Alwar Infiltration: NCR का यह इलाका बन गया बांग्लादेशियों का हब, 2 दिन में गिरफ्तार हुए 177 घुसपैठिए
अलवर और भिवाड़ी में दो दिनों में 177 बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े गए, जो बिना वैध दस्तावेजों के पश्चिम बंगाल से दिल्ली और फिर NCR पहुंचे थे। यह पूरा क्षेत्र अब अवैध घुसपैठियों का गढ़ बनता जा रहा है।

Alwar Infiltration — क्या आपने कभी सोचा है कि दिल्ली के बिल्कुल नजदीक कोई ऐसा इलाका हो सकता है, जहां हजारों की संख्या में अवैध बांग्लादेशी नागरिक बिना किसी वैध दस्तावेज के रह रहे हों? अगर नहीं, तो अलवर और भिवाड़ी का हाल आपको चौंका सकता है। पिछले दो दिनों में ही पुलिस ने 177 घुसपैठियों को धर-दबोचा है, और ये संख्या अभी और बढ़ सकती है।
दिल्ली से चंद कदम दूर, बांग्लादेशियों का बसेरा!
राजस्थान के अलवर जिले का भिवाड़ी क्षेत्र, जो NCR का हिस्सा है, अब बांग्लादेशी घुसपैठियों का सबसे बड़ा ठिकाना बन गया है। यहां हजारों औद्योगिक इकाइयां हैं, जहां मजदूरी, कबाड़ खरीद-बिक्री, कचरा बीनने जैसे कामों में ये घुसपैठिए लगे हुए हैं।
इतिहास से सबक नहीं लिया गया?
बांग्लादेशी घुसपैठ कोई नया मुद्दा नहीं है। भारत-बांग्लादेश सीमा की खुली व्यवस्थाएं, खासकर पश्चिम बंगाल के रास्ते, दशकों से देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बनती रही हैं। 1971 के बाद से बांग्लादेशियों की घुसपैठ में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है। अब हालात ऐसे हो चुके हैं कि ये घुसपैठिए न केवल बस रहे हैं, बल्कि अपनी पहचान भी छिपाने में माहिर हो चुके हैं।
कहां से और कैसे पहुंचे ये लोग?
पुलिस के अनुसार ये सभी बांग्लादेशी नागरिक पश्चिम बंगाल से सीमा पार कर दिल्ली पहुंचे, फिर दिल्ली से बस या ट्रेन पकड़कर सीधे अलवर और भिवाड़ी के औद्योगिक क्षेत्रों में आ बसे। दिल्ली से अलवर की कनेक्टिविटी इतनी सहज है कि कोई भी यहां आकर छुप सकता है।
भिवाड़ी बना बड़ा केंद्र
भिवाड़ी, नीमराना, टपुकड़ा, खुशखेड़ा और चौपानकी जैसे क्षेत्रों में हजारों औद्योगिक इकाइयां हैं। इन्हीं यूनिट्स में ये लोग बिना किसी वैध पहचान पत्र के काम करते हैं। एडिशनल एसपी तेजपाल सिंह के मुताबिक, इन सभी के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं मिला है।
पुलिस की कार्रवाई और अलर्ट
खुफिया एजेंसियों और मुखबिरों से मिले इनपुट के आधार पर पुलिस ने भिवाड़ी फेज-III, तिजारा, जैराली और शेखपुर अहीर थाना क्षेत्रों में छापेमारी कर 177 घुसपैठियों को गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस ने उद्योगपतियों और मकान मालिकों से अपील की है कि वे अपने सभी कर्मचारियों और किरायेदारों का पुलिस सत्यापन अवश्य कराएं।
क्या और भी लोग हैं छुपे हुए?
ये तो बस शुरुआत है। अनुमान है कि भिवाड़ी-अलवर क्षेत्र में सैकड़ों नहीं, हजारों बांग्लादेशी बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे हैं। ये लोग लगातार अपना ठिकाना बदलते रहते हैं, जिससे इनका पकड़ में आना मुश्किल हो जाता है।
क्यों नहीं लगती रोक?
इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एक शहर में छुप जाना कोई सामान्य बात नहीं है। इसके पीछे सवाल उठते हैं – क्या स्थानीय प्रशासन और औद्योगिक मालिकों की मिलीभगत है? क्या राजनीतिक लाभ के लिए इस समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है?
अलवर और भिवाड़ी जैसे इलाकों का तेजी से 'घुसपैठियों का हब' बन जाना देश की आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने के लिए गंभीर खतरा है। अगर जल्द ही इस पर कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो NCR के अन्य शहर भी इसी संकट में घिर सकते हैं।
क्या आपके शहर में भी ऐसे लोग हो सकते हैं? क्या आप सतर्क हैं?
सवाल अब आप पर है – जागरूक बनें, सतर्क रहें, और अपने आस-पास की गतिविधियों पर नजर रखें।
क्या आप जानना चाहेंगे कि आपके क्षेत्र में कितने विदेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं?
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