Jamshedpur Burst: छठ के पहले दिन बाजार में 'लौकी की लूट'! बर्मामाइंस में फ्री मिल रहा था छठ का पहला प्रसाद – क्या आपको मिला? जय छठी मैईया से गूंजा बाजार
क्या आप छठ के लिए बाजार गए थे? लोक आस्था के महापर्व 'नहाय-खाय' के दिन बर्मामाइंस मार्केट में हजारों की संख्या में लौकी, गन्ना और गागल का निशुल्क वितरण क्यों हुआ? किस संगठन ने किया यह भव्य आयोजन और सुबह 10 बजे कैसे उमड़ पड़ी श्रद्धालुओं की भीड़? पूरी भक्तिमय और रोमांचक खबर यहां पढ़ें!
जमशेदपुर, 25 अक्टूबर 2025 - लोक आस्था का महापर्व छठ आज, शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है। छठ का पहला दिन यानी 'नहाय-खाय' परंपरा, जिसमें लौकी (कद्दू) की सब्जी और चावल खाने का विधान है, उसकी शुरुआत होते ही पूर्वी सिंहभूम के बर्मामाइंस मार्केट में अद्भुत नज़ारा देखने को मिला।
बाजार में आमतौर पर जिस लौकी और गागल (नींबू) के दाम छठ के दौरान आसमान छूने लगते हैं, आज उसी का निशुल्क वितरण किया गया, जिससे मार्केट का पूरा माहौल भक्ति और उत्साह से भर उठा।
सुबह 10 बजे शुरू हुई 'लौकी की लूट'
नहाय-खाय के दिन लौकी और गागल की अत्यधिक मांग को देखते हुए, बर्मामाइंस पहाड़ी पूजा कमेटी ने एक भव्य निःशुल्क वितरण शिविर का आयोजन किया। बर्मामाइंस मार्केट मेन रोड पर जैसे ही यह वितरण सुबह 10 बजे शुरू हुआ, आस्था और जरूरत की एक अभूतपूर्व भीड़ उमड़ पड़ी।
यह कोई साधारण वितरण नहीं था; आयोजकों द्वारा हजारों की संख्या में लौकी, गन्ना और गागल छठ व्रतियों के बीच बांटे गए। बाजार का पूरा इलाका "जय छठी मैईया" के जयकारों से गूंज उठा।
आयोजन में पुलिस और राजनेता भी शामिल
इस सेवा भाव के कार्यक्रम में पुलिस प्रशासन और राजनीति जगत के कई प्रमुख चेहरे मौजूद रहे, जिससे इस आयोजन का महत्व और भी बढ़ गया।
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बर्मामाइंस थाना अध्यक्ष श्री बब्लू कुमार सिंह के नेतृत्व में यह व्यवस्था सुनिश्चित की गई, ताकि भीड़ नियंत्रित रहे और व्रतियों को सुविधा हो।
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जनता दल यूनाइटेड (JDU) के जिला उपाध्यक्ष श्री दुर्गा राव के साथ-साथ, पूर्वी सिंहभूम के जिला अध्यक्ष श्री सुबोध श्रीवास्तव जी ने स्वयं छठ व्रतियों को अपने हाथों से लौकी, गन्ना और गागल देकर इस पुनीत कार्य की शुरुआत की।
जेडीयू के पदाधिकारियों ने इस अवसर पर स्पष्ट किया कि लोक आस्था के इस महापर्व पर 'समाज सेवा ही सबसे बड़ी पुजा है'। उनका उद्देश्य समाज में सहयोग और समर्पण की भावना को मजबूत करना था।
क्यों खास है छठ में लौकी का यह वितरण?
छठ महापर्व का नहाय-खाय, जिसे कद्दू-भात के नाम से भी जाना जाता है, छठ व्रतियों के लिए पवित्रता और शुद्ध आहार की शुरुआत है। लौकी की सब्जी और दाल-चावल का सेवन करने के बाद ही व्रती खुद को शुद्ध मानते हैं। ऐसे में, बाजार में लौकी की मांग अचानक बढ़ जाती है और कीमतों में तेजी आ जाती है।
गरीब और मध्यमवर्गीय व्रतियों को इस आर्थिक बोझ से बचाने के लिए, इस तरह का निशुल्क वितरण अत्यंत महत्वपूर्ण और राहत भरा कदम होता है। बर्मामाइंस मार्केट में उमड़ी भीड़ ने यह दर्शा दिया कि इस तरह की पहल का कितना अधिक स्वागत किया जाता है।
इतिहास की झाँकी: आस्था और समर्पण
भारत में छठ पर्व की महानता केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समर्पण, शुद्धि और सामुदायिक सौहार्द का प्रतीक है। पौराणिक रूप से इस पर्व का संबंध सूर्यपुत्र कर्ण और द्रौपदी से भी माना जाता है। लेकिन आधुनिक दौर में, यह पर्व गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने, और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का माध्यम भी बन गया है। बर्मामाइंस में हुआ यह भव्य वितरण इसी प्राचीन सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को दर्शाता है।
वितरण कार्यक्रम में जनता दल यूनाइटेड के कई अन्य पदाधिकारी भी शामिल थे, जिनमें दीपू तिवारी, गंगाधर पांडे, रविन्द्र ठाकुर, पवन जी, नागेंद्र सिंह, नवीन जी, जितेंद्र जी, विजय राव, विनोद राय, दली भाई, विनय जी, अमित शर्मा, संजय जी, दीनू जी और रासो जी प्रमुख थे। सभी ने मिलकर छठ की शुभकामानाएं दी और पूरे वातावरण को भक्तिमय कर दिया।
पाठकों से सवाल:
क्या आपके इलाके में भी छठ के लिए ऐसी निःशुल्क सेवा का आयोजन हुआ है? आप इस तरह के सामाजिक सेवा कार्यों को कितना महत्वपूर्ण मानते हैं? कमेंट में 'जय छठी मैईया' लिखकर अपनी शुभकामनाएं भेजें!
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