Ranchi Exposed: 100 से ज्यादा बाइक चुराने वाला गिरोह पकड़ा गया! चोरी की गाड़ियों को कहां बेचने की थी साजिश? तुरंत पहचानें अपनी बाइक!
क्या आपकी भी बाइक रांची से गायब हुई है? पुलिस ने अंतरजिला बाइक चोर गिरोह के 5 शातिर अपराधियों को कैसे दबोचा? 100 से अधिक चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाला यह गिरोह नंबर प्लेट बदलकर कैसे पुलिस को देता था धोखा? जगन्नाथपुर और धुर्वा से बरामद 17 बाइकों को देखकर कहीं आपकी सांसें न रुक जाएं!
रांची, 25 अक्टूबर 2025 - रांची शहर में लगातार बढ़ रही बाइक चोरी की घटनाओं से परेशान लोगों को आखिरकार राहत की सांस मिली है। रांची पुलिस ने एक बड़ी और गुपचुप कार्रवाई करते हुए एक ऐसे शातिर अंतरजिला बाइक चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसने शहर में 100 से अधिक चोरी की वारदातों को अंजाम दिया था। इस गिरोह के पकड़े जाने से न सिर्फ अपराधियों के हौसले पस्त हुए हैं, बल्कि चोरी की गाड़ियों को खरीदने और बेचने के पूरे नेटवर्क का खुलासा होने की संभावना भी बढ़ गई है।
पुलिस के हाथ लगे 5 शातिर अपराधी
रांची में चोरी की बढ़ती घटनाओं पर पुलिस ने विशेष टीम गठित की थी, जिसे गुप्त सूचना के आधार पर बड़ी सफलता मिली। पुलिस ने इस गिरोह के पांच शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान भारत बैठा, शाहिद अंसारी, रोहित कुमार, पिंटू गंझू और महेश्वर गंझू के रूप में हुई है।
इन अपराधियों की निशानदेही पर पुलिस ने जगन्नाथपुर, धुर्वा और तुपुदाना थाना क्षेत्रों से कुल 17 चोरी की बाइक बरामद की हैं। सिटी एसपी ने खुलासा किया कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और अनुमान है कि इन्होंने अब तक 100 से अधिक बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया था, जिससे पूरे शहर में दहशत का माहौल था।
नंबर प्लेट बदलकर कैसे देते थे धोखा?
इस गिरोह का काम करने का तरीका (Modus Operandi) बेहद शातिर और संगठित था। सिटी एसपी के अनुसार, ये चोर चोरी की गई बाइक का नंबर प्लेट बदलकर और फर्जी टेप लगाकर उनका इस्तेमाल करते थे। यह तरीका पुलिस और आम जनता दोनों के लिए पहचान करना लगभग असंभव बना देता था।
इसके अलावा, इस गिरोह की योजना चोरी की गई बाइकों को रांची के बाहर के ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों में ले जाकर बेचने की भी थी, जहां वाहनों के कागजातों की जांच कड़ाई से नहीं होती है। ऐसे में, कम कीमतों पर ये बाइकें आसानी से खप जाती थीं, जिससे इनका नेटवर्क और मजबूत होता जा रहा था। यह साफ तौर पर एक अंतरजिला नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
नेटवर्क की तलाश और बचे हुए शिकार
प्रारंभिक जांच में जो खुलासा हुआ है, वह यह बताता है कि इस गिरोह का नेटवर्क अकेले इन्हीं पांच लोगों तक सीमित नहीं है। पुलिस अब गिरफ्तार अपराधियों से गहन पूछताछ कर रही है ताकि उनके पूरे नेटवर्क और अन्य साथियों की तलाश की जा सके। इसमें उन लोगों की भी जानकारी मिलना आवश्यक है जो चोरी की इन बाइकों को सस्ते दामों पर खरीदते थे।
पुलिस को उम्मीद है कि बचे हुए सदस्यों की गिरफ्तारी से चोरी की गई शेष बाइकों की बरामदगी भी हो सकती है, जिनकी संख्या 80 से अधिक है। इस कार्रवाई ने उन लोगों को एक बड़ी उम्मीद दी है जिनकी बाइकें इस गिरोह के कारण गुम हुई हैं।
रांची पुलिस की यह सफलता निश्चित रूप से शहर के आम लोगों में सुरक्षा की भावना को बढ़ाएगी और बाइक चोरों के मनोबल को तोड़ेगी। जिन लोगों की बाइक चोरी हुई है, वे स्थानीय थाने या रांची पुलिस से संपर्क कर बरामद की गई 17 बाइकों में अपनी गाड़ी की पहचान कर सकते हैं।
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