Jamshedpur Crime: 'बेहोश कर लूटो' गैंग का खुलासा! टाटानगर स्टेशन पर GRP ने दिल्ली के शातिर चोर को किया गिरफ्तार
टाटानगर रेलवे स्टेशन पर GRP ने दिल्ली के एक बदमाश को गिरफ्तार किया, जो यात्रियों को बेहोश कर मोबाइल चोरी करता था। फर्जी आधार कार्ड भी मिले।

जमशेदपुर, जिसे अपने स्टील प्लांट और अनुशासित समाज के लिए जाना जाता है, एक बार फिर अपराध की खबरों में है। टाटानगर रेलवे स्टेशन पर ग्रामीण रेलवे पुलिस (GRP) ने एक ऐसे शातिर चोर को गिरफ्तार किया है, जो यात्रियों को बेहोश करके उनका सामान लूटता था। आरोपी अजमेर उर्फ कालिया, दिल्ली के सुल्तानपुरी का रहने वाला है और उसके पास से फर्जी आधार कार्ड व बेहोशी की दवाएं बरामद हुई हैं।
"सुल्तानपुरी का शैतान" - जिसे पूरे देश में था इतिहास
37 वर्षीय अजमेर कोई आम चोर नहीं है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, वह पिछले एक दशक से देश के विभिन्न राज्यों में रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को निशाना बना रहा है। उसकी तिकड़म साफ थी – यात्रियों से दोस्ती करना, उन्हें नशीले पदार्थ मिला पानी या चाय पिलाना और फिर बेहोश होने पर उनका सामान लूटकर फरार हो जाना।
इस बार उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया। टाटानगर स्टेशन पर उसकी संदिग्ध हरकतों पर GRP की नजर पड़ गई। जब उसे रोककर तलाशी ली गई, तो उसके पास से फर्जी आधार कार्ड और बेहोशी की दवाएं मिलीं। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने उसकी पहचान की और पूछताछ शुरू कर दी।
"रेलवे स्टेशनों पर चोरी की नई तरकीब"
अजमेर की गिरफ्तारी ने रेलवे सुरक्षा में एक बड़े खतरे को उजागर किया है। सूत्रों के मुताबिक, वह अक्सर अपना नाम और पहचान बदलकर लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर करता था। उसकी रणनीति थी:
1. दोस्ताना व्यवहार: वह यात्रियों से बातचीत करके उनका विश्वास जीतता था।
2. नशीली चाय/पानी: विश्वास मिलते ही वह उन्हें बेहोश करने वाली दवा मिला पेय पिलाता था।
3. चोरी और फरारी: पीड़ित के बेहोश होते ही वह उनका मोबाइल, पर्स और कीमती सामान लेकर अगले स्टेशन पर उतर जाता था।
"क्या कहती है GRP?"
टाटानगर GRP के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अजमेर पर पिछले कई महीनों से नजर थी। सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 328 (नशा देकर हानि पहुंचाना), 380 (चोरी) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
"क्या रेलवे यात्रियों की सुरक्षा पर खतरा?"
यह मामला एक बार फिर रेलवे सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। पिछले पांच साल में झारखंड के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर ऐसे 20 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जहां यात्रियों को नशीले पदार्थ देकर लूटा गया। रेलवे पुलिस के पास अक्सर संसाधनों की कमी और स्टाफ की कमी का हवाला दिया जाता है, लेकिन क्या यह स्थिति बदलेगी?
"यात्रियों के लिए सावधानी जरूरी"
- अजनबियों से मिले खाने-पीने की चीजों को स्वीकार न करें।
- अपने सामान पर नजर रखें और महत्वपूर्ण वस्तुओं को सुरक्षित रखें।
- संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत रेलवे हेल्पलाइन (139) या GRP को सूचित करें।
अजमेर उर्फ कालिया की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता जरूर है, लेकिन सवाल यह है कि क्या रेलवे प्रशासन ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा? क्या यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो पाएगी? फिलहाल, सतर्कता ही इस समस्या का एकमात्र हल है।
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