Ranchi Ministers: हेमंत सरकार में 11 मंत्रियों की शपथ, झारखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव

हेमंत सोरेन कैबिनेट के 11 नए मंत्रियों ने शपथ ली। झारखंड की राजनीति में नया अध्याय शुरू। जानिए किसे मिला मौका और सरकार के समावेशी एजेंडे के बारे में।

Dec 5, 2024 - 16:27
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Ranchi Ministers: हेमंत सरकार में 11 मंत्रियों की शपथ, झारखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव
Ranchi Ministers: हेमंत सरकार में 11 मंत्रियों की शपथ, झारखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव

झारखंड की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में गठित इंडिया गठबंधन सरकार के 11 नए मंत्रियों ने शपथ ली। यह शपथग्रहण समारोह रांची के राजभवन में आयोजित किया गया, जहां मंत्रियों ने समावेशी और प्रगतिशील झारखंड का वादा किया।

इस मंत्रिमंडल में विभिन्न वर्गों और समुदायों को प्रतिनिधित्व देकर झारखंड के विविध स्वरूप को प्रतिबिंबित किया गया है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का कोटा

हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा से इन चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया गया:

  1. सुदिव्य कुमार सोनू
  2. चमरा लिंडा
  3. हफीजुल हसन
  4. रामदास सोरेन
  5. दीपक बिरुवा
  6. योगेंद्र प्रसाद

ये सभी नेता झारखंड की स्थानीय राजनीति और जन समस्याओं से गहराई से जुड़े हुए हैं।

कांग्रेस का योगदान

गठबंधन का दूसरा प्रमुख दल कांग्रेस ने इन नेताओं को मंत्री पद के लिए चुना:

  1. राधाकृष्ण किशोर
  2. इरफान अंसारी
  3. दीपिका पांडे
  4. शिल्पी नेहा तिर्की

इन नेताओं को झारखंड के सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर काम करने का जिम्मा दिया गया है।

राजनीतिक समीकरण और समावेशी एजेंडा

यह मंत्रिमंडल झारखंड के सभी प्रमुख समुदायों का प्रतिनिधित्व करता है।

  • आदिवासी और दलित समुदाय से आने वाले नेता झारखंड की बहुसंख्यक जनता की आवाज को कैबिनेट में शामिल करते हैं।
  • मुस्लिम और ओबीसी वर्ग को प्रतिनिधित्व देकर सरकार ने समावेशिता का संदेश दिया है।
  • महिलाओं को भी जगह देकर यह कैबिनेट लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा:
"यह मंत्रिमंडल राज्य के समग्र विकास और जनता की भलाई के लिए काम करेगा।"

हेमंत सरकार: दूसरा कार्यकाल और चुनौतियां

हेमंत सोरेन का यह दूसरा कार्यकाल है। झारखंड के विकास को लेकर उनकी सरकार ने कई वादे किए हैं:

  1. आर्थिक सुधार:
    झारखंड को औद्योगिक हब बनाने की दिशा में काम।
  2. शिक्षा और स्वास्थ्य:
    ग्रामीण इलाकों में इन सुविधाओं का विस्तार।
  3. रोजगार:
    युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करना।

हालांकि, पिछली सरकार के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करना और जनता के भरोसे पर खरा उतरना एक बड़ी चुनौती होगी।

इतिहास की झलक: झारखंड की कैबिनेट में बदलाव का सफर

2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बना। तब से अब तक झारखंड की राजनीति में कई उतार-चढ़ाव देखे गए।

  • झामुमो ने झारखंड की राजनीति में हमेशा एक अहम भूमिका निभाई है।
  • महिलाओं और पिछड़े वर्गों को पहली बार प्रभावशाली तरीके से कैबिनेट में जगह मिलना 2010 के बाद शुरू हुआ।
  • हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड को स्थिरता और विकास का नया मॉडल देने की उम्मीद है।

जनता की उम्मीदें और विपक्ष की प्रतिक्रिया

हेमंत सोरेन सरकार के इस मंत्रिमंडल को जहां जनता ने सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा है, वहीं विपक्ष ने इसे महज "राजनीतिक समीकरण बैठाने का खेल" बताया।

विपक्ष के नेताओं ने सवाल उठाए:
"क्या इस मंत्रिमंडल में झारखंड के ग्रामीण इलाकों की समस्याओं को हल करने की क्षमता है?"

नए मंत्रियों के लिए क्या हैं प्राथमिकताएं?

  1. ग्रामीण विकास:
    ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की स्थिति को सुधारना।
  2. आदिवासी समुदाय:
    उनकी भूमि और अधिकारों की रक्षा करना।
  3. महिलाओं के लिए योजनाएं:
    महिला सशक्तिकरण के लिए नई योजनाओं का क्रियान्वयन।
  4. राज्य में निवेश:
    नए उद्योगों को आकर्षित करना।

झारखंड के लिए नई शुरुआत

हेमंत सोरेन की यह कैबिनेट झारखंड के विकास के लिए कई उम्मीदें लेकर आई है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मंत्रिमंडल राज्य की समस्याओं को सुलझाने और वादों को पूरा करने में कितना सफल होता है।

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