Bijapur Encounter: छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों का बड़ा एक्शन! 18+ नक्सलियों को ढेर, बरामद हुए भारी हथियार

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की, 18 से ज्यादा नक्सलियों को ढेर। कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में चल रहे ऑपरेशन में बरामद हुए हथियार व विस्फोटक।

May 7, 2025 - 16:50
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Bijapur Encounter: छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों का बड़ा एक्शन! 18+ नक्सलियों को ढेर, बरामद हुए भारी हथियार
Bijapur Encounter: छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों का बड़ा एक्शन! 18+ नक्सलियों को ढेर, बरामद हुए भारी हथियार

बीजापुर (छत्तीसगढ़)। देश के आंतरिक सुरक्षा के खिलाफ खड़े आतंकी तत्वों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने एक बार फिर जोरदार कार्रवाई करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा की दुर्गम पहाड़ियों में मंगलवार देर रात हुई भीषण मुठभेड़ में 18 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया गया है। सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, मृत नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि ऑपरेशन अभी जारी है। मारे गए नक्सलियों के पास से एके-47, इंसास राइफल्स, ग्रेनेड और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है।  

क्या हुआ कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में?  
पिछले 15 दिनों से छत्तीसगढ़ पुलिस, CRPF और कोबरा कमांडो की संयुक्त टीम "ऑपरेशन प्रहार" चला रही थी। इसी कड़ी में मंगलवार रात कर्रेगुट्टा के जंगलों में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच घमासान गोलीबारी हुई, जो कई घंटों तक चली। सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के ठिकाने को चारों तरफ से घेरकर हमला बोला, जिसमें कम से कम 18 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।  

क्यों खास है कर्रेगुट्टा का इलाका?  
बीजापुर का कर्रेगुट्टा क्षेत्र नक्सलियों का पारंपरिक गढ़ रहा है। यहां की ऊंची पहाड़ियां, घने जंगल और दुर्गम रास्ते नक्सलियों को छिपने में मदद करते हैं। इसीलिए सुरक्षा बलों के लिए यहां ऑपरेशन चलाना चुनौतीपूर्ण रहता है। लेकिन इस बार बेहतर खुफिया जानकारी और रणनीति के चलते सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है।  

नक्सलवाद का इतिहास और छत्तीसगढ़ की जंग  
छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा का "रेड कॉरिडोर" नक्सलवाद का केंद्र रहा है। 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी से शुरू हुआ यह आंदोलन धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ के बस्तर तक फैल गया। पिछले दो दशकों में सुरक्षा बलों ने हजारों नक्सलियों को मार गिराया या आत्मसमर्पण करवाया है, लेकिन अभी भी कुछ गुट सक्रिय हैं।  

क्या कहते हैं सुरक्षा सूत्र?  
ऑपरेशन में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया –  
"हमें विश्वसनीय सूचना मिली थी कि कर्रेगुट्टा में नक्सलियों की बड़ी बैठक होने वाली है। हमने उन्हें घेर लिया और जवाबी कार्रवाई की। यह ऑपरेशन अभी जारी है, और हमें उम्मीद है कि और नक्सलियों का सफाया होगा।"  

आगे क्या होगा?  
- मृत नक्सलियों की पहचान चल रही है।  
- बरामद हथियारों से उनके नेटवर्क का पता लगाया जाएगा।  
- ग्रामीण इलाकों में सर्च ऑपरेशन जारी रखा जाएगा।  


यह ऑपरेशन साबित करता है कि सुरक्षा बल नक्सलियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर अडिग हैं। कर्रेगुट्टा की सफलता से नक्सल नेतृत्व को बड़ा झटका लगा है। अब देखना है कि क्या यहां से नक्सलवाद के अंत की शुरुआत होगी?  

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।