Bhilai Brilliance: भिलाई के बच्चों ने बदल दी शिक्षा की तस्वीर, AI और बेटियों की अहमियत पर क्यों मिली खूब सराहना
क्या आप जानते हैं कि भिलाई तीन के सैय्यदी मदरसा ने खुद को डिजिटाइज करके बच्चों को AI, कोडिंग और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कैसे तैयार किया? 40 से ज्यादा बच्चों ने सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग और भाषण प्रतियोगिता में किन 22 गंभीर विषयों पर धाराप्रवाह बात रखी? विजेता फरहत परवीन और आबिदा कौसर ने कौन सा प्रभावशाली संदेश दिया? पूरी जानकारी पढ़ें!
भिलाई, 31 अक्टूबर 2025 – परंपरागत शिक्षा को आधुनिक तकनीक और कौशल विकास से जोड़कर, छत्तीसगढ़ के भिलाई तीन स्थित सैय्यदी मदरसा एकता नगर ने एक नई मिसाल पेश की है। रविवार को यहां जश्ने-ए-सरकार गौसुल-वरा के पवित्र आयोजन के साथ ही सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस दौरान 40 से ज्यादा बच्चों ने सामाजिक, धार्मिक और शैक्षणिक विषयों पर धाराप्रवाह हिंदी और उर्दू में अपनी बात रखकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। निर्णायकों सहित तमाम मौजूद मेहमानों ने इन बच्चों के आत्मविश्वास और ज्ञान की खूब सराहना की।
मदरसा हुआ डिजिटल: स्किल डेवलपमेंट और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी
आयोजन समिति की ओर से मोहम्मद उमर सिराजी ने मदरसा के बदलते स्वरूप की जानकारी दी।
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डिजिटल प्लेटफॉर्म: सिराजी ने बताया कि मदरसा को पूरी तरह डिजिटाइज किया गया है।
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आधुनिक शिक्षा: इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बच्चों के लिए स्कूली पाठ्यक्रम की कोचिंग, स्किल डेवलपमेंट, स्पोकन इंग्लिश, गेम्स, बेसिक कंप्यूटर कोर्स और सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कराई जा रही है।
भारत के इतिहास में मदरसा शिक्षा हमेशा ज्ञान और नैतिकता का केंद्र रही है। आज, इस तरह के मदरसों का आधुनिक होना देश के युवाओं को मुख्यधारा के साथ जोड़ने में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो रहा है।
22 विषयों पर धाराप्रवाह भाषण: बेटियों की अहमियत सबसे खास
यह प्रतियोगिता मदरसा में 19 अक्टूबर से शुरू किए गए विशेष प्रशिक्षण सत्र के समापन पर आयोजित की गई थी।
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गंभीर मुद्दे: बच्चों ने बेटियों की अहमियत से लेकर शिक्षा की जरूरत, पर्यावरण संरक्षण, हमारी सामाजिक जिम्मेदारी, पैगम्बर हजरत मुहम्मद सल्लम की जिंदगी और कुरआन के सबक सहित कुल 22 विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी।
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विजेता और सराहना: प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में शायर सूफी हाजी डॉ. मिर्जा इसराइल बेग शाद बिलासपुरी, लेखक व पत्रकार मुहम्मद ज़ाकिर हुसैन और शायर डॉ. नौशाद सिद्दीकी शामिल थे, जिन्होंने फरहत परवीन (अव्वल), आबिदा कौसर (दूसरा) और अलीशा अंजुम (तीसरा) सहित कुल 9 बच्चों को पुरस्कृत किया।
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सर्टिफिकेट और सम्मान: इस दौरान सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग लेने वाले बच्चों को सर्टिफिकेट दिए गए और मदरसे की खिदमत के लिए अर्शी फातिमा का विशेष इस्तकबाल किया गया।
पूरे आयोजन का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन मदरसे के हाफिज नसीम रजा ने किया। अंत में ग्यारहवीं शरीफ के मौके पर फातिहा ख्वानी हुई और देश तथा समाज की खुशहाली के लिए दुआएं की गई। इस आयोजन में मस्जिद-मजार कमेटी भिलाई तीन के सदर रुस्तम खान और मौलाना अकील सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे, जिन्होंने बच्चों की प्रतिभा की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
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