Jamshedpur Murder: डायन होने के शक में दो महिलाओं को किया अगवा, फिर ले जाकर मार डाला
जमशेदपुर के मुसाबनी में डायन के शक में दो महिलाओं की बेरहमी से हत्या कर दी गई। पांच आरोपी गिरफ्तार, कई अन्य की तलाश जारी। जानिए अंधविश्वास की ये खौफनाक कहानी।

जमशेदपुर के ग्रामीण इलाके मुसाबनी से एक बार फिर अंधविश्वास का खौफनाक चेहरा सामने आया है।
यहां डायन बताकर दो महिलाओं को पहले अगवा किया गया, फिर बेरहमी से हत्या कर दी गई।
इस निर्मम वारदात ने पूरे झारखंड को झकझोर कर रख दिया है। सवाल सिर्फ दो जानों का नहीं, बल्कि उस सोच का है जो 21वीं सदी में भी लोगों को अंधविश्वास में जीने पर मजबूर कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
घटना मुसाबनी थाना क्षेत्र के पारुलिया गांव के श्रीमतडीह टोला की है। 28 अप्रैल को सोमा बोदरा नाम की महिला की 10 वर्षीय बेटी श्रीदेवी बोदरा की रहस्यमय मौत हो गई। दुख में डूबी मां ने आरोप लगाया कि उसकी बेटी की मौत किसी बीमारी से नहीं, बल्कि गांव की दो महिलाओं – पामेला पूर्ति और चोको बोदरा – के “जादू-टोना” से हुई है।
यहीं से शुरू होता है डरावना खेल।
19 मई को दोनों महिलाएं अचानक गांव से लापता हो गईं। परिजनों ने मुसाबनी थाना में उनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की और घाटशिला एसडीपीओ के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।
सच आया सामने, जब गांववालों की जुबान खुली
जांच के दौरान पुलिस को ग्रामीणों से जानकारी मिली कि कुछ लोगों ने महिलाओं को पकड़कर मारपीट की थी। संदेह गहराया तो पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।
जिनके नाम हैं:
-
डिबरू हांसदा
-
सोमा बोदरा (मृत बच्ची की मां)
-
मागू हांसदा
-
चोटका बोदरा
-
सांडिल पूर्ति
पूछताछ में इन सभी ने महिलाओं के अपहरण और हत्या की बात स्वीकार कर ली। उन्होंने बताया कि उन्होंने अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर दोनों महिलाओं को 500 मीटर दूर एक गड्ढे में मारकर दफना दिया था।
अंधविश्वास की जड़ें – झारखंड में पुराना इतिहास
झारखंड और बिहार के ग्रामीण इलाकों में “डायन बताकर हत्या” कोई नई बात नहीं है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, झारखंड में हर साल दर्जनों महिलाओं की जान इसी शक के आधार पर ले ली जाती है कि वे डायन हैं और किसी की मौत या बीमारी की जिम्मेदार हैं।
इन मामलों में सबसे ज्यादा शामिल होते हैं –
-
अशिक्षा
-
महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रह
-
बीमारियों का कारण अज्ञात रह जाना
-
और कभी-कभी संपत्ति हड़पने की साजिश
पुलिस की सक्रियता और आगे की कार्रवाई
घटना के बाद ग्रामीण एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि अभी कई और लोग मामले में संलिप्त हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के अंधविश्वास आधारित अपराधों पर रोक लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है।
क्या कहता है कानून?
झारखंड में डायन प्रताड़ना रोकथाम अधिनियम, 2001 लागू है, जिसमें ऐसे अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। इसके बावजूद ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रहीं।
कब जागेगा समाज?
मुसाबनी की यह घटना सिर्फ हत्या नहीं, हमारे सामाजिक ढांचे पर एक करारी चोट है। जब तक शिक्षा, विज्ञान और जागरूकता गांव-गांव तक नहीं पहुंचेगी, तब तक पामेला और चोको जैसी महिलाएं इसी तरह शिकार बनती रहेंगी।
यह एक बार फिर साबित करता है कि कानून से पहले मानसिकता बदलनी ज़रूरी है।
क्योंकि असली भूत – हमारी सोच में है, लोगों में नहीं।
What's Your Reaction?






