Jamshedpur Celebration: बर्मामाइंस के चूनाभठा विद्यालय में धूमधाम से मनाई गई सरस्वती पूजा, छात्राओं ने मां सरस्वती से की विद्या की कामना
बर्मामाइंस के चूनाभठा विद्यालय में धूमधाम से सरस्वती पूजा मनाई गई! जानें इस खास अवसर पर विद्यालय में हुए आयोजन और विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना।
जमशेदपुर, बर्मामाइंस: उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय चूनाभठा में रविवार को सरस्वती पूजा को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह आयोजन वसंत पंचमी के अवसर पर किया गया, जो विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का पर्व है। इस मौके पर विद्यालय में पंडित रीता देवी द्वारा मूर्ति पूजा और हवन का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों और शिक्षकों ने भाग लिया।
विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए की गई कामना
पूजा के दौरान सभी ने मां सरस्वती से विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की और विद्या में सफलता पाने के लिए प्रार्थना की। पूजा स्थल को सजाया गया, और सभी ने एकत्रित होकर पूजा अर्चना की। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्रीलाल सिंह ने कहा, "आज वसंत पंचमी का दिन है, जब हम सरस्वती माता की पूजा करते हैं, ताकि हमारे विद्यार्थियों का ज्ञान वर्धन हो और वे **समाज में अच्छा स्थान प्राप्त करें।"
पूजा में शामिल हुए शिक्षक और छात्र-छात्राएं
सरस्वती पूजा के इस शुभ अवसर पर, विद्यालय के शिक्षक और छात्र-छात्राएं पूरे जोश के साथ शामिल हुए। प्राचार्य श्रीलाल सिंह, रीता कुमारी, लखी दास, राजेश कुमार, करनदीप सिंह और अन्य शिक्षकगण भी इस अवसर पर पूजा में उपस्थित थे। इसके अलावा, विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी पूरी श्रद्धा के साथ पूजा की और ज्ञान वर्धन की कामना की।
समाज में ज्ञान का प्रसार करने की आवश्यकता
सरस्वती पूजा का यह अवसर न केवल ज्ञान और विद्या की पूजा करने का था, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि समाज में शिक्षा का महत्व कितना ज्यादा है। शिक्षा से ही हम समाज में बदलाव ला सकते हैं, और यह त्योहार हमें इसी दिशा में प्रेरित करता है। विद्यालय के प्रमुखों और शिक्षकों ने इस दिन को एक खास अवसर के रूप में मनाया और विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा का ऐतिहासिक महत्व
वसंत पंचमी हिंदू धर्म में एक विशेष पर्व है, जिसे सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को माँ सरस्वती की पूजा की जाती है, जो ज्ञान, कला, और संगीत की देवी मानी जाती हैं। इस दिन को साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में विद्वानों द्वारा सराहा जाता है और यह छात्रों के लिए विशेष महत्व रखता है।
अध्यापक और छात्रों का उत्साह
सरस्वती पूजा में विद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों का उत्साह देखने योग्य था। इस कार्यक्रम ने समाज के विकास में शिक्षा के महत्व को एक बार फिर से साबित किया। सभी ने मिलकर ज्ञान की देवी माँ सरस्वती से आशीर्वाद लिया और अपने भविष्य को बेहतर बनाने का संकल्प लिया।
समाप्ति और शिक्षा का महत्व
इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि शिक्षा की कोई सीमा नहीं होती और हर व्यक्ति को यह अवसर मिलना चाहिए कि वह अपनी मेहनत और समर्पण से समाज में योगदान दे सके। सरस्वती पूजा के इस मौके पर विद्यालय ने यह सुनिश्चित किया कि उनके छात्र ज्ञान के क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें।
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