India Consumption: किनले सोडा ने मचाया तहलका, 1500 करोड़ गटक गए भारतीय!

भारत में किनले सोडा की मांग ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। वित्त वर्ष 2023-24 में कोका-कोला ने 1500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया, जानें कैसे भारत बना सॉफ्ट ड्रिंक का सबसे बड़ा बाजार।

Apr 25, 2025 - 16:04
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India Consumption: किनले सोडा ने मचाया तहलका, 1500 करोड़ गटक गए भारतीय!
India Consumption: किनले सोडा ने मचाया तहलका, 1500 करोड़ गटक गए भारतीय!

भारत एक ऐसा देश है, जहां गर्मी का मौसम आते ही ठंडे पेय पदार्थों की मांग आसमान छूने लगती है। लेकिन इस बार एक अलग ही ट्रेंड देखने को मिला। न कोल्ड ड्रिंक्स, न जूस – इस बार जनता ने जमकर पिया किनले सोडा और आंकड़े चौंकाने वाले हैं।

कोका-कोला इंडिया की हालिया रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया है। कंपनी के मुताबिक, अकेले वित्त वर्ष 2023-24 में किनले सोडा की बिक्री से 1500 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व आया है। ये कोई मामूली आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह बताता है कि भारत में अब साधारण पानी नहीं, 'बबल्स' वाली बोतल लोगों की पहली पसंद बनती जा रही है।

किनले का सफर: पानी से सोडा तक

किनले ब्रांड की शुरुआत भारत में 2000 के दशक की शुरुआत में कोका-कोला ने की थी। पहले यह केवल पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर के तौर पर जाना जाता था। लेकिन जैसे-जैसे बाज़ार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी और लोगों की प्राथमिकताएं बदलीं, वैसे-वैसे कोका-कोला ने किनले को ‘सोडा’ कैटेगरी में एक मज़बूत ब्रांड के रूप में स्थापित करना शुरू कर दिया।

अब नतीजा आपके सामने है – भारत के हर कोने में, चाहे मेट्रो शहर हो या गांव, किनले सोडा की मांग लगातार बढ़ रही है।

1500 करोड़ की कहानी: मार्केटिंग और विस्तार

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि कोका-कोला ने 2023-24 में किनले ब्रांड का आक्रामक विस्तार किया। सिर्फ मेट्रो शहरों पर नहीं, बल्कि कंपनी का फोकस टियर-2 और टियर-3 शहरों के साथ ग्रामीण भारत पर भी था।

बोलचाल की भाषा, स्थानीय स्वाद, और संस्कृति को ध्यान में रखकर बनाए गए विज्ञापन और ऑफलाइन कैम्पेन ने लोगों को न सिर्फ जोड़ा, बल्कि किनले को ‘लोकल फील’ देने में भी मदद की।

कोका-कोला ने किनले को सिर्फ "एक सोडा" नहीं, बल्कि "खाने का साथी" बना दिया। चाट, समोसे, बिरयानी या पकोड़े – हर मौके पर किनले फिट बैठने लगा।

हेल्थ अवेयरनेस के बावजूद क्यों बढ़ रही है मांग?

आश्चर्य की बात यह है कि स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता के इस दौर में भी सोडा की मांग में कोई कमी नहीं आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि "हेल्थ कंसर्न" होने के बावजूद, उपभोक्ता ऐसे उत्पादों को 'मॉडरेशन' में लेना पसंद करते हैं – खासकर जब वे खाने का स्वाद दोगुना कर दें।

इसके अलावा, गर्मी के मौसम में कोल्ड ड्रिंक्स के विकल्प के तौर पर किनले सोडा एक सस्ता, उपलब्ध और refreshing ऑप्शन बन चुका है।

छोटे शहरों में क्यों छाया किनले?

छोटे शहरों और गांवों में ब्रांडेड सोडा का चलन पिछले कुछ सालों में तेज़ी से बढ़ा है। स्थानीय दुकानों और ठेलों पर पहले जहां केवल लोकल ब्रांड्स या अनब्रांडेड सोडा मिलते थे, अब वहां किनले बोतल में भरोसे और पहचान के साथ बिकता है।

इसके पीछे वजह है कोका-कोला की सशक्त डिस्ट्रीब्यूशन पॉलिसी और व्यापक नेटवर्क। अब हर छोटे बाजार में भी किनले आसानी से उपलब्ध है, और यही ब्रांड को भीड़ से अलग करता है।

क्या भविष्य में और बढ़ेगी मांग?

बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा कैटेगरी का ग्रोथ रेट अगले 5 सालों तक दोगुनी रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है। गर्मी के मौसम की लंबाई, बढ़ती शहरीकरण दर, और युवा जनसंख्या – ये सभी फैक्टर इस ग्रोथ को सपोर्ट करते हैं।

अगर कोका-कोला ने इसी तरह से लोकल मार्केट को टारगेट करते हुए अपने प्रोडक्ट को रीजनल कल्चर के अनुसार ढालते रहना जारी रखा, तो यह आंकड़ा अगले साल 2000 करोड़ को भी पार कर सकता है।

भारत में किनले सोडा की यह बिक्री न सिर्फ एक पेय पदार्थ की कहानी है, बल्कि बदलते उपभोक्ता व्यवहार, स्मार्ट मार्केटिंग और बढ़ती ग्रामीण जागरूकता की एक मिसाल भी है।

अब सवाल यह है – क्या आप भी अगली बार समोसे के साथ किनले ट्राय करेंगे?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।