उठाई आवाज?
इस बार जिन लोगों ने सांसद विद्युत् वरण महतो और जिला उपायुक्त से T.O.P की मांग की है, उनमें कई प्रमुख नाम शामिल हैं:
अमर सिंह, नारायण सिंह, सतीश जायसवाल, विजय सिंह पप्पू, राकेश सिंह, विमल अग्रवाल, संकट सिंह, श्याम गुप्ता, सतीश गोयल, संदीप सेठ, महेश साहू, विमल शर्मा, शाहिद और बस्ती के कई अन्य जागरूक नागरिक।
इन लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही यहां एक स्थायी पुलिस चौकी नहीं बनाई गई, तो आने वाले समय में ये इलाका पूरी तरह से अपराधियों के कब्जे में चला जाएगा और आम जनता का निकलना भी मुश्किल हो जाएगा।
क्या प्रशासन अब जागेगा?
महाकालेश्वर छठ घाट सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि पूरे जुगसलाई की आस्था और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र है। लेकिन जब इस पवित्र स्थान पर भी असामाजिक तत्वों का बोलबाला हो जाए, तो प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े करती है।
क्या सांसद और प्रशासन अब इस मांग को गंभीरता से लेंगे?
क्या जुगसलाई के नागरिकों को सुरक्षा का भरोसा मिलेगा?
या फिर यह मांग भी पिछली मांगों की तरह सिर्फ कागजों में ही दबी रह जाएगी?
जवाब आने वाला समय देगा, लेकिन फिलहाल बस्तीवालों की नजरें प्रशासन के हर कदम पर टिकी हुई हैं।
आपका क्या मानना है, क्या इस बार आवाज़ असर डालेगी?
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