Ranchi Arms Smuggler Arrest : बुंडू में 'ऑपरेशन हथियार', पकड़ा गया सुजीत सिन्हा गैंग का मास्टरमाइंड!

क्या आप कुख्यात सुजीत सिन्हा गैंग के अगले टारगेट थे? रांची पुलिस ने हथियार तस्कर दशरथ शुक्ला को गिरफ्तार कर किस खूनी वारदात को टाला? पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए 21 हथियारों की सप्लाई का पूरा सच क्या है? जानें झारखंड में संगठित अपराध के अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क का बड़ा पर्दाफाश!

Oct 24, 2025 - 20:09
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Ranchi Arms Smuggler Arrest : बुंडू में 'ऑपरेशन हथियार', पकड़ा गया सुजीत सिन्हा गैंग का मास्टरमाइंड!
Ranchi Arms Smuggler Arrest : बुंडू में 'ऑपरेशन हथियार', पकड़ा गया सुजीत सिन्हा गैंग का मास्टरमाइंड!

रांची, 24 अक्टूबर 2025 - झारखंड की राजधानी रांची पुलिस ने बुंडू थाना क्षेत्र में एक बड़ी और साहसिक कार्रवाई करते हुए सिर्फ एक कुख्यात अपराधी को ही नहीं दबोचा है, बल्कि राज्य में गैंगवार और रंगदारी के अंतर्राष्ट्रीय साजिश का पर्दाफाश भी किया है। यह गिरफ्तारी झारखंड में संगठित अपराध के गहरे जाल की ओर इशारा करती है, जिसके तार सीधे पाकिस्तान से जुड़े हैं!

बुंडू में ऑपरेशन 'हथियार': कैसे धरा गया मास्टरमाइंड?

पुलिस को यह बड़ी सफलता कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा गैंग से जुड़े हथियार तस्कर दशरथ शुक्ला की गिरफ्तारी के रूप में मिली है। 23 अक्टूबर को एसएसपी को एक गुप्त सूचना मिली थी कि एक संदिग्ध व्यक्ति बुंडू थाना क्षेत्र के ऐदलहातु स्थित NH-33 के किनारे सूर्य मंदिर तोरण द्वार के पास किसी बड़ी गैंग को हथियार सप्लाई करने वाला है।

सूचना की गंभीरता को समझते हुए, एसएसपी ने तत्काल ग्रामीण एसपी प्रवीण पुस्कर के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया। टीम ने घेराबंदी की और दशरथ शुक्ला को रंगे हाथों पकड़ लिया। पुलिस ने उसके पास से तीन पिस्तौल और कई गोलियां भी बरामद की हैं। अधिकारियों के अनुसार, यह हथियार जमशेदपुर में सुजीत सिन्हा गैंग के सदस्यों को पहुंचाए जाने थे, जिनका इस्तेमाल संभवतः रंगदारी और हिंसक वारदातों में होना था।

पाकिस्तान ड्रोन कनेक्शन: अपराध का सबसे खतरनाक पहलु

इस गिरफ्तारी से जो सबसे बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, वह है सुजीत सिन्हा गैंग का अंतर्राष्ट्रीय हथियार सप्लाई नेटवर्क। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि इस गैंग ने पहले भी पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भारी मात्रा में हथियार मंगवाए थे।

ग्रामीण एसपी प्रवीण पुस्कर ने पुष्टि की कि यह गैंग पूर्व में भी पाकिस्तान से 21 हथियारों की तस्करी करता रहा है। ये हथियार पंजाब की सीमा से ड्रोन के माध्यम से भारत लाए जाते हैं और फिर लड़कियों या अन्य माध्यमों से झारखंड और अन्य राज्यों में सप्लाई किए जाते हैं। हाल ही में रांची पुलिस ने प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा गैंग से जुड़े कुछ और अपराधियों को भी गिरफ्तार किया था, जिनके पास से पाकिस्तानी पिस्तौल बरामद हुई थीं। यह दर्शाता है कि यह एक संगठित, सीमा पार अपराध सिंडिकेट है जो झारखंड के शांत माहौल को अशांत करने की कोशिश कर रहा है।

क्या आप जानते हैं? कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा पर रंगदारी, हत्या और संगठित अपराध के कई मामले दर्ज हैं। वह और प्रिंस खान जैसे गैंगस्टर अक्सर जेल के अंदर से या विदेश से अपना नेटवर्क चलाते हैं, जिससे पुलिस के लिए इन्हें पूरी तरह से ध्वस्त करना एक चुनौती बना हुआ है।

दशरथ शुक्ला का लंबा आपराधिक इतिहास

गिरफ्तार दशरथ शुक्ला खुद भी कोई छोटा-मोटा अपराधी नहीं है। उस पर हत्या के प्रयास, दंगा, और आर्म्स एक्ट सहित कई गंभीर मामले दर्ज हैं। उसका जमशेदपुर और रांची दोनों क्षेत्रों में एक लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। यह गिरफ्तारी यह साबित करती है कि छोटे दिखने वाले हथियार सप्लायर ही इन बड़े गैंगों की रीढ़ होते हैं, जिनके बिना ये गैंग अपने खूनी मंसूबों को अंजाम नहीं दे सकते।

पुलिस का संकल्प स्पष्ट है: "पाकिस्तान कनेक्शन से जुड़े बाकी हथियारों की बरामदगी के लिए सक्रियता से काम किया जा रहा है, और सुजीत सिन्हा गैंग के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।"

यह गिरफ्तारी न केवल रांची, बल्कि पूरे झारखंड के लिए एक बड़ी राहत है, लेकिन पाकिस्तान से हथियारों की सप्लाई का खुलासा यह दिखाता है कि राज्य की पुलिस को अब अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर फैले अपराध सिंडिकेट से लड़ना होगा।

पाठकों से सवाल:

आपके अनुसार, पुलिस को ड्रोन के जरिए होने वाली इस तरह की हथियार तस्करी को रोकने के लिए किन तकनीकी उपायों का इस्तेमाल करना चाहिए? कमेंट में अपनी राय ज़रूर दें।

झारखंड में नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर इस वीडियो में अधिक जानकारी है: Jharkhand के इतिहास में सबसे बड़ा आत्मसमर्पण।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।