Sonepur Mela 2025: शाम 6 बजे के बाद मत जाना वरना… पछताओगे! नाबालिग लड़कियों की तस्करी, कुत्तों की ब्लैक मार्केट, पशुओं पर जुल्म – सच्चाई देख चौंक जाएंगे

सोनपुर मेला 2025 में शाम 6 बजे बाद खतरनाक! नाबालिग तस्करी, पिटबुल ब्लैक सेल, पशु अत्याचार – X पर वायरल सच्चाई देखकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे

Dec 1, 2025 - 14:38
 0
Sonepur Mela 2025: शाम 6 बजे के बाद मत जाना वरना… पछताओगे!  नाबालिग लड़कियों की तस्करी, कुत्तों की ब्लैक मार्केट, पशुओं पर जुल्म – सच्चाई देख चौंक जाएंगे
Sonepur Mela 2025: शाम 6 बजे के बाद मत जाना वरना… पछताओगे! नाबालिग लड़कियों की तस्करी, कुत्तों की ब्लैक मार्केट, पशुओं पर जुल्म – सच्चाई देख चौंक जाएंगे

सोनपुर, 1 दिसंबर 2025 (विशेष संवाददाता): बिहार का प्रसिद्ध सोनपुर हरिहर क्षेत्र मेला, जो एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है, आजकल शाम ढलते ही अपराध का अड्डा बन चुका है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही रिपोर्ट्स और आंखों देखी घटनाओं से साफ है कि यह जगह न पर्यटकों के लिए सुरक्षित है, न ही उन पशुओं के लिए जो यहां बिक्री के नाम पर सताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हालिया निरीक्षण के बावजूद, शाम के कार्यक्रमों में चोरी, अवैध व्यापार और दुर्घटनाओं का सिलसिला थम नहीं रहा। क्या यह मेला अब सांस्कृतिक उत्सव से ज्यादा खतरे का पर्याय बन गया है?

शाम के मेले में अपराध का काला साया: नाबालिग लड़कियों का अपहरण और अवैध बिक्री

शाम होते ही मेले का माहौल बदल जाता है। 26 नवंबर को सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट के मुताबिक, सोनपुर मेला से 5 नाबालिग लड़कियों को बचाया गया, जिनमें 2 उत्तर प्रदेश से, 1-1 मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और नेपाल से थीं। ये बच्चियां मानव तस्करी के शिकार हो रही थीं, और शाम के अंधेरे में चोरी-छिपे ले जाई जा रही थीं। एक यूजर ने लिखा, "कौन जिम्मेदार है इस गिरावट का? मेला अब अपराध का अड्डा बन गया है।"

दैनिक भास्कर की 28 नवंबर की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि शाम के समय रेयर डॉग्स की अवैध बिक्री जोरों पर है। एजेंट कैमरे पर फोन करते पकड़े गए: "एक लाख दो, टाइगर जैसा अटैक करने वाला केन कोरसो डॉग लो। ये 4 लोगों को एकसाथ मार सकता है!" यह न सिर्फ अवैध है, बल्कि पर्यटकों के लिए खतरा भी – एक गलत सौदा जानलेवा हो सकता है। चोरी की घटनाएं भी आम हो गई हैं; शाम के भारी भीड़ में जेबकतरे सक्रिय हैं, और कई पर्यटकों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की कि उनके फोन और नकदी गायब हो गई।

पशुओं के लिए नर्क जैसा मेला: क्रूरता और उपेक्षा की कहानियां

पशु मेला होने के बावजूद, जानवरों की हालत दयनीय है। 29 नवंबर की एक पोस्ट में यूजर सौरभ सुमन ने चेतावनी दी: "सोनपुर मेला अपने मूल उद्देश्य से भटक गया। पहले पशु व्यापार था, अब सिर्फ नाच-गाना। सरकार को संज्ञान लेना चाहिए!" शाम के कार्यक्रमों में पशुओं को बिना पानी-खाने के घंटों खड़ा रखा जाता है, जिससे कई बीमार पड़ जाते हैं।

सोशल मीडिया पर 23 नवंबर की एक वीडियो पोस्ट में एक घायल कुत्ते की दर्दनाक तस्वीर वायरल हुई, जो एयरपोर्ट इलाके (मेले के नजदीक) में वाहन से टकराया। यूजर विदित शर्मा ने लिखा: "वो दर्द से कराह रहा है, खड़ा नहीं हो पा रहा। जानवर चुपचाप सहते हैं, लेकिन हमारी लापरवाही उनकी दुनिया उजाड़ देती है।" मेले में हाथी, घोड़े और भैंसों की बिक्री में क्रूरता की शिकायतें हैं – जंजीरों में बंधे, भूखे-प्यासे। एक पोस्ट में कहा गया, "पशुओं को सिर्फ मुनाफे के लिए सताया जा रहा है, शाम के अंधेरे में कोई देखने वाला नहीं।"

केरल के थ्रिसुर जूलॉजिकल पार्क की ताजा घटना (13 नवंबर की पोस्ट) से सबक लेना चाहिए: आवारा कुत्तों ने बाड़ तोड़कर हिरणों पर हमला किया, 10 की मौत। सोनपुर में भी ऐसी बाड़ें कमजोर हैं, और शाम को आवारा पशु घुस आते हैं, जिससे झड़पें होती हैं।

पर्यटकों के लिए खतरा: अंधेरे में कोई सुरक्षा नहीं

शाम 5 बजे के बाद लाइटिंग की कमी, भीड़ का दबाव और पुलिस की लापरवाही से मेले का इलाका असुरक्षित हो जाता है। एक पोस्ट में कहा गया: "अभी न जाओ, 15 नवंबर के बाद ही खुला।" लेकिन जो जाते हैं, वे जोखिम उठाते हैं – दुर्घटनाएं, जैसे वाहनों से टकराव या भगदड़। बिहार सरकार के राजस्व स्टॉल (9 नवंबर से 10 दिसंबर) तो हैं, लेकिन सुरक्षा पर फोकस कम।

मुख्यमंत्री का 30 नवंबर का निरीक्षण तो हुआ, लेकिन सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं: "निरीक्षण से क्या फर्क पड़ेगा जब शाम को अपराध फल-फूल रहा है?" पर्यटक सलाह: शाम के बाद अवॉइड करें, बच्चों और महिलाओं के लिए तो बिल्कुल नो-गो जोन।

सोनपुर मेला की चमक फीकी पड़ रही है। अगर सरकार ने तुरंत कार्रवाई नहीं की – सख्त सुरक्षा, अवैध बिक्री पर रोक, पशु कल्याण – तो यह विरासत खतरे में पड़ जाएगी। क्या बिहार का गौरव अब अपराध की भेंट चढ़ेगा? जागें, वरना पर्यटक दूर भागेंगे!

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।