Ranchi Attack: खुफिया इनपुट के बाद भी चूक? मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर उठाए गंभीर सवाल
रांची में आयोजित 'संविधान बचाओ' रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहलगाम हमले को खुफिया विफलता बताया और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। जानिए उन्होंने और क्या आरोप लगाए।

रांची, झारखंड – "पहलगाम हमला खुफिया तंत्र की सबसे बड़ी नाकामी है।" ये आरोप कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित 'संविधान बचाओ रैली' में लगाए। उनके अनुसार, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से तीन दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुफिया इनपुट दे दिया गया था, फिर भी कोई कदम नहीं उठाया गया।
आख़िर क्या हुआ था पहलगाम में?
22 अप्रैल 2024 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें निर्दोष नागरिकों की जान गई। खड़गे ने दावा किया कि इस हमले से पहले ही खुफिया एजेंसियों ने संभावित खतरे को लेकर सरकार को सतर्क कर दिया था। लेकिन, दुर्भाग्य से, इनपुट होने के बावजूद कोई पूर्व-सावधानी नहीं बरती गई, जिससे यह जानलेवा हमला हुआ।
मोदी की कश्मीर यात्रा क्यों रद्द हुई?
खड़गे ने इस मंच से एक और चौंकाने वाला दावा किया – "इसी खुफिया रिपोर्ट के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी प्रस्तावित कश्मीर यात्रा रद्द की थी।" सवाल ये उठता है कि अगर खतरों की जानकारी थी, तो आम जनता को क्यों नहीं बचाया गया? क्या सरकार सिर्फ खुद को सुरक्षित रखने में लगी थी?
‘पहले देश, फिर पार्टी’ – पाकिस्तान पर कांग्रेस का रुख
खड़गे ने अपने भाषण में यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी सख्त कदम पर सरकार के साथ खड़ी होगी। उन्होंने कहा, “पार्टी बाद में है, पहले देश है।” इससे कांग्रेस ने यह संकेत देने की कोशिश की कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसका रुख सरकार से भिन्न नहीं है।
मोदी सरकार पर सीधा हमला – ‘दलित विरोधी और संविधान विरोधी’
खड़गे का भाषण सिर्फ पहलगाम तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘दलित विरोधी’ और ‘संविधान विरोधी’ करार देते हुए कहा कि “यह सरकार सरकारी संस्थानों को बेच रही है, एससी, एसटी और ओबीसी की नौकरियां छीन रही है।"*
इतना ही नहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि "मोदी सरकार संविधान की धज्जियां उड़ाकर, अपने बनाए कानून जनता पर थोप रही है।"
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर भी उठे सवाल
मंच पर खड़गे ने यह भी कहा कि "मोदी सरकार कहती है कि सारे राज्य एक हैं, लेकिन जब हमारे झारखंड के मुख्यमंत्री को जेल भेजा गया, तब यही सरकार हंस रही थी।" उन्होंने पीएम मोदी को चेताया कि “गरीब आदिवासी डरने वाले नहीं हैं, उन्हें डरा कर सत्ता नहीं चलाई जा सकती।”
कांग्रेस के दिग्गज नेता भी हुए शामिल
इस रैली में मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी के. राजू, और झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश महतो समेत राज्य सरकार के तमाम मंत्री और वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। माहौल में जोश था और ‘संविधान बचाओ’ का नारा बार-बार गूंज रहा था।
इतिहास के आईने में – क्या यह पहली बार है?
भारत में खुफिया रिपोर्ट की अनदेखी कोई नई बात नहीं है। 26/11 मुंबई हमले के दौरान भी ऐसी ही विफलता सामने आई थी, जब सूचना होने के बावजूद सुरक्षा इंतज़ाम पूरे नहीं थे। ऐसे में खड़गे द्वारा उठाए गए सवाल एक बार फिर सरकार के इंटेलिजेंस तंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
अब सवाल उठता है – क्या यह राजनीतिक हमला है या सच्चाई का आइना? क्या वाकई सरकार जनता की सुरक्षा से ज्यादा अपनी छवि को प्राथमिकता दे रही है? जवाब आने वाले चुनावी माहौल में ढूंढ़ा जाएगा।
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