Ramgarh Terror: खौफनाक टक्कर, पतरातू के पालू जंगल में बिछी लाश, सीसीएल कर्मी की मौत, बेटा जिंदगी और मौत के बीच रिम्स में भर्ती
रामगढ़ के पतरातू में पालू जंगल मोड़ पर हुए एक रोंगटे खड़े कर देने वाले हादसे में सीसीएल कर्मी महावीर नायक की मौके पर ही मौत हो गई और उनका बेटा गंभीर रूप से घायल है। तीखे मोड़ पर स्कॉर्पियो और बाइक की इस भिड़ंत के पीछे छिपे 'डेथ ट्रैप' की पूरी खौफनाक हकीकत यहाँ दी गई है वरना आप भी इस जानलेवा रास्ते के खतरे से अनजान रह सकते हैं।
रामगढ़ (पतरातू), 27 दिसंबर 2025 – झारखंड के रामगढ़ जिले का पालू जंगल मोड़ एक बार फिर बेगुनाह के खून से लाल हो गया है। शुक्रवार को पतरातू थाना क्षेत्र में एक ऐसी भीषण सड़क दुर्घटना हुई जिसने एक परिवार की खुशियों को पल भर में राख कर दिया। सीसीएल (CCL) की खलारी परियोजना में कार्यरत महावीर नायक (45 वर्ष) की इस हादसे में दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उनका 17 वर्षीय बेटा प्रिंस कुमार नायक इस समय रांची के रिम्स (RIMS) में जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है। यह हादसा उस वक्त हुआ जब पिता-पुत्र बाइक पर सवार होकर इस खतरनाक मोड़ से गुजर रहे थे।
तीखा मोड़ और स्कॉर्पियो का कहर: कैसे हुई टक्कर?
हादसा पालू जंगल मोड़ के पास हुआ, जिसे स्थानीय लोग अब 'मौत का मोड़' कहने लगे हैं।
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आमने-सामने की भिड़ंत: महावीर नायक अपने बेटे प्रिंस के साथ मोटरसाइकिल से जा रहे थे। अचानक तीखे मोड़ पर सामने से आ रही एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी।
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मौके पर ही थम गई सांसें: टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि महावीर नायक का शरीर सड़क पर कई फीट दूर जा गिरा और अत्यधिक चोट लगने के कारण उन्होंने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया।
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गंभीर हालत: प्रिंस सड़क के दूसरी ओर जा गिरा और उसके शरीर के कई हिस्सों में गंभीर फ्रैक्चर और चोटें आई हैं।
रिम्स रेफर: प्रिंस की हालत नाजुक
हादसे के तुरंत बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। पतरातू थाना पुलिस ने स्थानीय लोगों की सहायता से राहत कार्य शुरू किया।
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प्राथमिक उपचार: घायल प्रिंस को तत्काल 108 एंबुलेंस से पतरातू प्रखंड अस्पताल ले जाया गया।
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इमरजेंसी रेफरल: डॉक्टरों ने प्रिंस की हालत को देखते हुए उसे प्राथमिक उपचार के बाद तुरंत रिम्स, रांची रेफर कर दिया। बताया जा रहा है कि उसकी स्थिति अभी भी अत्यंत नाजुक बनी हुई है।
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पुलिसिया कार्रवाई: पुलिस ने दोनों क्षतिग्रस्त वाहनों (बाइक और स्कॉर्पियो) को जब्त कर लिया है और मामले की छानबीन में जुट गई है।
पतरातू सड़क हादसा: मुख्य विवरण (Accident Summary)
| विवरण | जानकारी |
| मृतक का नाम | महावीर नायक (45 वर्ष), सीसीएल कर्मी |
| घायल का नाम | प्रिंस कुमार नायक (17 वर्ष) |
| दुर्घटना स्थल | पालू जंगल मोड़, पतरातू |
| कारण | तीखा मोड़ और स्कॉर्पियो की सीधी टक्कर |
| अस्पताल | रिम्स (RIMS), रांची (घायल हेतु) |
पालू जंगल का 'डेथ ट्रैप': ग्रामीणों का फूटा गुस्सा
यह पहली बार नहीं है जब पालू जंगल मोड़ पर किसी की जान गई है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, यह मोड़ इंजीनियरिंग की दृष्टि से काफी खतरनाक है।
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चेतावनी संकेतों का अभाव: मोड़ इतना तीखा है कि दूसरी ओर से आ रहा वाहन तब तक दिखाई नहीं देता जब तक वह बिल्कुल नजदीक न आ जाए। यहाँ न तो कोई रिफ्लेक्टर है और न ही कोई स्पीड ब्रेकर।
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प्रशासनिक अनदेखी: ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार मांग के बावजूद जिला प्रशासन और सड़क विभाग ने यहाँ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं। यदि यहाँ चेतावनी बोर्ड और 'ब्लिंकर लाइट' होती, तो शायद महावीर नायक आज जीवित होते।
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इतिहास गवाह है: पतरातू घाटी और इसके आसपास के जंगलों वाले रास्ते अपनी खूबसूरती के लिए तो जाने जाते हैं, लेकिन सुरक्षा मानकों की कमी के कारण ये अक्सर 'ब्लैक स्पॉट' में तब्दील हो जाते हैं।
सीसीएल खलारी में शोक की लहर
महावीर नायक सीसीएल की खलारी परियोजना में एक मेहनती कर्मचारी के रूप में जाने जाते थे। उनके निधन की खबर पहुँचते ही सहकर्मियों में शोक की लहर दौड़ गई। उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है—एक तरफ मुखिया का साया उठ गया और दूसरी तरफ इकलौता बेटा अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है।
कब जागेंगे जिम्मेदार?
रामगढ़ जिला प्रशासन के लिए यह हादसा एक बड़ी चेतावनी है। पालू जंगल का यह मोड़ और कितनी जानें लेगा, यह एक बड़ा सवाल है। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है, लेकिन मृतक के परिजनों के लिए यह न्याय तब तक अधूरा है जब तक उस खूनी मोड़ को सुरक्षित नहीं बनाया जाता।
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