Vatican Farewell: पोप फ्रांसिस की अंतिम यात्रा में जुटे दुनिया के नेता, ट्रंप भी होंगे शामिल!
वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस को अंतिम विदाई देने जुटेंगे विश्व के नेता, ट्रंप और मेलानिया भी होंगे मौजूद। संत पॉल की ऐतिहासिक परंपरा, श्रद्धांजलि और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का अनूठा नज़ारा।

वेटिकन सिटी में बुधवार सुबह से एक ऐतिहासिक दृश्य सामने आने जा रहा है, जब कैथोलिक चर्च के सबसे चर्चित और विवादित पोप में से एक – पोप फ्रांसिस – की पार्थिव देह सेंट पीटर्स बैसिलिका में अंतिम दर्शन के लिए रखी जाएगी। उनकी अंतिम यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बनेगी, बल्कि एक वैश्विक राजनीतिक आयोजन का रूप भी ले चुकी है, क्योंकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फर्स्ट लेडी मेलानिया और दुनिया भर के नेता रोम पहुंच रहे हैं।
पोप फ्रांसिस: एक क्रांतिकारी पोप का अंत
पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट आया, जिससे उनके 12 वर्षों के विवादास्पद लेकिन परिवर्तनकारी पोपत्व का अंत हुआ। वे चर्च के अंदरूनी नियमों और परंपराओं से कई बार टकराए, लेकिन गरीबों और वंचितों की लगातार पैरवी करते रहे।
2013 में जब उन्होंने पोप के रूप में पदभार संभाला, तब वे पहले ऐसे लैटिन अमेरिकी पोप बने। उन्होंने चर्च को आधुनिकता की ओर मोड़ा, LGBTQ+ मुद्दों पर खुलकर बोले, और कई बार अपने रुख को लेकर रूढ़िवादी गुटों की आलोचना का शिकार भी हुए।
भव्य विदाई: सेंट पीटर्स बैसिलिका में अंतिम दर्शन
बुधवार सुबह 9 बजे (स्थानीय समयानुसार), उनकी पार्थिव देह को वेटिकन के आवासीय चैपल से सेंट पीटर्स बैसिलिका लाया जाएगा। यह प्रक्रिया भव्य धार्मिक जुलूस के रूप में होगी, जिसमें कार्डिनल्स, पुजारी, और लैटिन भजनों की गूंज शामिल होगी। पारंपरिक पोशाकों और धार्मिक प्रतीकों के बीच, यह जुलूस इतिहास में दर्ज होने वाला है।
इसके बाद, आमजन और श्रद्धालु शुक्रवार शाम 7 बजे तक पोप फ्रांसिस के अंतिम दर्शन कर सकेंगे।
शुक्रवार की सुबह होगा अंतिम संस्कार, ट्रंप होंगे उपस्थित
पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुक्रवार सुबह सेंट पीटर्स स्क्वायर में आयोजित की जाएगी। इस ओपन-एयर सेवा का नेतृत्व 91 वर्षीय कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता रे करेंगे, जो कार्डिनल कॉलेज के डीन हैं। अनुमान है कि इस समारोह में दसियों हजार लोग शामिल होंगे।
सबसे अधिक ध्यान खींचने वाली बात यह है कि इस अंतिम यात्रा में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप भी शिरकत करेंगे। ट्रंप और पोप फ्रांसिस के बीच अतीत में प्रवासी मुद्दों को लेकर तीखी बयानबाजी हो चुकी है, फिर भी उनका यह सम्मान भावनात्मक और कूटनीतिक संकेत देता है।
दुनिया भर से आएंगे नेता
इटली, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, यूक्रेन, यूरोपीय संघ के प्रमुख और अर्जेंटीना, जो पोप का जन्मस्थान रहा है – सभी देशों के शीर्ष नेता इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। वेटिकन की सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर तक कड़ा कर दिया गया है।
इतिहास की पुनरावृत्ति या नई शुरुआत?
इससे पहले 2005 में पोप जॉन पॉल II की अंतिम विदाई भी एक वैश्विक आयोजन में तब्दील हो गई थी। लेकिन फ्रांसिस के मामले में यह आयोजन और भी राजनीतिक और सामाजिक विमर्शों से घिरा हुआ है – उनके सुधारों, आलोचनाओं और अपार जनसमर्थन की वजह से।
एक युग का अंत, एक परंपरा का विस्तार
पोप फ्रांसिस की विदाई सिर्फ एक व्यक्ति को श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक विचारधारा की अंतिम झलक है – जो धर्म को दीवारों से निकालकर समाज की नब्ज से जोड़ने की कोशिश कर रही थी। अब देखना यह है कि वेटिकन उनकी विरासत को कैसे संभालता है, और नया पोप कौन होगा?
इस बीच, सेंट पीटर्स की सीढ़ियों पर दुनिया एकत्र हो चुकी है, ताकि उस शख्स को विदाई दी जा सके जिसने अपने कार्यकाल में केवल चर्च को ही नहीं, बल्कि वैश्विक सोच को भी झकझोरा था।
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