Hazaribagh Murder : कुएं से मिला शव, सिर पर गंभीर चोट, मर्डर या हादसा?
हजारीबाग के खिरगांव में कुएं से मिला एक व्यक्ति का शव, सिर पर मिले चोट के निशान से हत्या की आशंका, परिजनों का फूटा गुस्सा।

हजारीबाग का खिरगांव इलाका मंगलवार की सुबह एक रहस्यमयी घटना का गवाह बना, जब सिमरा रेस्ट हाउस के पीछे स्थित एक पुराने कुएं से एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ। इस खबर ने न सिर्फ इलाके में सनसनी फैला दी, बल्कि एक बार फिर से हजारीबाग की शांति को झकझोर कर रख दिया।
शव की पहचान और पहली नजर में संदेह
शव की पहचान खिरगांव पांडे टोला निवासी भुटाली पांडेय के रूप में हुई है। सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि मृतक के सिर पर गहरी चोट के निशान पाए गए हैं। यही वजह रही कि परिजनों ने तुरंत हत्या की आशंका जताई और मामले को लेकर स्थानीय लोगों में रोष फैल गया।
भीड़ का आक्रोश, सड़क जाम
जैसे ही शव मिलने की सूचना पूरे इलाके में फैली, सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। गुस्साए लोगों ने सड़क को जाम कर दिया और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि यह महज दुर्घटना नहीं हो सकती, बल्कि किसी गहरी साजिश का हिस्सा है।
पुलिस की जांच और चुप्पी
सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आसपास लगे CCTV कैमरों की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, इस मामले में पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, जिससे संदेह और बढ़ गया है।
इतिहास गवाह है...
हजारीबाग के खिरगांव जैसे अर्ध-शहरी इलाकों में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। 2018 में इसी इलाके के पास एक व्यक्ति की संदिग्ध हालत में मौत हुई थी, जिसका शव रेलवे ट्रैक पर मिला था। बाद में जांच में खुलासा हुआ कि उसे पहले मारा गया और फिर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई थी। ऐसे मामलों में पुलिस की देर से कार्रवाई और अस्पष्ट रिपोर्ट ने कई बार परिजनों को न्याय से वंचित किया है।
भुटाली पांडेय कौन था?
स्थानीय सूत्रों की मानें तो भुटाली पांडेय एक शांत स्वभाव के व्यक्ति थे, जिनकी किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी। हालांकि, कुछ दिनों से वे किसी तनाव में दिखाई दे रहे थे। परिवार ने बताया कि वह सोमवार की शाम से लापता थे और उनका मोबाइल भी बंद आ रहा था। उनकी संदिग्ध हालात में मौत ने पूरे मोहल्ले को गहरे सदमे में डाल दिया है।
क्या कहता है कानून और जनता
स्थानीय समाजसेवी संगठनों और ग्रामीणों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए। वहीं, पुलिस का कहना है कि सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है — चाहे वह हत्या हो, आत्महत्या हो या कोई और वजह।
अंत में...
भुटाली पांडेय की रहस्यमयी मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हम वाकई सुरक्षित हैं? क्या प्रशासन और पुलिस हमारी रक्षा करने में सक्षम हैं, या फिर जब तक जनदबाव न हो, तब तक जांच की रफ्तार धीमी ही रहती है?
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या पुलिस इस रहस्य की परतें खोल पाएगी या यह मामला भी अनसुलझे फाइलों की भीड़ में खो जाएगा?
क्या भुटाली की मौत एक सामान्य हादसा थी या सुनियोजित हत्या? जवाब की तलाश में है पूरा हजारीबाग।
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