Deoghar Raid: जंगल से पकड़े गए साइबर ठग, एयरटेल और बैंक बनकर कर रहे थे करोड़ों की ठगी!

देवघर के घोरलास जंगल से साइबर पुलिस ने चार शातिर ठगों को पकड़ा है जो खुद को एयरटेल और बैंक अधिकारी बताकर मोबाइल यूजर्स से बैंक डिटेल लेकर ठगी कर रहे थे। जानिए कैसे रची गई यह जालसाजी की कहानी।

May 6, 2025 - 09:53
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Deoghar Raid: जंगल से पकड़े गए साइबर ठग, एयरटेल और बैंक बनकर कर रहे थे करोड़ों की ठगी!
Deoghar Raid: जंगल से पकड़े गए साइबर ठग, एयरटेल और बैंक बनकर कर रहे थे करोड़ों की ठगी!

देवघर जिले के जसीडीह थाना क्षेत्र स्थित घोरलास जंगल में छुपे बैठे थे कुछ ऐसे चेहरे, जो फोन कॉल पर 'नमस्ते, मैं एयरटेल कस्टमर केयर से बोल रहा हूं' कहकर लोगों की जिंदगी भर की जमा-पूंजी पर हाथ साफ कर रहे थे। लेकिन अब इनका खेल खत्म हो चुका है।

साइबर थाना की टीम ने डीआईजी सह एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग के विशेष निर्देश पर छापेमारी कर चार साइबर ठगों को धर दबोचा है। इस ऑपरेशन ने न केवल झारखंड बल्कि देश भर के मोबाइल यूजर्स के लिए एक चेतावनी का काम किया है।

कैसे करते थे ठगी का खेल?

गिरफ्तार आरोपियों का तरीका बेहद शातिर था। ये लोग खुद को एयरटेल बैंक या कस्टमर केयर अधिकारी बताकर मोबाइल यूजर्स को कॉल करते थे। बेहद प्रोफेशनल तरीके से बात करते हुए ये भरोसा जीत लेते थे।

एक बार जब व्यक्ति उनके जाल में फंस जाता, तो ये लोग कहते – “सर, आपके नंबर पर KYC अपडेट नहीं है, आपका सिम बंद हो जाएगा।” और इसी बहाने बैंक खाता, डेबिट कार्ड नंबर, पासवर्ड और OTP तक पूछ लेते थे।

बस, एक बार ये जानकारी मिलते ही उनके असली चेहरे सामने आते – खाते से पैसे उड़ जाते, और पीड़ित को समझ ही नहीं आता कि कब और कैसे वो ठगे गए।

पूछताछ में खुला बड़ा रैकेट

साइबर थाना लाकर जब चारों से घंटों पूछताछ की गई, तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। पूछताछ में पता चला कि ये शातिर ठग झारखंड के अलग-अलग जिलों से हैं और एक संगठित गिरोह की तरह काम करते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • रोहित मंडल – करौं थाना क्षेत्र, जगाडीह गांव

  • बाबर अंसारी – सारवां थाना क्षेत्र, बरमतरा गांव

  • चंद्रशेखर कुमार – मोहनपुर थाना क्षेत्र, चितरपोका गांव

  • विवेक कुमार – सोनारायठाढ़ी थाना क्षेत्र, बियाही गांव

इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

मोबाइल और सिमकार्ड से खुलेंगे कई राज

पुलिस ने इनके पास से चार मोबाइल और आठ सिमकार्ड बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। ये सिम कार्ड कई फर्जी नामों पर लिए गए थे और ठगी में लगातार इस्तेमाल हो रहे थे।

जांच अधिकारियों के अनुसार, इन मोबाइल फोन में ऐसे कई नंबरों की लिस्ट मिली है जिन्हें टारगेट किया जा रहा था। माना जा रहा है कि गिरोह के तार झारखंड के बाहर के राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं।

ठगी की पुरानी परंपरा, पर तकनीक से नई चाल

भारत में ठगी की परंपरा कोई नई नहीं। पुराने समय में जहां बहरूपिए रूप बदलकर लोगों को ठगते थे, आज वही बहरूपिए डिजिटल अवतार में सामने आ रहे हैं। साइबर ठगों ने अब "फेक कस्टमर केयर" और "फर्जी बैंक अधिकारी" बनकर एक नया रूप ले लिया है

आज का मोबाइल और इंटरनेट जहां सुविधा का साधन बना है, वहीं लापरवाही ठगी का कारण भी।

पुलिस का सतर्क ऑपरेशन, लेकिन सतर्क रहना आपकी जिम्मेदारी

इस पूरी कार्रवाई में इंस्पेक्टर नागेंद्र सिन्हा, एसआई खुर्शीद आलम और जसीडीह थाना प्रभारी दीपक कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही। लेकिन यह घटना फिर याद दिलाती है कि जरा सी चूक और अंधा विश्वास आपको साइबर ठगी का शिकार बना सकता है।

अगर कोई भी व्यक्ति कॉल पर बैंक या सिम बंद करने की बात करे, तो सतर्क रहें, OTP, पासवर्ड या कार्ड की जानकारी कभी साझा न करें।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।