Jamshedpur Suicide: छोटी सी बहस ने ली ज़िंदगी, नदी में कूदकर खत्म की कहानी!
जमशेदपुर में घरेलू विवाद के बाद एक युवक ने खरकई नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। शव बरौदा घाट के पास मिला। परिवार सदमे में, जानिए पूरी घटना की पृष्ठभूमि।

जमशेदपुर शहर, जो कभी औद्योगिक प्रगति के लिए जाना जाता था, अब एक और दर्दनाक घटना का गवाह बना है। बागबेड़ा धोबी लाइन के रहने वाले 28 वर्षीय शिव कुमार शर्मा ने एक मामूली पारिवारिक विवाद के बाद सोमवार की रात अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। उसने बागबेड़ा स्थित बड़ौदा घाट पर खरकई नदी में छलांग लगा दी और उसका शव मंगलवार सुबह मिला।
कौन था शिव कुमार शर्मा?
शिव कुमार, तीन भाइयों में मंझला था। अविवाहित शिव एक टीवी मैकेनिक था और उसकी दुकान जुगसलाई में थी। पेशेवर तौर पर वह मेहनती और आत्मनिर्भर था। उसके करीबी बताते हैं कि शिव शांत स्वभाव का युवक था, लेकिन भावनाओं में बहने वाला भी। सोमवार की रात वह रांची से लौटकर आया था और उसी रात ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी।
कैसे हुआ ये हादसा?
जानकारी के अनुसार, घर लौटने के बाद किसी बात को लेकर उसका अपने छोटे भाई से विवाद हो गया। यह बहस इतनी गंभीर नहीं थी कि जान चली जाए, लेकिन शायद शिव की मानसिक स्थिति उस समय सामान्य नहीं थी। गुस्से में वह बाइक उठाकर घर से निकल गया। परिवार वालों ने सोचा कि थोड़ी देर में लौट आएगा, लेकिन वह सीधे बड़ौदा घाट पहुंचा और बिना किसी को बताए खरकई नदी में छलांग लगा दी।
बाइक और जूते बने सुराग
रात भर परिवार वाले उसे ढूंढते रहे। मंगलवार सुबह स्थानीय लोगों ने जब नदी में एक शव देखा तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस को नदी किनारे एक बाइक और जूते मिले, जिससे शिव की पहचान की पुष्टि हुई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
परिवार में पसरा मातम, मोहल्ला स्तब्ध
घटना के बाद से पूरे परिवार में मातम छाया हुआ है। शिव की मां और भाइयों की आंखों में आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे। आसपास के लोग और रिश्तेदार इस असमय मृत्यु से स्तब्ध हैं। कोई यकीन नहीं कर पा रहा कि एक समझदार युवक ऐसा कदम उठा सकता है।
क्यों ज़रूरी है मानसिक स्वास्थ्य पर बात करना?
शिव की आत्महत्या हमें एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि आज के युवाओं के जीवन में मानसिक दबाव कितनी गंभीर समस्या बन चुका है। भारत में हर साल लाखों लोग आत्महत्या करते हैं, जिनमें एक बड़ा हिस्सा युवा वर्ग का होता है। छोटी-छोटी बातें जब अंदर दब जाती हैं, तो वो बड़े कदमों का कारण बनती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि घर में संवाद की कमी और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की कमी कई बार ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण निर्णयों की जड़ होती है। ज़रूरत है कि हम एक-दूसरे की भावनाओं को समझें, सुनें और साथ खड़े रहें।
पुलिस की अपील
फिलहाल पुलिस हर कोण से जांच कर रही है। थानाध्यक्ष का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का ही है, लेकिन वो सभी पहलुओं की बारीकी से जांच कर रहे हैं। पुलिस ने अपील की है कि यदि किसी के पास घटना से संबंधित कोई जानकारी हो, तो वे आगे आएं।
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