Supreme Court Order Breaking: कॉमेडियन्स को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, दिव्यांगों का मज़ाक उड़ाने पर अब हर महीने करनी होगी सेवा, क्या बनेगा SMA पीड़ितों के लिए फंड?
दिव्यांगों का मज़ाक उड़ाना पड़ा भारी! सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना समेत 5 को हर महीने 2 बार दिव्यांग लोगों को प्लेटफॉर्म पर लाने और SMA पीड़ितों के लिए फंड जुटाने का दिया निर्देश। अगस्त में मांगी थी माफी।
नई दिल्ली, 28 नवंबर 2025 – अभिव्यक्ति की आज़ादी (Freedom of Expression) और सामाजिक संवेदनशीलता (Social Sensitivity) के बीच की रेखा (Line) कितनी पतली होती है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण (Biggest Example) कॉमेडी (Comedy) की दुनिया से जुड़े एक मामले में सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार (Thursday) को कंटेंट क्रिएटर समय रैना (Samay Raina) समेत पांच प्रमुख कॉमेडियनों (Prominent Comedians) को एक अभूतपूर्व (Unprecedented) आदेश (Order) दिया है। यह निर्देश इसलिए दिया गया क्योंकि इन कॉमेडियनों ने अपने एक ऑनलाइन वीडियो (Online Video) में दिव्यांग (Disabled) लोगों की शारीरिक अक्षमता (Physical Disability) का मज़ाक (Ridiculed) उड़ाया था, जिसके बाद उनके सम्मान (Dignity) को ठेस (Hurt) पहुंची थी।
अब हर महीने दो इवेंट में शामिल होंगे दिव्यांग लोग
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत (Chief Justice Suryakant) और जस्टिस जॉयमाल्या बागची (Justice Joymalya Bagchi) की पीठ (Bench) ने कॉमेडियनों को एक सकारात्मक (Positive) सुधार (Reform) के तौर पर यह निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि अब ये कॉमेडियन अपने प्लेटफॉर्म (Platform) पर हर महीने दो बार दिव्यांग लोगों को शामिल (Include) करेंगे।
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सफलता की कहानियां: कोर्ट ने विशेष रूप से कहा कि ये कॉमेडियन दिव्यांग व्यक्तियों की सफलता की कहानियों (Success Stories) पर कार्यक्रम (Programs) करें। क्योर SMA फाउंडेशन ऑफ इंडिया (Cure SMA Foundation of India) ने उन दिव्यांग लोगों की सफलता की कहानियों पर एक नोट (Note) भी सौंपा है, जिनका मज़ाक उड़ाया गया था।
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फंड जुटाने का लक्ष्य: कोर्ट ने कॉमेडियनों को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) से पीड़ित (Suffering) लोगों के इलाज (Treatment) के लिए फंड (Fund) जुटाने में मदद करने के लिए कहा है।
SMA पीड़ितों के लिए समर्पित फंड की पहल
SMA एक दुर्लभ (Rare) और गंभीर बीमारी (Serious Disease) है, जिसके इलाज में लाखों रुपये का खर्च (Expense) आता है। कोर्ट ने सुझाव दिया कि या तो SMA पीड़ितों के लिए एक समर्पित फंड (Dedicated Fund) बनाया जाए या मौजूदा फंड का जोरदार प्रचार (Aggressive Promotion) किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग और कंपनियां दान (Donation) कर सकें।
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कॉमेडियनों की सहमति: कोर्ट को बताया गया कि समय रैना के साथ विपुल गोयल, बलराज सिंह घई, सोनाली ठक्कर और निशांत तंवर (Vipul Goyal, Balraj Singh Ghai, Sonali Thakker and Nishant Tanwar) पहले ही अपनी मर्जी (Voluntarily) से फंड जुटाने के कार्यक्रम कर रहे हैं और उन्होंने महीने में दो इवेंट करने की इच्छा (Willingness) भी जताई है। उन्होंने दिव्यांग 'अचीवर्स' (Achievers) को बुलाने की अनुमति (Permission) भी मांगी।
माफी के बाद सुधार की उम्मीद
यह मामला एक याचिका (Petition) पर सुनवाई के दौरान सामने आया जिसमें दिव्यांग लोगों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले ऑनलाइन कंटेंट (Online Content) पर कड़ी कार्रवाई (Strict Action) की मांग की गई थी। अगस्त (August) में सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी कॉमेडियनों को अपनी असंवेदनशील (Insensitive) टिप्पणियों (Remarks) के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माफी (Apology) मांगने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने उम्मीद (Hope) जताई कि अगर ये कॉमेडियन ईमानदारी (Honesty) से सुधार (Improvement) दिखाएंगे, तो दिव्यांग लोग भी खुशी से उनके प्लेटफॉर्म पर आकर इस अच्छे उद्देश्य (Good Cause) का हिस्सा बनेंगे। यह आदेश न सिर्फ एक दंडात्मक (Punitive) कदम है, बल्कि यह एक सकारात्मक बदलाव (Positive Change) लाने की दिशा (Direction) में एक महत्वपूर्ण पहचान (Significant Step) है।
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