Saraikela Protest Begins: सरायकेला में मजदूरों का हल्ला बोल! JMT Auto के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू

सरायकेला-खरसावां जिले में JMT Auto के मजदूरों को न्याय नहीं मिलने पर श्रमिक नेता राकेश्वर पांडे ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। जानिए पूरा मामला।

Mar 21, 2025 - 19:31
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Saraikela Protest Begins: सरायकेला में मजदूरों का हल्ला बोल! JMT Auto के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू
Saraikela Protest Begins: सरायकेला में मजदूरों का हल्ला बोल! JMT Auto के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू

सरायकेला: झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में JMT Auto Private Limited को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कंपनी के मजदूरों को फाइनल सेटलमेंट और समायोजन नहीं मिलने से नाराज श्रमिक नेता राकेश्वर पांडे ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। उन्होंने प्रशासन और कंपनी प्रबंधन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो बड़ा आंदोलन खड़ा होगा

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, JMT Auto Private Limited वर्षों से बंद पड़ी थी, लेकिन हाल ही में इसे रामकृष्ण फोर्जिंग ग्रुप ने टेकओवर कर लिया। कंपनी का नया प्रबंधन आया, मगर पुराने मजदूरों का फाइनल सेटलमेंट और समायोजन नहीं किया जा रहा है।

इससे मजदूरों में गहरा आक्रोश है। वे लगातार अपनी बकाया राशि और रोजगार की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, मगर प्रशासन और प्रबंधन दोनों ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

श्रमिक नेता का अंतिम प्रयास और प्रशासन की बेरुखी

मजदूरों की समस्या को लेकर श्रमिक नेता राकेश्वर पांडे शुक्रवार को जिला मुख्यालय पहुंचे और उपायुक्त से वार्ता की कोशिश की। लेकिन उपायुक्त की व्यस्तता के कारण बातचीत नहीं हो सकी। इससे मजदूरों का गुस्सा और भड़क गया।

इससे पहले राकेश्वर पांडे ने DLC (डिप्टी लेबर कमिश्नर) के समक्ष गुहार लगाई, लेकिन वहां से भी निराशा ही हाथ लगी। अब उन्होंने ऐलान कर दिया है कि यह लड़ाई आर-पार की होगी और मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठाया जाएगा।

JMT Auto: संघर्ष की नई कहानी

JMT Auto का इतिहास झारखंड के औद्योगिक विकास से जुड़ा है। कभी यह कंपनी हजारों मजदूरों के लिए रोजगार का बड़ा केंद्र थी, लेकिन बाद में वित्तीय संकट में फंस गई और बंद हो गई। अब जब इसे रामकृष्ण फोर्जिंग ग्रुप ने टेकओवर किया है, तो उम्मीद थी कि पुराने मजदूरों को न्याय मिलेगा।

लेकिन कंपनी प्रबंधन की बेरुखी और प्रशासन की चुप्पी ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।

मजदूरों का गुस्सा और आंदोलन की तैयारी

राकेश्वर पांडे ने साफ कहा कि इंटक (भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस) कंपनी के विकास के खिलाफ नहीं है, लेकिन अगर मजदूरों को उनका हक नहीं मिला, तो धरना-प्रदर्शन और विरोध तेज होगा

इस दौरान सैकड़ों मजदूरों की मौजूदगी ने यह संकेत दे दिया कि जल्द ही सरायकेला-खरसावां में बड़ा आंदोलन देखने को मिल सकता है

क्या कहता है प्रशासन और कंपनी प्रबंधन?

अब तक कंपनी प्रबंधन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। प्रशासन भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। लेकिन सवाल उठता है—क्या मजदूरों के हक की आवाज अनसुनी की जा सकती है?

सरायकेला के उद्योगों में बढ़ता विवाद

झारखंड के औद्योगिक इलाकों में मजदूरों और कंपनियों के बीच विवाद कोई नई बात नहीं है। पहले भी आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया और जमशेदपुर में कई फैक्ट्रियां बंद हुईं, जिससे हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए।

लेकिन इस बार मामला अलग है। JMT Auto पहले से विवादों में रहा है, और अब जब नया प्रबंधन आया है, तो मजदूरों की उम्मीदें भी बढ़ गई थीं। मगर जब उनके अधिकारों की अनदेखी होने लगी, तो आंदोलन की आग भड़क उठी।

क्या होगा आगे?

अब देखना यह होगा कि प्रशासन और कंपनी प्रबंधन कब तक मजदूरों की मांगों को अनदेखा कर सकते हैं। क्या मजदूरों को उनका हक मिलेगा, या फिर यह मामला भी राजनीतिक रंग ले लेगा?

एक बात तय है—अगर जल्दी समाधान नहीं निकला, तो आने वाले दिनों में सरायकेला एक बड़े श्रमिक आंदोलन का गवाह बन सकता है

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।