Jamshedpur Crime Exposed: जमशेदपुर में चोरी का खेल! कुख्यात अपराधी गिरफ्तार, पुलिस ने खोला बड़ा राज
जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र में हुए सनसनीखेज चोरी मामले का खुलासा, हिस्ट्रीशीटर यश शर्मा और गोल्डन कुमार सोनी गिरफ्तार। पुलिस ने लाखों की संपत्ति बरामद की, जानिए पूरा मामला।

जमशेदपुर: शहर में अपराधियों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। परसुडीह थाना पुलिस ने बीते 19 मार्च को प्रमथनगर निवासी समित्री घोष के घर हुई बड़ी चोरी का खुलासा कर दिया है। इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले दो शातिर अपराधी यश शर्मा और गोल्डन कुमार सोनी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने इनके पास से लाखों की संपत्ति बरामद की, जिसमें कैश, सोने-चांदी के गहने, मोबाइल फोन और चोरी के पैसे से खरीदी गई मोटरसाइकिल शामिल है।
कैसे हुई वारदात, क्या थी अपराधियों की प्लानिंग?
पुलिस के अनुसार, 19 मार्च की रात यश शर्मा और गोल्डन कुमार सोनी ने पूरी प्लानिंग के साथ चोरी को अंजाम दिया। पहले इलाके की रेकी की गई, फिर घर में घुसकर कैश और कीमती गहनों पर हाथ साफ कर दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों फरार हो गए और चोरी के पैसों से मौज-मस्ती करने लगे।
गिरफ्तारी कैसे हुई? पुलिस ने ऐसे बिछाया जाल
चोरी की घटना के बाद वरीय पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई। तकनीकी जांच और खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस अपराधियों तक पहुंची और उन्हें धर-दबोचा।
डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर फैज़ अहमद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि आरोपियों के पास से 35 हजार नकद, सोने की चेन, दो सोने की अंगूठियां, गलाया हुआ 4.220 ग्राम सोना, एक मोबाइल फोन, घड़ी, चोरी के पैसों से खरीदी गई अपाचे बाइक और आईफोन बरामद हुआ है।
यश शर्मा—अपराध की दुनिया का पुराना खिलाड़ी
गिरफ्तार आरोपी यश शर्मा कोई नया नाम नहीं है, बल्कि यह एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी है। उसके खिलाफ आधा दर्जन से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं और वह पहले भी कई बार जेल जा चुका है। हाल ही में जेल से बाहर आने के बाद उसने दोबारा आपराधिक दुनिया में कदम रखा और इस बड़े चोरी कांड को अंजाम दिया।
जमशेदपुर में क्यों बढ़ रहे अपराध?
जमशेदपुर, जिसे ‘टाटा नगरी’ के नाम से जाना जाता है, झारखंड का एक प्रमुख औद्योगिक शहर है। यहां अपराधों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। चोरी, लूट और स्नैचिंग जैसी घटनाएं आम हो गई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि बेरोजगारी और नशे की लत की वजह से युवा अपराध की ओर आकर्षित हो रहे हैं। कई बार ये अपराधी जेल से छूटने के बाद और ज्यादा खतरनाक बन जाते हैं, जैसा कि यश शर्मा के मामले में हुआ।
क्या पुलिस की कार्रवाई से बदलेगी स्थिति?
जमशेदपुर पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल चोरी मामले का खुलासा कर अपराधियों के हौसले जरूर पस्त किए हैं, लेकिन यह सवाल अब भी बना हुआ है—क्या अपराधियों का नेटवर्क पूरी तरह खत्म हो सकेगा?
पुलिस का कहना है कि इस तरह के मामलों पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाई जा रही है और आगे भी कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
गांव, शहर, जेल—कहां रुकेगा अपराधियों का सफर?
अब देखना यह होगा कि इस गिरफ्तारी के बाद जमशेदपुर में चोरी की घटनाएं रुकती हैं या फिर नए अपराधी इस जगह को अपना निशाना बनाते हैं। पुलिस की मुस्तैदी से कुछ समय के लिए अपराधियों के हौसले जरूर कम होंगे, लेकिन क्या यह स्थायी समाधान है?
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