UN Questions: पाकिस्तान को लेकर UNSC का बड़ा एक्शन, पूछे गए कड़े सवाल, Pahalgam हमले पर मांगी जवाबदेही

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पाकिस्तान से कड़े सवाल पूछे हैं। परिषद ने लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका और पाकिस्तान के परमाणु बयानबाज़ी पर गंभीर चिंता जताई है।

May 6, 2025 - 11:17
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UN Questions: पाकिस्तान को लेकर UNSC का बड़ा एक्शन, पूछे गए कड़े सवाल, Pahalgam हमले पर मांगी जवाबदेही

जम्मू-कश्मीर के Pahalgam में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले को लेकर United Nations Security Council (UNSC) ने पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा कर दिया है। बंद कमरे में हुई इस गोपनीय बैठक में UNSC के सदस्यों ने पाकिस्तान से तीखे सवाल पूछे, लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका को लेकर स्पष्टता मांगी और परमाणु धमकी वाली बयानबाज़ी को गंभीर उकसावे वाला कदम बताया।

यह हमला उस समय हुआ जब 25 पर्यटक और एक स्थानीय पोनी राइड ऑपरेटर पहलगाम में छुट्टियां मना रहे थे। आतंकियों ने बेगुनाहों पर गोलीबारी की, जिसमें सभी की मौके पर ही मौत हो गई। हमले के बाद जो सबूत सामने आए, उन्होंने पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की ओर साफ इशारा किया। यही वजह रही कि पाकिस्तान का यह प्रयास कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को "भारत की साजिश" वाली False Flag थ्योरी से भ्रमित कर दे — नाकाम हो गया।

UNSC की मीटिंग में क्या हुआ?

गोपनीय बैठक में शामिल सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन जैसे स्थायी सदस्य देशों ने पाकिस्तान के हालिया मिसाइल परीक्षण और युद्धक बयानबाज़ी पर नाराज़गी जताई। सदस्यों ने आतंकियों द्वारा धार्मिक पहचान के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाए जाने को लेकर भी चिंता जताई।

गौरतलब है कि पाकिस्तान खुद इस समय UNSC का अस्थायी सदस्य है और उसने ही ग्रीस की अध्यक्षता वाले परिषद से इस मसले पर closed consultation की मांग की थी। लेकिन इसका परिणाम उल्टा निकला।

सभी सदस्यों ने पाकिस्तान को भारत के साथ मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से हल करने की सलाह दी और आतंक पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने को कहा।

इतिहास क्या कहता है?

भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर विवाद कोई नया नहीं है। 1947 में विभाजन के बाद से ही यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में कई बार उठ चुका है, लेकिन पाकिस्तान का आतंक को समर्थन देना स्थिति को लगातार बदतर बनाता आया है। 2008 के मुंबई हमले, 2016 के उरी हमले और 2019 के पुलवामा हमले में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों की भूमिका पहले भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर हो चुकी है।

पाकिस्तानी प्रतिक्रिया और दुनिया का रुख

बैठक के बाद पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार ने मीडिया को बताया कि उनके देश ने भारत के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है और भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है।

हालांकि, UNSC या भारत की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं हुआ है।

इस दौरान ट्यूनिशिया के राजनयिक खालिद मोहम्मद खियारी ने स्थिति को ‘अस्थिर’ बताया और शांति पूर्ण संवाद की अपील की। वहीं, यून महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी कहा कि "सेना के बल से हल नहीं निकलता", और दोनों देशों को संयम बरतने की सलाह दी।

भारत का कड़ा रुख

हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानियों के वीज़ा रद्द करने, और सिंधु जल संधि को निलंबित करने जैसे कड़े कदम उठाए हैं। यह पहली बार नहीं है जब भारत ने आतंक पर सीधी कार्रवाई की है, लेकिन इस बार अंतरराष्ट्रीय मंच से भी पाकिस्तान पर दबाव बढ़ता दिख रहा है।

UNSC की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि वैश्विक समुदाय अब पाकिस्तान की दोहरी नीति — एक ओर आतंकवाद को बढ़ावा और दूसरी ओर पीड़ित बनने की कोशिश — को समझ चुका है। पहलगाम हमला न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी है कि आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का समय आ चुका है।

क्या पाकिस्तान अब भी अपनी पुरानी नीतियों से बाहर निकलेगा? या फिर एक बार फिर विश्व समुदाय के सामने केवल बयानबाज़ी ही करेगा? आने वाले दिन इन सवालों का जवाब देंगे।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।